उपायुक्त हेमराज बैरवा ने किया 40वीं राज्य स्तरीय अंडर-14 एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ
एथलेटिक्स प्रतियोगिता में प्रदेशभर से 450 खिलाड़ी ले रहे हैं भाग

धर्मशाला, 4 नवम्बर 2025: उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने आज यहां सिंथेटिक एथलैटिक्स ट्रैक मैदान धर्मशाला में दीप प्रज्वलित कर हिमाचल स्कूल खेल संगठन एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित 40वीं राज्य स्तरीय अंडर-14 वार्षिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और ध्वजारोहण के साथ हुई।
इस अवसर पर उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि धर्मशाला को इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता की मेजबानी करने का अवसर मिलना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों से आए बच्चे न केवल अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे बल्कि उन्हें इस क्षेत्र की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य को भी देखने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे खेल आयोजनों से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। केवल किताबी शिक्षा पर्याप्त नहीं होती, बल्कि खेल बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता विकसित करते हैं। यह प्रतियोगिताएं न केवल राज्य स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने का अवसर देते हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर नई प्रतिभाओं की पहचान करने में भी सहायक होती हैं।
उन्होंने कहा कि खेल अब जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं और यह आवश्यक है कि स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में खेल गतिविधियों को प्रमुखता दी जाए, ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ रचनात्मक और शारीरिक रूप से सक्रिय बने रहें।
इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी 12 जिलों से लगभग 450 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता 4 से 7 नवम्बर 2025 तक चार दिनों तक चलेगी, जिसमें प्रारंभिक दो दिन लड़कों की स्पर्धाएं तथा अगले दो दिन लड़कियों की स्पर्धाएं आयोजित होंगी। स्पर्धाओं में शाॅट पुट, डिस्कस थ्रो, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 4×400 मीटर रिले दौड़, हाई जंप, लांग जंप और कुरैश प्रतियोगिता शामिल हैं।
इस अवसर पर सुरेंद्र शर्मा, टेक्निकल असिस्टेंट, शिमलाय अजय संब्याल, डिप्टी डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन जिला चंबाय यशपाल मनकोटिया, प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बॉयज धर्मशाला (प्रबंधक सचिव) सहित सभी जिलों के एडीपीईओ और जिला खेल प्रभारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं, जिनमें विद्यार्थियों ने खेल भावना, एकता और अनुशासन का संदेश दिया।
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अवैध खनन पर कड़ी निगरानी, बिना अनुमति खनन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई: हेमराज बैरवा

धर्मशाला, 4 नवम्बर: जिला कांगड़ा में अवैध खनन की गतिविधियों पर पूर्ण नियंत्रण एवं एनजीटी के दिशा-निर्देशों के अनुपालन को लेकर आज उपायुक्त हेमराज बैरवा की अध्यक्षता में उपायुक्त सभागार धर्मशाला में समीक्षा बैठक आयोजित की गई, एडीसी कांगड़ा विनय कुमार, एएसपी कांगड़ा वीर बहादुर, जिला खनन अधिकारी राजीव कालिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, वन विभाग तथा पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बैठक में जिला में चल रही खनन गतिविधियों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नवीन दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी खनन कार्यों को नियंत्रित किया जाए तथा निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के खनन करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि पर्यावरण संरक्षण और जनहित से जुड़े मानकों का उल्लंघन न हो। उपायुक्त ने सभी उपमंडल अधिकारियों एवं खनन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संवेदनशील खनन स्थलों का नियमित निरीक्षण करें, और यदि कहीं भी अवैध खनन की गतिविधि पाई जाती है तो तुरंत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन द्वारा अवैध खनन पर पूर्ण नियंत्रण के लिए संयुक्त निरीक्षण दलों को सक्रिय किया जाएगा, जिसमें राजस्व, पुलिस, वन एवं खनन विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। इन दलों को नियमित रूप से कार्रवाई करने और उसके परिणामों की रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त बैरवा ने कहा कि अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है बल्कि नदियों, सड़कों और स्थानीय बुनियादी ढांचे पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। ऐसे में इस समस्या को रोकना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि खनन से जुड़ी सभी गतिविधियों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए तथा खनन क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी चलाए जाएं ताकि स्थानीय लोग नियमों का पालन करें और अवैध गतिविधियों में संलिप्त न हों।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील खनन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से निगरानी की जाएगी तथा अवैध खनन की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला प्रशासन पर्यावरण संरक्षण और जनहित के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और अवैध खनन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
इस अवसर पर एसडीएम शाहपुर करतार चंद, एसडीएम नूरपुर अरुण शर्मा, एसडीएम ज्वालामुखी डाॅ. संजीव शर्मा, एसडीएम धर्मशाला मोहित रत्न, एसडीएम जयसिंहपुर संजीव ठाकुर, एसडीएम बैजनाथ संकल्प गौतम, एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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एन.डी.एम.ए. के विशेषज्ञों के साथ जिला कांगड़ा में आयोजित हुई पी.डी.एन.ए. की बैठक
आपदा से हुए नुकसान पर हुई विस्तृत समीक्षा, एडीएम शिल्पी बेक्टा की बैठक की अध्यक्षता

धर्मशाला, 4 नवम्बर: मानसून 2025 के दौरान जिला कांगड़ा में हुई प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान और राहत कार्यों की समीक्षा के उद्देश्य से पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए-2025) के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की विशेषज्ञ टीम के साथ आज एक महत्वपूर्ण बैठक डीसी कार्यालय धर्मशाला के एनआईसी के सभागार में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) शिल्पी बेक्टा ने की।
बैठक के दौरान विभिन्न विभागाध्यक्षों ने वर्ष 2025 के मानसून के दौरान हुए नुकसानों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। एडीएम शिल्पी बेक्टा ने बताया कि मानसून के दौरान जिला में विभिन्न स्थानों पर प्राकृतिक आपदा के कारण 773 लोगों को विभिन्न स्थानों से सुरक्षित निकाला गया तथा 28 मानव जीवनों एवं 544 पशुओं की हानि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण 1,857 से अधिक मकानों व गौशालाओं को आंशिक या पूर्ण क्षति हुई है। इसके अलावा अनुसार सड़कों को हुए नुकसान की अनुमानित लागत 350 करोड़ से अधिक आँकी गई है जबकि जल शक्ति विभाग द्वारा रिपोर्ट की गई कुल क्षति 261 करोड़ रुपये से अधिक रही है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में लगभग 863 हेक्टेयर फसलें प्रभावित हुईं, जिससे 316 लाख रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान है इसके अलावा बागवानी, शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों द्वारा क्रमशः 207 लाख रुपये, 716 लाख रुपये और 591 लाख रुपये की क्षति दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-503 पर हुए नुकसान का अनुमान लगभग 15 रुपये करोड़ आंका गया है।
शिल्पी बेकटा ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे वर्ष 2025 की आपदा से संबंधित सभी अद्यतन आँकड़े निर्धारित पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करें, ताकि एक समग्र व सटीक रिपोर्ट राज्य व केंद्र सरकार को प्रस्तुत की जा सके। उन्होंने कहा कि पीडीएनए का उद्देश्य आपदा के प्रभावों का वास्तविक मूल्यांकन कर भविष्य की आपदा प्रबंधन योजनाओं को और प्रभावी बनाना है।
इस अवसर पर पीडीएन के विशेषज्ञों ने जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से आपदा के दौरान हुए नुकसान बारे विस्तृत चर्चा की।
इससे पूर्व सेक्टोरल एक्सपर्ट्स ने जिला के विभिन्न प्रभावित दौरा कर आपदा से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन किया।
इस दौरान उपायुक्त कांगड़ा ने भी सेक्टोरल एक्सपर्टस, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ अमित टंडन, एनआईडीएम आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ मंजीत सिंह, पूर्व एनएचएआई आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ विनय कुमार, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ एचपीएसडीएमए नितिन शर्मा से मौनसून सीजन के दौरान जिला कांगड़ा में विभिन्न स्थानों पर हुए नुकसान बारे चर्चा की। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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