धर्मशाला, 18 दिसंबर-राजकीय महाविद्यालय, धर्मशाला के प्रयास भवन में आज हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार की अध्यक्षता में कृषि विभाग द्वारा उत्तर क्षेत्र के पाँच जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर तथा ऊना में कार्यान्वित विभिन्न कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में प्राकृतिक खेती सहित राज्य एवं केंद्र प्रायोजित योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। प्राकृतिक खेती की तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचाने हेतु किए जा रहे प्रयासों पर विशेष चर्चा हुई।
कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को कम प्रीमियम पर कृषि ऋण लेने तथा अपनी फसलों का बीमा करवाने हेतु प्रेरित करें, ताकि किसानों की आय में स्थिरता आए और वे अपनी आजीविका बेहतर ढंग से चला सकें। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि किसानों की उपज के लिए अच्छे बाजारों से समन्वय स्थापित किया जाए, जिससे किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम मिल सकें।
उन्होंने कहा कि विभाग के युवा अधिकारी नई तकनीकों एवं नवाचारों के साथ आगे आएँ और किसानों को बाजार की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करने के लिए प्रेरित करें।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने तथा प्राकृतिक उत्पादों को उपभोक्ताओं तक सुगमता से पहुँचाने के उद्देश्य से हाल ही में प्रदेश स्तर पर प्राकृतिक खेती से संबंधित इकाइयों का पुनर्गठन किया गया है। इसके अंतर्गत प्रदेश को तीन जोनों में विभाजित किया गया है तथा इनके जोनल कार्यालय शिमला, मंडी एवं धर्मशाला में स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके उत्पादों के विपणन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि उत्पादक किसानों को उचित बाजार सुविधा उपलब्ध हो सके। इसी क्रम में प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं का आटा एवं दलिया सरकारी राशन डिपुओं, आत्मा परियोजना कार्यालयों तथा कृषि विभाग के अन्य कार्यालयों के माध्यम से उपलब्ध करवाया गया है।
कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उत्तर क्षेत्र में 405 विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र आवंटित किए गए हैं, 24,182 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं तथा 3,43,843 किसान क्रेडिट कार्ड किसानों को उपलब्ध करवाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कॉफी की पैदावार को बढ़ावा देने हेतु संबंधित अधिकारी उपयुक्त भूमि का चिन्हांकन करें। साथ ही चाय बागानों के मालिकों को अपने चाय बगीचों में नवाचार तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को उनके लिए संचालित विभिन्न कृषि योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।
बैठक के दौरान संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. राहुल कटोच ने कृषि मंत्री का स्वागत किया तथा विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने आश्वस्त किया कि मंत्री महोदय के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों की विस्तृत जानकारी एकत्रित की जा रही है, जिसे शीघ्र ही प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि बैठक में दिए गए सभी दिशा-निर्देशों की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी।
इस समीक्षा बैठक में संबंधित पाँचों जिलों के उप कृषि निदेशक, आत्मा परियोजना निदेशक, मंडलीय अभियंता (भू-संरक्षण), उप-मंडलीय भू-संरक्षण अधिकारी, विषय-वस्तु विशेषज्ञ तथा कृषि विकास अधिकारी उपस्थित रहे।