मनरेगा में श्रमदिवस बढ़ाने पर फोकस करें, हर सोमवार होगी समीक्षा : अपूर्व देवगन
ग्रामीण विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर बीडीओ की समीक्षा बैठक में बोले उपायुक्त
मंडी, 18 दिसम्बर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने डीआरडीए सम्मेलन कक्ष में आयोजित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज योजनाओं की समीक्षा के लिए खंड विकास अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को मनरेगा के अंतर्गत श्रमदिवस बढ़ाने पर फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर व्यक्तिगत तौर पर कार्य करते हुए जो कार्य अभी तक शुरू नहीं हुए हैं, उन्हें तत्काल शुरू करवाया जाए तथा इसकी नियमित समीक्षा प्रत्येक सोमवार को की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले जी.आर.एस और तकनीकी सहायकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में इस वर्ष 53.19 लाख के लक्ष्य के मुकाबले अभी तक 37.97 लाख श्रमदिवस ही सृजित हो पाए हैं।
उपायुक्त ने मनरेगा के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्य शुरू न होने पर सभी बीडीओ को संबंधित सीडीपीओ के साथ मिलकर मौके का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां भूमि की उपलब्धता के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है, वहां एफआरए केस बनाकर मामला आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी बीडीओ एक सप्ताह के भीतर स्थलीय निरीक्षण सुनिश्चित करें। जिले में मनरेगा के तहत 76 आंगनबाड़ी केंद्र प्रस्तावित हैं, जिनमें से अभी तक केवल 32 केंद्रों का ही कार्य शुरू हो पाया है।
उपायुक्त ने मनरेगा श्रमिकों की ई-केवाईसी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि आगे केवल ई-केवाईसी पूर्ण होने की स्थिति में ही भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 3,21,520 श्रमिकों के मुकाबले अभी तक 2,20,845 श्रमिकों की ही केवाईसी हो पाई है। इसके साथ ही उन्होंने अमृत सरोवर चरण दो के अंतर्गत प्रस्तावित 49 अमृत सरोवरों के निर्माण कार्य भी शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आजीविका सृजन इसका मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ऑनलाइन मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि मधु मांडव परियोजना के लिए प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग में मंडी जिला को शामिल किया गया है, जिससे परियोजना को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के माध्यम से ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाई जा सकती है।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मंडी गुरसिमर सिंह, जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा, जिला विकास अधिकारी ग्रामीण विकास गोपी चंद पाठक, डॉ मनु वर्मा आईएएस प्रोबेशनर तथा जिले के सभी खंड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
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एंटी चिट्टा अभियान के तहत मंडी में संकल्प कार्यक्रम आयोजित
कार्यालयों में नशे के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति को लेकर लिया गया सामूहिक संकल्प
मंडी, 18 दिसम्बर। श्रम कल्याण अधिकारी मंडी अनिल ठाकुर ने बताया कि मंडी जिला में कामगार कल्याण बोर्ड के सभी कार्यालयों एवं उप-कार्यालयों में संकल्प कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा 15 नवम्बर को प्रारम्भ किए गए प्रदेशव्यापी एंटी चिट्टा अभियान के अंतर्गत नशामुक्त हिमाचल के संकल्प को मजबूत करने के उद्देश्य से तथा हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर के निर्देशानुसार इन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रमों के दौरान अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नशे के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति का समर्थन किया तथा नशा उन्मूलन के प्रति जागरूकता फैलाने और इसमें सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर यह भी निर्णय लिया गया कि कार्यालय परिसरों के साथ-साथ समाज में भी नशे के दुष्प्रभावों के प्रति निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
संकल्प कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया गया कि नशा समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है, जिसका स्थायी समाधान तभी संभव है जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति इसमें सक्रिय सहभागिता निभाए। कार्यक्रम का समापन नशामुक्त समाज के निर्माण हेतु सामूहिक प्रतिबद्धता की शपथ के साथ किया गया।
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मिशन शक्ति एवं पोषण भी पढ़ाई भी पहल पर जिला-स्तरीय कार्यशाला संपन्न
महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर रणनीति और समन्वय पर रहा फोकस
मंडी, 18 दिसंबर। जिला परिषद भवन मंडी के सभागार में मिशन शक्ति योजनाओं तथा पोषण भी पढ़ाई भी पहल पर आयोजित दो दिवसीय जिला-स्तरीय कार्यशाला का समापन हो गया। कार्यशाला का उद्देश्य महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी, गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध क्रियान्वयन को लेकर जिला स्तर पर समन्वित रणनीति तैयार करना रहा।
कार्यशाला के दौरान योजनाओं की वर्तमान प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ फील्ड स्तर पर सामने आ रही व्यवहारिक चुनौतियों पर केंद्रित चर्चा की गई। पोषण भी पढ़ाई भी पहल के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल पोषण और प्रारंभिक शिक्षा को एकीकृत रूप से मजबूत करने, मिशन शक्ति के तहत महिला सशक्तिकरण और संरक्षण से जुड़े उपायों, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन से जुड़े अनुभवों तथा जिले की पोषण स्थिति और कुपोषण से निपटने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया।
कार्यशाला में सभी परियोजनाओं से सीडीपीओ, ब्लॉक समन्वयक और पर्यवेक्षकों ने भाग लेते हुए अपने क्षेत्रीय अनुभव साझा किए। दो दिनों के मंथन में योजनाओं के क्रियान्वयन में आपसी समन्वय, निगरानी और जमीनी स्तर पर प्रभाव बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया।