हिसार. 06.12.25-- अग्रोहा धाम में श्री मद् भागवत कथा का समापन के अगले दिन हवन-पूजन व भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अग्रोहा धाम वैश्य समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कथा के अनुसार कंस का अन्त करने के लिए भगवान श्री कृष्ण मथुरा पहुँचे थे। भगवान श्री कृष्ण जी ने कंस का वध करके मथुरा में आंतक से मुक्त किया था।
बजरंग गर्ग ने कहा कि भागवत कथा के सात दिनों तक श्रवण करने से जीवन का उद्धार हो जाता है। कथा करवाने वाला पुण्य के भागी होते है। गीता का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपदेश यह था कि सभी धर्मों (कर्तव्यों) का त्याग करके भगवान श्री कृष्ण जी की शरण में आओं भगवान श्री कृष्ण जी के शरण में आने से मन को शान्ति मिलती है और घर में सुख शान्ति बनी रहती है। शास्त्रों और परंपरा के अनुसार भगवान शिव जी ने स्वयं घोषित किया है कि पूर्ण सदा के साथ 7 दिन तक लगातार श्री मद् भागवत का श्रवण करने से जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है। पूजा व भंडारे में भारी संख्या में धर्म प्रेमियों ने परिवार सहित भाग लिया।
इस अवसर पर त्रिलोकी महाराज, अग्रोहा धाम से गिरीश शास्त्री, पण्डित राज कुमार शर्मा, विरजेश शर्मा, दलीप शर्मा, राजकुमार पाण्डे, सतेंद्र शर्मा, हरीश शर्मा, सुभाष गर्ग, पवन बंसल, बजरंग असरावां, महेश अग्रवाल, आनन्द अग्रवाल, निरंजन गोयल, राजेंद्र बंसल, संदीप कुमार आदि समाजसेवी मौजूद थे।