षडय़ंत्र के तहत अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटें खाली रख रही बीजेपी सरकार: चौधरी अभय सिंह चौटाला
डीएससी के 60 में से 1, ओएससी के 60 में से 2, बीसीए के 85 में से 3, बीसीबी के 36 में से 5, ईडब्ल्यूएस के 60 में से 6 और जनरल कैटेगरी के 312 पद थे और पास हुए सिर्फ 134, बाकी सारी सीटें खाली रही
हैरानी - जिस हरियाणा के बच्चे जो यूपीएससी पेपर पास करके आईएएस और आईपीएस बनते हैं और भी उच्च पदों पर चयनित किए जाते हैं, नेट और जेआरएफ टॉपर हैं, उस हरियाणा के 75 प्रतिशत बच्चे एक असिस्टेंट प्रोफेसर का पेपर भी पास नहीं कर पाए?
यह पूरा खेल बाहर के प्रदेशों के लोगों को हरियाणा की सरकारी नौकरी में स्थाई रूप से समायोजित करने का एक गहरा षडय़ंत्र है
चंडीगढ़, 5 दिसंबर। इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने बीजेपी सरकार को दलित एवं पिछड़ा वर्ग के साथ साथ सामान्य वर्ग विरोधी सरकार बताते हुए कहा कि से किसी के भी सगे नहीं हैं। हाल ही में एचपीएससी ने अंग्रेजी विषय के कॉलेज कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर के 613 पदों के लिए परीक्षा ली थी जिसका अभी दो दिन पहले रिजल्ट जारी किया गया है। हैरानी की बात यह है कि परीक्षा में शामिल लगभग 2200 उम्मीदवारों में से केवल 151 उम्मीदवार ही न्यूनतम 35 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पाए हैं। डीएससी के 60 पद थे, सिर्फ 1 पास हुआ। ओएससी के 60 पदों में से 2 पास हुए। बीसीए के 85 पद थे और सिर्फ 3 पास हुए। बीसीबी के 36 पद थे, पास हुए मात्र 5। ईडब्ल्यूएस के 60 पद थे और पास हुए मात्र 6। जनरल कैटेगरी के 312 पद थे और पास हुए सिर्फ 134। इससे पहले भी एचसीएस, एडीओ, पीजीटी और लेक्चरर की भर्तियों में भी 50 से 70 प्रतिशत पद खाली रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या जिस हरियाणा के बच्चे जो यूपीएससी पेपर पास करके आईएएस और आईपीएस बनते हैं और भी उच्च पदों पर चयनित किए जाते हैं, नेट और जेआरएफ टॉपर हैं, उस हरियाणा के 75 प्रतिशत बच्चे एक असिस्टेंट प्रोफेसर का पेपर भी पास नहीं कर पाए?। अभी तक की एचपीएससी की सारी भर्तियां धांधली के चलते चर्चा में रही हैं। यह पूरा खेल बाहर के प्रदेशों के लोगों को हरियाणा की सरकारी नौकरी में स्थाई रूप से समायोजित करने का एक गहरा षडय़ंत्र है। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटें भी खाली रखी जा रही हैं जिन्हें आगे चलकर कुछ सालों बाद पूरी तरह से यह कहकर खत्म कर दिया जाएगा कि इनकी जरूरत नहीं है।