ऊना में ‘नीली क्रांति’ का नया अध्याय

‘ब्लू इकोनॉमी’ ने बदली तस्वीर, मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना बनी विकास, आजीविका और पर्यावरण पुनर्जीवन की धुरी

सीएम की सोच पर आकार ले रहा स्वावलंबन का नया मॉडल

ऊना, 28 नवम्बर. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में पहाड़ी इलाकों की बंजर ज़मीन आज समृद्धि की नई दास्तान लिख रही है। इस बदलाव के केंद्र में है राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना । इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देते हुए ऊना को ‘ब्लू इकोनॉमी’ का ऐसा उल्लेखनीय मॉडल प्रदान किया है, जिसकी चर्चा अब पूरे प्रदेश में हो रही है। महज एक वर्ष में बंगाणा और श्री चिंतपूर्णी क्षेत्र में जिस तेज़ी से परिवर्तन आया है, वह न सिर्फ़ सराहनीय है, बल्कि अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरा है।


बता दें, प्रदेश के मत्स्य पालन विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही इस योजना में किसानों को कार्प मत्स्य पालन के तालाब निर्माण के लिए इकाई लागत पर 80 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा साल 2024 में आरंभ की गई इस योजना का लक्ष्य राज्य की मछली पालन क्षमता को बढ़ावा देने के साथ युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना है।


*जहां खेती मुश्किल थी, वहीं अब विकास की बयार
योजना में अब तक 2.8 हेक्टेयर भूमि कवर, 10 किसानों को 28 लाख की सहायता
मत्स्य पालन विभाग ऊना के सहायक निदेशक विवेक कुमार बताते हैं कि बंगाणा और श्री चिंतपूर्णी में कई जगह भूमि पथरीली, कठोर और खेती के लिए लगभग अनुपयोगी थी। जंगली जानवरों का जोखिम किसानों को और पीछे धकेल देता था। ऐसे में मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना ने किसानों को एक मजबूत विकल्प उपलब्ध कराया। केवल एक साल के भीतर आज वही भूमि उच्च मूल्य वाले मत्स्य उत्पादन केंद्रों में बदल चुकी है। अब तक 2.8 हेक्टेयर भूमि इस योजना में कवर की जा चुकी है। 10 किसानों को लगभग 28 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। इनमें से 2.12 हेक्टेयर भूमि बंगाणा और चिंतपूर्णी क्षेत्र में है, जिन्हें 21.03 लाख रुपये की सहायता स्वीकृत हुई। अब तक 10 तालाब सफलतापूर्वक निर्मित हो चुके हैं, जो उत्पादन, आय और रोजगार के स्थायी स्रोत बन रहे हैं।
*सीएम की दूरदर्शी सोच से आकार लेता स्वावलंबन का मॉडल


मत्स्य पालन विभाग के निदेशक विवेक चंदेल का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की प्राथमिकता पहाड़ी क्षेत्रों में स्वरोजगार आधारित आर्थिक गतिविधियों को मज़बूत करना है। मुख्यमंत्री की इस सोच को जमीन पर लाने में मत्स्य पालन विभाग अपने स्तर पर लगातार प्रयासरत है। इसमें सरकार की मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना बेहद महत्वपूर्ण पहल है। पहाड़ी इलाकों में तालाब निर्माण सामान्य स्थानों की तुलना में कहीं अधिक महंगा होता है, इसे ध्यान में रखते हुए किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।


विवके चंदेल बताते हैं कि यह योजना सिर्फ आर्थिक वृद्धि का माध्यम नहीं, बल्कि पर्यावरण सुधार का भी प्रभावी हथियार बनकर उभरी है। वर्षा आधारित तालाब प्राकृतिक जल रिचार्ज संरचना की तरह काम कर रहे हैं। भूजल स्तर में सुधार ला रहे हैं। आसपास के पर्यावरण को अधिक संतुलित बना रहे हैं। किसानों की आय में आई स्थिर वृद्धि ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक टिकाऊ आधार दिया है।


*डीसी जतिन लाल बोले...लोगों के जीवन में ठोस सकारात्मक बदलाव सरकार का लक्ष्य
उपायुक्त जतिन लाल का कहना है कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता के जीवन में ठोस और सकारात्मक बदलाव लाना है। मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का विशेष तौर पर इस बात पर ध्यान है कि स्वरोजगार आधारित अवसर हर नागरिक के द्वार तक पहुंचें। प्रशासन की प्रतिबद्धता है कि पात्र किसानों को योजनाओं का पूरा लाभ मिले, जिससे जिले में आय, रोजगार और संसाधन प्रबंधन के नए आयाम विकसित हों।
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ऊना शहर में यातायात सुधार का बड़ा फैसला

डीसी जतिन लाल ने दो मुख्य मार्गों पर नो-पार्किंग और नो-वेंडिंग व्यवस्था लागू की, रोटरी चैक से एनएच-503 तक वन-वे सिस्टम शुरू

डीसी जतिन लाल बोले..जिले में व्यवस्था की मजबूती को जारी रहेगी कड़ी करवाई, जनता से सहयोग की अपील

ऊना, 28 नवम्बर. ऊना शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने और भीड़भाड़ पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिला दंडाधिकारी जतिन लाल ने शुक्रवार को दो महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए डीसी चैक से डिग्री कॉलेज तक की सड़क को तत्काल प्रभाव से नो-पार्किंग और नो-वेंडिंग जोन घोषित कर दिया है। इसके साथ ही शहर के सबसे व्यस्त हिस्से रोटरी चैक से वाया पुराना बाजार राष्ट्रीय राजमार्ग-503 तक के मार्ग पर चार पहिया वाहनों के लिए वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ये कदम यातायात में अनुशासन, पैदल यात्रियों की सुरक्षा और शहर की समग्र व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।
जारी आदेशों में कहा गया है कि डीसी चैक से डिग्री कॉलेज मार्ग पर अनाधिकृत पार्किंग, दुकानदारी के फैलाव और सड़क व फुटपाथ पर सामान रखने से लगातार जाम की स्थिति बनती थी। इससे न केवल लोगों की आवाजाही प्रभावित होती थी, बल्कि आपातकालीन सेवाओं तक यातायात बाधित होने का जोखिम भी बढ़ जाता था। नई व्यवस्था के तहत इस मार्ग पर दो पहियों के अलावा किसी भी वाहन की पार्किंग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी और सड़क के दोनों ओर वाहनों के खड़ा होने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पूरे क्षेत्र को नो-वेंडिंग जोन घोषित किया गया है, जिसके तहत किसी भी प्रकार की रेहड़ी, ठेला, स्ट्रीट वेंडिंग या फुटपाथ पर अवरोधक गतिविधि की अनुमति नहीं होगी।
दूसरे आदेश के अनुसार शहर में रोटरी चैक से ओल्ड मार्केट दृ पोस्ट ऑफिस दृ अरविंद मार्ग दृ एनएच-503 एक्सटेंशन तक का मार्ग चार पहिया वाहनों के लिए वन-वे घोषित किया गया है। अरविंद मार्ग की ओर से चार पहिया वाहनों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। इसके अलावा रोटरी चैक से एमसी पार्किंग और आयुर्वेदिक अस्पताल तक का पूरा क्षेत्र भी नो-पार्किंग और नो-वेंडिंग जोन रहेगा। इस मार्ग पर सड़क, फुटपाथ और सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार की दुकानदारी या वाहन खड़ा करना निषिद्ध रहेगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने इन आदेशों को 29 नवंबर 2025 से लागू करने का निर्णय लिया है। डीसी जतिन लाल ने स्पष्ट किया कि शहर की सड़कें सीमित हैं और अनियंत्रित पार्किंग तथा अवैध वेंडिंग से ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस, नगरपालिका और उपमंडल प्रशासन को आदेशों के सख्त पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि ऊना शहर में बढ़ते ट्रैफिक जाम और आम जनता की असुविधा को ध्यान में रखते हुए डीसी जतिन लाल ने 23 नवंबर को भी अहम आदेश जारी किए थे। आदेशों के तहत डीसी चैक से लेकर मैहतपुर बैरियर तक भारी वाहनों की आवाजाही को कड़ाई से विनियमित किया गया है। पूरे मार्ग पर टिप्परों की आवाजाही पूर्णतः प्रतिबंधित है, जबकि व्यवसायिक भारी वाहनों के प्रवेश पर सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक रोक लागू रहेगी।

ऊना को शांत, सुव्यवस्थित, समृद्ध जिला बनाने के प्रयासों में बनें सहयोगी

डीसी जतिन लाल ने बताया कि पुलिस से मिले इनपुट के अनुसार बाहरी राज्यों से आने वाले कुछ लोग कई बार बिना पंजीकरण रेहड़ी-फड़ी लगाते हैं, अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए चुनौती बनते हैं। ऐसे लोगों पर निगरानी बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पहले भी व्यवस्था सुधार के प्रयास किए गए, परंतु जन-सहयोग की कमी से ढिलाई आ गई। इस बार प्रशासन पूरी सख्ती के साथ कार्रवाई करेगा ताकि ऊना शहर को बेहतर, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाया जा सके।

उन्होंने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन हर वैध मांग पर संवेदनशील है, लेकिन व्यवस्था बनाए रखना सभी की साझा जिम्मेदारी है। उन्होने ऊना को शांत, सुव्यवस्थित और समृद्ध जिला बनाने में सक्रिय सहयोग का आह्वान किया।
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अनक्लेम्ड डिपॉजिट पर विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन
ऊना, 28 नवम्बर - भारत सरकार के वित्तीय सेवाएं विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू किए गए देशव्यापी अभियान “आपका पैसा, आपका अधिकार” के तहत आज पंजाब नैशनल बैंक में अनक्लेम्ड डिपॉजिट से संबंधित एक विशेष जागरूकता कैंप आयोजित किया गया। यह अभियान 31 दिसम्बर, 2025 तक पूरे देश में चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को विभिन्न बैंकों और बीमा कंपनियों में पड़े अनक्लेम्ड फाइनेंशियल एसेट्स की पहचान करने तथा उन्हें वापस प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाब नेशनल बैंक के जिला अग्रणी प्रबंधक, संजीव कुमार सक्सेना ने की। उन्होंने लोगों को अनक्लेम्ड फंड के महत्व के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि यह अभियान न केवल नागरिकों को उनका अपना धन वापस दिलाने में सहायक है, बल्कि यह वित्तीय साक्षरता, पारदर्शिता और फाइनेंशियल इंक्लूजन को भी सुदृढ़ करता है।
इस शिविर में ऊना जिले में कार्यरत कई प्रमुख बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान डॉर्मेंट अकाउंट, अनक्लेम्ड बीमा राशि, परिपक्व फिक्स्ड डिपॉजिट, डिविडेंड और अन्य वित्तीय दावों से संबंधित विस्तृत जानकारी लोगों को दी गई। प्रतिभागियों को बताया गया कि वे इन फंडों को सरल, सुरक्षित एवं शीघ्र प्रक्रिया के माध्यम से कैसे क्लेम कर सकते हैं।
श्री सक्सेना ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे इस अभियान की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ। उन्होंने आरबीआई द्वारा विकसित न्क्ळ।ड पोर्टल के उपयोग के बारे में भी विस्तार से बताया। इस पोर्टल के माध्यम से व्यक्ति अपना नाम एवं बैंक विवरण दर्ज कर यह जांच सकते हैं कि कहीं उनका कोई पुराना या निष्क्रिय खाता तो नहीं है। न्क्ळ।ड का उद्देश्य वर्षों से निष्क्रिय पड़े जमाओं को सही मालिकों तक पहुँचाना है, जिससे बैंक शाखाओं के चक्कर लगाने की आवश्यकता कम होती है तथा पूरी प्रक्रिया तेज, आसान और पारदर्शी बनती है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कुल 352.52 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड राशि में से अकेले ऊना जिले में विभिन्न बैंकों में लगभग 30.43 करोड़ रुपये डॉर्मेंट पड़े हैं। ऐसे जागरूकता कैंप इन निधियों को सही जमाकर्ताओं तक पहुँचाने और बेहतर वित्तीय प्रबंधन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस शिविर में जिला अग्रणी प्रबंधक संजीव कुमार सक्सेना, वित्तीय साक्षरता केंद्र के (एफएलसी) कोऑर्डिनेटर आर. के. डोगरा, पीएनबी आरसेटी के निदेशक सुधीर कुमार शर्मा, जिला अग्रणी कार्यालय के अधिकारी सुमित कुमार, पीएनबी आरसेटी के फैकल्टी आकाश भारद्वाज सहित अन्य बैंकों और बीमा कंपनियों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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