बच्चों के अधिकारों की रक्षा और नशा-मुक्त समाज की दिशा में सामूहिक प्रयास जरूरी : अपूर्व देवगन
मंडी में जिला प्रशासन और एनसीपीसीआर के संयुक्त तत्वावधान में बाल अधिकार सम्मेलन आयोजित

मंडी, 11 नवम्बर। जिला परिषद हॉल मंडी में आज जिला प्रशासन मंडी और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वावधान में बाल अधिकारों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर एक दिवसीय जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में शिक्षा, किशोर न्याय अधिनियम और पॉक्सो अधिनियम जैसे विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन रहे।
उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि इस सम्मेलन से जो भी सीख मिले, उसे व्यवहार में लाना सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई बार हम अपनी ड्यूटी निभाते हुए यह नहीं सोचते कि हमारा कार्य सही दिशा में जा रहा है या नहीं। ऐसे आयोजनों से हमें आत्ममंथन करने और अपने कार्य की दिशा को सुधारने का अवसर मिलता है। उपायुक्त ने कहा कि मंडी जिला हिमाचल प्रदेश का पहला जिला है जिसने इस प्रकार के बाल अधिकार सम्मेलन की मेजबानी की है और एनसीपीसीआर की योजना है कि इस तरह के कार्यक्रम देश के सभी जिलों में आयोजित किए जायें।

नशा बच्चों के विकास की सबसे बड़ी बाधा

अपूर्व देवगन ने कहा कि नशा बच्चों के भविष्य और विकास में एक गंभीर बाधा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में नशा मुक्ति को भी चर्चा का प्रमुख विषय बनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह बच्चों की क्षमता और जीवन के निर्माण में रुकावट डालता है। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को उनकी वास्तविक क्षमता तक पहुँचाने में मार्गदर्शन करें। उपायुक्त ने कहा कि किसी भी आपदा में बच्चों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, इसलिए आपदा प्रबंधन में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू की सुखाश्रय योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना निराश्रित और असहाय बच्चों के लिए एक संवेदनशील और सराहनीय कदम है।

भारत तभी विकसित होगा जब नई पीढ़ी सक्षम होगी

अपूर्व देवगन ने कहा कि भारत तभी विकसित राष्ट्र बनेगा जब आने वाली पीढ़ी सक्षम और आत्मनिर्भर होगी। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों की प्रतिभा और योग्यता को पहचानकर उन्हें सही दिशा में प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने जिला बाल संरक्षण अधिकारी से कहा कि इस सम्मेलन से प्राप्त दस प्रमुख बिंदु प्रशासन के साथ साझा किए जायें ताकि उन्हें भविष्य की नीति निर्माण और बाल सुरक्षा योजनाओं में सम्मिलित किया जा सके।

बीते छह महीनों में एनसीपीसीआर ने 26,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया

मुख्य वक्ता उमेश चंद्र शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा कि बाल अधिकारों से जुड़े मामले केवल आंकड़े नहीं होते, बल्कि हर एक मामला एक बच्चे और उसके परिवार की कहानी है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में सभी हितधारकों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बीते छह महीनों में एनसीपीसीआर ने 26,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है, 2300 बच्चों को बचाया है और 1000 से अधिक बच्चों को उनके गृह जिलों में पुनर्वासित किया गया है। उन्होंने बताया कि आयोग अब बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा और बाल यौन शोषण सामग्री से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक विकसित करने पर कार्य कर रहा है।

तकनीकी सत्रों में बाल सुरक्षा और कानूनों के क्रियान्वयन पर चर्चा

सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों द्वारा आयोजित तकनीकी सत्रों में बाल सुरक्षा, शिक्षा और कानूनों के क्रियान्वयन पर गहन चर्चा हुई। ऋषभ दुबे, सलाहकार एनसीपीसीआर दिल्ली ने स्कूलों में बुलिंग और साइबर बुलिंग की रोकथाम पर विचार रखे। एन. आर. ठाकुर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मंडी ने शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन में अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, विभिन पाठशालाओं के प्रधानाचार्य, हेडमास्टर और शिक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, पुलिस और अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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पड्डल मैदान में कोचिंग मैकेनिज्म को किया जाएगा सुदृढ़ : अपूर्व देवगन

मंडी, 11 नवंबर: जिला खेल परिषद की बैठक मंगलवार को उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला खेल परिषद अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय के वीसी रूम में आयोजित की गई। इसमें जिला में खेल अधोसंरचना के विकास पर चर्चा की गई।

उपायुक्त ने कहा कि मंडी के युवाओं ने खेलों के क्षेत्र में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए जिला खेल परिषद कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि पड्डल मैदान में कोचिंग मैकेनिज्म को और सुदृढ़ किया जाएगा। जिला खेल परिषद की आय बढ़ाने पर भी विस्तृत चर्चा की गई। परिषद की दुकानों में अगर सबलेटिंग की है तो उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। बैडमिंटन हॉल की छत पर सात किलो वॉट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा ताकि बिजली की बचत हो सके। पड्डल मैदान में लगाई गई सोलर लाइट्स में जिनमें खराबी आई है उन्हें शीघ्र मुरम्मत के निर्देश दिए। बैडमिंटन फील्ड की मुरम्मत का प्राक्कलन बनाने के निर्देश दिए। पड्डल मैदान में हाई मास्ट लाइट लगाने की संभावनाएं तलाशने के लिए विभाग को निर्देश दिए ताकि रात्रि के समय भी खिलाड़ियों को खेल के अवसर मिल सके। खिलाड़ियों के लिए सिंथेटिक ट्रैक बिछाने की संभावनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई। पैविलियन में स्टैंड का निर्माण किया जाएगा जिसमें निजी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। प्रशिक्षण एकेडमी के लिए पड्डल मैदान का प्रयोग करने के लिए खेल परिषद से अनुमति लेनी होगी तथा प्रतिमाह निर्धारित शुल्क जमा करवाना होगा तथा परिषद द्वारा निर्धारित नियम एवं शर्तो को मानना होगा । परिषद द्वारा खिलाड़ियों के कल्याण के लिए चलाई जी रही विभिन्न स्कीमों को इस वित्त वर्ष में भी जारी रखा जाएगा।

जिला खेल परिषद की बैठक में वर्ष 2024-25 में आय-व्यय का अनुमोदन किया गया तथा वर्ष 2025-26 के अनुमानित आय-व्यय पर भी चर्चा की गई।

जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी कविता ठाकुर ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, एस.डी.एम. सदर मंडी रूपिंदर कौर, डी.एस.पी. दिनेश कुमार, परिषद के सदस्यों में सुखदेव ठाकुर, अनिल सेन, हेमंत राज वैद्य, जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय कुमार यादव, जुडो संघ मंडी के महासचिव जोगिंदर सिंह आजाद सहित परिषद के अन्य सरकारी व गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।

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वार्ड संख्या 9 के मतदाताओं की अपील स्वीकार, अब सही वार्ड में किया गया दर्ज

मंडी, 10 नवम्बर। निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी-सह-उपमंडलाधिकारी (सदर) मंडी रूपिन्द्र कौर ने जानकारी दी है कि नगर निगम मंडी के वार्ड संख्या 9, पैलेस कॉलोनी-II के मतदाताओं की अपील पर राज्य निर्वाचन आयोग हिमाचल प्रदेश द्वारा उचित निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव से प्राप्त पत्र के अनुसार वार्ड संख्या 9, पैलेस कॉलोनी-II के क्रमांक 385 से 493 तथा 669 से 670 तक के मतदाता, जिन्हें पूर्व में त्रुटिवश वार्ड संख्या 10, सुहडा में अंकित कर दिया गया था, अब विधिवत रूप से वार्ड संख्या 9 में ही दर्ज कर दिए गए हैं।

निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी ने बताया कि इन मतदाताओं की सूची हिमाचल प्रदेश नगर निगम निर्वाचन नियम, 2012 के प्रावधानों के अनुरूप तैयार कर ली गई है और इसे नियमानुसार अंतिम रूप से प्रकाशित किया जाएगा।