BILASPUR-15.09.25

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के लक्ष्यों को 30 सितंबर तक पूर्ण करें: राहुल कुमार

उपायुक्त ने की पीएमएजीवाई के तहत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति बैठक की अध्यक्षता
योजना के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाली 12 ग्राम पंचायतों को किया सम्मानित
बिलासपुर, 15 सितम्बर: उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने कहा कि जिला में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) के अंतर्गत चयनित गांवों की संबंधित ग्राम पंचायतें आगामी 30 सितंबर तक निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित बनाए। उपायुक्त आज यहां प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान योजना के अंतर्गत शत प्रतिशत लक्ष्यों की पूर्ति करने वाली 12 ग्राम पंचायतों के प्रधानों व सचिवों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में जनगणना वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार 500 से अधिक आबादी तथा 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति बहुल 25 गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में शामिल किया गया है। पीएमएजीवाई योजना के माध्यम से इन चयनित गांवों में दस विभिन्न कार्यक्षेत्रों में 50 समाजिक-आर्थिक निगरानी योग्य संकेतकों के माध्यम से व्यापक सुधार लाना हैं।
उन्होंने कहा कि चयनित गांवों में जिन कार्यों को वर्तमान में किसी भी राज्य या केंद्र योजना के अंतर्गत पूर्ण नहीं किया जा सकता है को इस योजना के गैप फ़िलिंग (अंतर पाटन) निधि से पूर्ण किया जाना है। साथ ही चयनित गांव में राज्य की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण (कन्वर्जेंस) द्वारा गांव में विकासात्मक कमियों को भी पूर्ण करना है। इस योजना के तहत चयनित प्रत्येक गांव में 20-20 लाख रूपये की धनराशि मुहैया कराई गई है। उन्होंने सभी चयनित गांव की ग्राम पंचायतों के प्रधानों व सचिवों से गांव विकास योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित बनाने को भी कहा ताकि जिला बिलासपुर इस योजना के समयबद्ध क्रियान्वयन में अग्रणी बन सके।
राहुल कुमार ने कहा कि योजना में चयनित सभी 25 गांवों में विभिन्न विभागीय योजनाओं के तहत कुल 4761 लाभार्थियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से 4623 को लाभान्वित किया जा चुका है जो कुल लक्ष्य का 97 प्रतिशत है। उन्होंने विभागीय योजनाओं के शत प्रतिशत संतृप्ति (सैचुरेशन) लक्ष्यापूर्ति के लिए सभी संबंधित विभागों से समन्वित होकर कार्य करने के भी निर्देश दिये।
उपायुक्त ने योजना के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाली 12 ग्राम पंचायतों के प्रधानों व सचिवों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इन ग्राम पंचायतों ने इस योजना का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाया है जो दूसरी ग्राम पंचायतों के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने शेष पंचायतों को भी इस योजना के माध्यम से निर्धारित लक्ष्यों को आगामी 30 सितंबर तक पूर्ण करने को भी कहा ताकि जिला बिलासपुर में चयनित सभी 25 गांवों में योजना के शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
उन्होंने इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन में अच्छा प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों के साथ-साथ संबंधित विभागीय अधिकारियों की भी प्रशंसा की तथा उम्मीद जताई की सभी के समन्वित प्रयासों से योजना के निर्धारित लक्ष्यों को जल्द हासिल कर लिया जाएगा।
बैठक में प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गई तथा गांव विकास योजना में पुराने स्वीकृत विकास कार्यों की जगह नए विकास कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक का संचालन जिला कल्याण अधिकारी आर.सी. बंसल ने किया तथा योजना के तहत हुई प्रगति की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
पीएमएजीवाई के तहत इन 12 पंचायतों को किया सम्मानित
उपायुक्त ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाली 12 ग्राम पंचायतों जिनमें सदर ब्लॉक की बिनोला, भोली, दियोली, कोठीपुरा एवं ओयल, झंडुता ब्लॉक की बाला, डुडियां, तथा पपलोआ, घुमारवीं ब्लाॅक की पनोह और पटटा तथा श्री नैना देवी जी ब्लॉक की ग्वालथाई पंचायत शामिल है को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इसके अतिरिक्त बीडीओ सदर बबीता धीमान, बीडीओ स्वारघाट विनय शर्मा, तहसील कल्याण अधिकारी सदर बनीता बंसल, तहसील कल्याण अधिकारी श्री नैना देवी जी सुरेन्द्र पाल तथा जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय के कंप्यूटर संचालक अक्षय कुमार को भी सम्मानित किया गया।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ओम कांत ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, जिला के सभी खंड विकास तथा तहसील कल्याण अधिकारियों सहित चयनित गांवों के प्रधान व सचिवों सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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फोरलेन कार्यों का निरीक्षण करने नौणी पहुंचे केन्द्रीय मंत्री अजय टम्टा

बिलासपुर। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा सोमवार को नौणी जंक्शन पहुंचे, जहां उन्होंने शिमला की ओर निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार, एसडीएम सदर डॉ. राजदीप सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

निरीक्षण के दौरान मंत्री ने नौणी चौक जंक्शन में निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति का जायजा लिया और अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने फोरलेन परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की स्थिति तथा इसके कारण स्थानीय लोगों को हो रही समस्याओं पर भी चर्चा की।

इस अवसर पर उन्होंने जिला के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में हुई भारी बारिश से फोरलेन सड़क को हुए नुकसान के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित स्थानों पर शीघ्र मरम्मत कार्य सुनिश्चित किया जाए ताकि आमजन की आवाजाही में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

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साइबर क्राइम का बढ़ता खतरा: जिला बिलासपुर नहीं रहा अछूता, जागरूक होना आवश्यक

बिलासपुर। इंटरनेट और स्मार्टफोन ने जहां जीवन को आसान और तेज़ बनाया है, वहीं साइबर अपराधियों ने भी इसे ठगी का सबसे आसान हथियार बना लिया है। हिमाचल प्रदेश सहित जिला बिलासपुर भी अब साइबर अपराध की चपेट से अछूता नहीं रहा। हाल ही में सामने आए कई मामले इस बात की गवाही देते हैं कि ज़रा-सी लापरवाही किसी की जिंदगी भर की पूंजी को पलभर में छीन सकती है। पुलिस अधीक्षक संदीप धवल का कहना है कि साइबर अपराधियों के तौर-तरीके लगातार बदल रहे हैं और ऐसे में जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।

डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे मामलों में भी ठगी का नया तरीका सामने आया है। अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी या सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताकर वीडियो कॉल करते हैं और पृष्ठभूमि इस तरह दिखाते हैं मानो व्यक्ति किसी थाने या सरकारी दफ्तर से बात कर रहा हो। इसके बाद लोगों को डराकर धन वसूली की जाती है। बिलासपुर में हाल ही में सामने आए एक मामले में 20 लाख रूपए से अधिक की ठगी की जांच चल रही है।

ब्रांड इम्परसनेशन और नकली मोबाइल एप्स जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराधी नामी कंपनियों की वेबसाइट या मोबाइल एप की हूबहू कॉपी तैयार कर लेते हैं और ग्राहकों को झांसे में लेकर पैसा ट्रांसफर करने पर मजबूर कर देते हैं। बैंकिंग ऐप्स और ई-वॉलेट के नाम पर बनाए गए नकली एप्स भी लोगों की निजी जानकारी और पासवर्ड चुराने का जरिया बन रहे हैं।

जिले में ऑनलाइन निवेश घोटाले भी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं। व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स पर “तेजी से पैसा दोगुना” करने का झांसा देकर लोगों से मोटी रकम ठगी जा रही है। हाल ही में जिले में पोंजी स्कीम का एक मामला सामने आया, जिसमें 15 से 20 लोग निवेश कर धोखाधड़ी का शिकार हो गए। इसके अलावा, सस्ते ब्याज दर का लालच देकर चल रहे लोन एप्स भी लोगों की कमाई हड़पने का जरिया बन रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने साफ कहा है कि लोन केवल आरबीआई से अधिकृत बैंक और वित्तीय संस्थानों से ही लेना चाहिए।

फिशिंग और एपीके लिंक से जुड़े मामलों में अपराधी ट्रैफिक चालान, बिजली बिल या केवाईसी अपडेट के बहाने व्हाट्सएप और एसएमएस पर नकली लिंक भेजते हैं। जैसे—PM KISAN.apk, SBI Yono UPDATE.apk, RTO.apk, customercare.apk, RTO Challan.apk, Vahanchalan.apk, Invitationcard.apk, SBIcard.apk इत्यादि। इन लिंक पर क्लिक करते ही फोन क्लोन हो जाता है और अपराधियों को मोबाइल का पूरा नियंत्रण मिल जाता है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग ऑनलाइन बैंक की सुविधा के लिए इंटरनेट के माध्यम से अपना डाटा भरते हैं और जाने-अनजाने में बिना साइट को वेरीफाई किए अपना पर्सनल डाटा अपलोड कर देते हैं, जिसके कारण भी लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन बैंकिंग के लिए सीधे संबंधित बैंक शाखा से ही संपर्क करें।

तकनीक के दुरुपयोग का एक और उदाहरण डीपफेक है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तैयार नकली वीडियो और ऑडियो अब धोखाधड़ी के नए हथियार बन गए हैं। वहीं कई लोग अनजाने में अपने नाम पर जारी बैंक अकाउंट या सिम कार्ड दूसरों को दे देते हैं, जिससे अपराधियों को रास्ता मिल जाता है। पुलिस अधीक्षक ने चेतावनी दी है कि यह भी एक किस्म का अपराध है और निर्दोष व्यक्ति भी इसके कारण कानूनी कार्रवाई में फंस सकता है।

लोगों से अपील
पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने कहा कि साइबर अपराध से बचाव केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें हर नागरिक की सतर्कता अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने अपील की कि कोई भी व्यक्ति अपना एटीएम पिन, ओटीपी, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड या संवेदनशील जानकारी किसी भी कॉलर को न बताए। संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी तरह का ऐप केवल आधिकारिक वेबसाइट या गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें।

यदि कोई संदिग्ध मैसेज, व्हाट्सएप लिंक या वीडियो कॉल प्राप्त हो, तो तुरंत परिवार या पुलिस को सूचित करें। किसी भी वित्तीय धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें, क्योंकि समय रहते दी गई सूचना से खाते से निकली रकम वापस पाने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, जिला बिलासपुर के नजदीकी थाने में स्थापित साइबर क्राइम हेल्प डेस्क या बिलासपुर साइबर सेल से भी संपर्क किया जा सकता है।