प्राकृतिक खेती को नया आयाम देगी ‘हिम उन्नति योजना’, 50 हज़ार किसान होंगे लाभान्वित
ऊना, 4 सितंबर। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को सशक्तकरने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने ‘हिम उन्नति योजना’की शुरुआत की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 150 करोड़ रुपये का बजट निर्धारितकिया गया है और इसे चरणबद्ध ढंग से लागू किया जा रहा है। योजना का उद्देश्यकृषि में समेकित विकास, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूतीऔर युवाओं के लिए कृषि-आधारित स्वरोज़गार के नए अवसर सृजित करनाहै।कृषि विभाग के अनुसार, योजना के तहत प्रदेश में 40बीघा या उससे अधिक कृषि भूमि वाले 1239 क्लस्टर्स की पहचान की गई है। इनमें प्रदेशके 50 हज़ार किसानों को शामिल करते हुए 2600 किसान समूहों के गठन का लक्ष्य रखागया है।
*ऊना जिले में नए क्लस्टर्स बनाने पर फोकस
कृषि विभाग ऊना के उप निदेशक कुलभूषण धीमान बताते हैं कि जिले में योजना के तहत कृषि क्लस्टर्स का गठन किया जा रहाहै। वर्ष 2025-26 के लिए 33.50 लाख रुपये का प्रावधान रखा गया है। वर्ष 2023-24 में 100 किसान समूहों का गठन किया गया था। 2024-25 में 10 नए क्लस्टर्स की कार्य योजना उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। इन प्रयासों से किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, विपणन सहयोग और आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
*क्लस्टर आधारित विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
क्लस्टर आधारित मॉडल से रसायन-मुक्त खेती कोबढ़ावा मिलेगा। साथ ही, कृषि-आधारित स्टार्टअप्स के माध्यम से युवाओंको रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। किसानों के सीधे बाज़ार से जुड़ाव से उनकीआमदनी में स्थायी बढ़ोतरी होगी।
*मुख्यमंत्री का विज़न : किसान की तरक्की में प्रदेश की तरक्की
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की यह सोच रही हैकि प्रदेश की असली तरक्की तभी संभव है, जब किसान समृद्ध और सशक्त हों। यही कारणहै कि उनकी नीतियों में किसानों की आय बढ़ाना और खेती को लाभकारी बनानासबसे बड़ी प्राथमिकता के रूप में उभरता है।मुख्यमंत्री का विज़न है कि हिम उन्नति योजना न केवलकिसानों को आर्थिक मजबूती दे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोज़गार अवसरों काभी मार्ग प्रशस्त करे, ताकि खेती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था दोनों का कायाकल्प होसके। आज हिमाचल प्रदेश देश का अकेला राज्य है, जहां प्राकृतिक गेहूं और मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारितकिया गया है। सरकार प्राकृतिक गेहूं 60 रुपये प्रति किलो और मक्की 40 रुपये प्रति किलोके भाव पर खरीद रही है। यह किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने औरउन्हें जैविक व प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करने की दूरदर्शी पहल है।
*प्रशासन के प्रयास
उपायुक्त ऊना जतिन लाल का कहना है कि जिला प्रशासन यहसुनिश्चित करेगा कि राज्य सरकार की योजना का लाभ सभी पात्र किसानों तक पहुंचे, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहयोगीहों।
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डीसी ने हरोली ब्लॉक में विकास कार्यों का लिया जायजा
पंचायत भवन छेत्रां में जिम व पुस्तकालय की सुविधा, अमृत सरोवर में फव्वारा व लाइटिंग की व्यवस्था करने के निर्देश
गोंदपुर जयचंद में सामुदायिक भवन में नया जिम स्थापित होगा
ऊना, 4 सितंबर. उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने गुरुवार को हरोली ब्लॉक के तहत विभिन्न विकास परियोजनाओं का निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने ग्राम पंचायत छेत्रां में लगभग 69 लाख की लागत से बन रहे पंचायत भवन के निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और इसे समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि इस भवन में सामर्थ्य योजना के तहत युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए जिम और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।
उन्होंने वहां 25 लाख की लागत से विकसित किए जा रहे अमृत सरोवर का भी निरीक्षण किया और सरोवर को सामुदायिक उपयोग के लिए अधिक आकर्षक बनाने के निर्देश दिए। इसके तहत फव्वारा और उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था स्थापित की जाएगी ताकि यह स्थल क्षेत्र के लिए एक सौंदर्यपूर्ण व उपयोगी केंद्र बन सके।
गोंदपुर जयचंद में जिम सुविधा
उपायुक्त ने गोंदपुर जयचंद स्थित सामुदायिक भवन का निरीक्षण करते हुए पाया कि भवन में आंशिक रूप से जिम का कुछ उपकरण पहले से मौजूद है। इस पर उन्होंने बीडीओ हरोली को सामर्थ्य योजना के तहत एक पूर्ण जिम सुविधा स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि स्थानीय युवा इसका लाभ उठा सकें।
उपायुक्त ने कहा कि स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर फिटनेस एवं वेलनेस संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए कि ऐसे प्रयासों को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जाए, ताकि युवाओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों और सामुदायिक विकास को नई दिशा मिल सके।
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने सामुदायिक भवन के पास स्थित तालाब में बत्तखों और अन्य पक्षियों की मौजूदगी का आनंद लिया और पानी में उनकी अठखेलियां निहारी। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता का परिचायक है और प्रशासन इसे सहेजने और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर बीडीओ हरोली राजेश्वर भाटिया, छेत्रां के प्रधान विक्की राणा, गोंदपुर जयचंद पंचायत के प्रधान अनुप अग्निहोत्री, जेई अमनदीप शारजा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।