करनाल, 03.09.25-: ग्राम विकास की सभी योजनाओं को जनभागीदारी और विशेषकर निर्वाचित प्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता के साथ ही तैयार किया जाना चाहिए। प्रदेश में सच्चा ग्राम स्वराज लाने के लिए यह आवश्यक है। यह विचार हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने व्यक्त किए।
डॉ. चौहान आज तिगांव, सीवन और पुंडरी ब्लॉक की पंचायत समितियों के निर्वाचित सदस्यों एवं पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। राजीव गांधी पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास संस्थान में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में डॉ चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यशाला के इस विशेष सत्र की अध्यक्षता संस्थान की प्राचार्य डॉ. सोनिका भट्टी ने की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत अगले माह होने वाली ग्राम सभाओं में पंचायत समितियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जाएगी।
इस अवसर पर डॉ. चौहान ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को विकास योजनाओं की संकल्पना से लेकर उनके क्रियान्वयन और निगरानी तक में भागीदारी निभानी चाहिए। तभी योजनाएं जनता की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप होंगी और संसाधनों का सही उपयोग संभव हो सकेगा।
कार्यशाला के दौरान प्रतिनिधियों को ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) की तैयारी, वित्तीय प्रबंधन, सामाजिक अंकेक्षण, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व, और ग्राम सभा की प्रभावी भूमिका जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही, यह भी समझाया जा रहा है कि किस प्रकार स्थानीय समस्याओं के समाधान हेतु सामुदायिक संसाधनों का उपयोग कर स्थायी विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकता है।
इस अवसर पर संस्थान के लेक्चरर वीरेंद्र ग्रेवाल, डिंपी मल्होत्रा,मास्टर ट्रेनर देशराज, लखविंदर, नारायण दत्त सहित खंड पूंडरी की चेयरपर्सन सुषमा देवी एवं पूनम देवी, उपाध्यक्ष आरती देवी, खंड सीवन की चेयरपर्सन बलविंदर कौर, खंड तिगांव की चेयरपर्सन पूनम देवी तथा सौरभ अरोड़ा मुख्य रूप से उपस्थित रहे।