आपात स्थितियों से निपटने हेतु मैगा मॉक ड्रिल आयोजित
प्रतिक्रियात्मक राहत एवं बचाव कार्यों को परखा
ऊना, 6 जून: हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में वीरवार को जिला ऊना के कुल पांच संस्थानों पर राज्य स्तरीय मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। ऊना उपमण्डल के पेखूबेला स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) टर्मिनल में पेट्रोलियम थोक भंडारण इकाई व राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, ऊना (छात्र भवन), अम्ब उपमण्डल में पिंडी दास आश्रम एवं नेत्र चिकित्सालय, गगरेट में एके पुरी पेट्रोल पम्प तथा हरोली उपमण्डल में टाहलीवाल स्थित नेस्ले इंडिया लिमिटेड औद्योगिक इकाई में विभिन्न आपातकालीन परिदृश्यों की स्थितियां बनाकर राहत और बचाव कार्याें के त्वरित प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई पर पूर्वाभ्यास किया गया। इस दौरान आपदा प्रबन्धन से जुड़े तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ प्रशासनिक इंतजामों को भी परखा गया। जबकि ज़िला मुख्यालय स्थित एनआईसी केन्द्र में इस पूर्वाभ्यास रेस्क्यू ऑप्रेशन की निगरानी सहायक आयुक्त वरिन्द्र शर्मा ने की।
उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल में चिन्हित स्थलों पर भूकम्प और आग्ज़नी जैसे परिदृश्य पैदा किये गये और ऐसी परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्यों के सुनियोजित ढंग से प्रबन्धन की त्वरित प्रतिक्रियात्मक क्षमताओं, मौजूद मशीनरी और जिला प्रशासनिक इंतजामों का मूल्यांकन किया गया। ज़िला ऊना में अलर्ट जारी होते ही ज़िला मुख्यालय से चिन्हित स्थलों पर अग्निशमन विभाग की गाड़ियां सायरन के साथ रवाना की गई और आपदा प्रबंधन की योजनाबद्ध तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की गई। इस दौरान आम लोगों को आपात स्थिति में आवश्यक सावधानियां बरतने, प्राथमिक कदमों के पालन और आत्म सुरक्षा के लिए सामने मौजूद संसाधनों का टूल की तरह इस्तेमाल करने बारे भी जागरुक किया गया। जिला प्रशासन ने पूरी मॉक ड्रिल को वास्तविक घटना की तरह लेकर ही अपनी प्रतिक्रिया की और असल घटना की तरह ही आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी को अंजाम दिया गया।
तकनीकी व व्यवहारिक समस्याएं पहचानीं
वरिेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा के समय में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना था। इसमें प्रतिक्रिया में लगने वाले समय, समन्वय में गैप समेत अन्य कमियों को जांचा गया, साथ ही फील्ड में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं की पहचान की गई, जिससे आगे सुधारात्मक कदम उठा कर आपदा प्रबंधन योजना को और कारगर बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि बरसात का मौसम में सम्भावित भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से आपदा की स्थिति बनती है। वहीं औद्योगिक इकाइयों में जलभराव, गैस रिसाव या आग लगने जैसी दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। ऐसे में जन सुरक्षा तय करने और आपदा से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए अधिकारियों को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अपने दायित्वों की जानकारी, विभागों की आवश्यक पूर्व तैयारी और मुस्तैदी बहुत आवश्यक है। इसमें यह मॉक ड्रिल बहुत सहायक रही।
मॉक ड्रिल में कहां क्या परिदृश्य रहा
मॉक ड्रिल में प्रातः करीब 10ः00 बजे जिला के पेखुवेला स्थित इंडिन ऑयल डीपो, गगरेट में पेट्रोल पम्प व टाहलीवाल स्थित नेस्ले इंडिया उद्योग में आग्जनी के कारण विकट परिस्थिति उत्पन्न होने, आईटीआई ऊना में भूकंप से भवन गिरने, अम्ब में भारी बारिष के कारण भूस्खलन से अस्पताल भवन का हिस्सा ढहने का परिदृश्य बनाया गया, जिसकी सूचना प्राप्त होते ही ऊना जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वाट्सएप ग्रुप में संदेश प्रसारित होते ही तमाम अधिकारी कर्मचारी अपने अपने दायित्व के मुताबिक कार्यों में जुट गए।
इसी बीच उपायुक्त कार्यालय में बनी कमांड पोस्ट समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी शाखाएं चालू हो गईं। इसी दौरान कमांड पोस्ट में 5 जगहों के आपदा प्रभावित होने की सूचना प्राप्त हुई। इसके साथ ही उपमंडल स्तर पर गठित त्वरित प्रतिक्रिया टीमें सक्रिय हो गईं तथा संबंधित एसडीएम के नेतृत्व में राहत-बचाव ऑपरेशन शुरू किए गए। ये टीमें घटना स्थलों पर पर पहुंच कर राहत बचाव कार्यों में जुट गई हैं। इसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों का भी सहयोग लिया गया।
ऊना के इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड, टर्मिनल के पेखूबेला में तेल रिसाव से आग लगने की दुर्घटना तथा उसमें फंसे 90 कामगारों को रेस्क्यू किया गया। आईटीआई ऊना में 60, नेस्ले इंडिया टाहलीवाल से 100, अम्ब अस्पताल से 35 तथा गगरेट पेट्रोल पम्प मंे लगी आग से 20 लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया और आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर किया गया। इस पूरे घटनाक्रम में स्टेजिंग एरिया, प्लानिंग और लॉजिस्टिक पोस्ट, रेस्क्यू ऑपरेशन, रास्ते बहाल करने को मशीनरी का प्रयोग, घायलों को मौके पर मेडिकल सहायता के लिए देने, एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाने, प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाने, राशन वितरण व्यवस्था देखने समेत स्थिति को सामान्य बनाने से जुड़े आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर करने के साथ सभी उपायों को परखा गया।
मॉक ड्रिल के उपरांत दी फीडबैक
मॉक ड्रिल पूर्ण होने के उपरांत राज्य मुख्यालय शिमला से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से इस अभ्यास से प्राप्त सीख और अनुभव पर सभी जिलों से फीडबैक ली। इस दौरान सहायक आयुक्त वरिन्द्र शर्मा ने जिले में मॉक ड्रिल के सकारात्मक व विचारणीय बिंदुओं की जानकारी दी।
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सोलन -दिनांक 06.06.2025
शहरी स्थानीय निकायों के वार्डों का सीमाकंन कार्यक्रम जारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के साथ-साथ सोलन ज़िला में भी शहरी स्थानीय निकायों के वार्डों के सीमाकंन का कार्यक्रम जारी कर दिया है। यह कार्यक्रम भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 जेड ए, हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 09 तथा 10, हिमाचल प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1994 की धारा 10 तथा 281 एवं हिमाचल प्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम, 2015 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है।
यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त सोलन राहुल जैन ने दी।
राहुल जैन ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार शहरी निकायों के वार्डों के सीमाकंन के लिए ड्राफ्ट प्रस्ताव 02 जून, 2025 को जारी कर दिया गया है। इन क्षेत्रों के निवासियों द्वारा आपत्ति एवं सुझाव प्रस्तुत करने की तिथि 09 जून, 2025 निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त सोलन द्वारा प्राप्त आपत्तियों और सुझावों का निपटारा 16 जून, 2025 तक किया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि उपायुक्त के आदेश के विरुद्ध अपील मण्डलायुक्त के समक्ष की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह अपील उपायुक्त द्वारा आदेश पारित करने के 07 दिन के भीतर की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि अपील दायर करने के 05 दिन के भीतर मण्डलायुक्त द्वारा अपील का निपटारा किया जाएगा।
राहुल जैन ने कहा कि उपायुक्त द्वारा अंतिम सीमांकन आदेश प्रथम जुलाई, 2025 को अथवा इससे पूर्व जारी किए जाएंगे। 11 जुलाई, 2025 तक सीटों का आरक्षण किया जाएगा। 15 जुलाई, 2025 तक सरकार द्वारा अंतिम आरक्षण आदेश राज्य निर्वाचन आयोग को प्रेषित किए जाएंगे।