मॉक ड्रिल: अलर्ट मिलते ही आपदा से बचाव को मुस्तैद हुआ प्रशासन

इंद्रू नाग, डीआरडीए आफिस, किरपा मोड मैकलोडगंज में रेस्क्यू किए लोग

कांगड़ा जिले में मॉक ड्रिल से भूकंप से निपटने की तैयारी का आकलन

धर्मशाला 06 जून। कांगड़ा जिला में आपदा से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार आपदा प्रबंधन प्लान को धरातल पर परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। शुक्रवार को प्रातः नौ बजे मॉक ड्रिल अलर्ट मिलते ही आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी दल पुलिस ग्राउंड स्टैजिंग एरिया में डट गए। जिला प्रशासन ने पूरी मॉक ड्रिल को वास्तविक घटना की तरह लेकर ही अपनी प्रतिक्रिया की। मॉक ड्रिल के दौरान इंद्रू नाग, डीआरडीए आफिस, किरपा मोड मैकलोडगंज में भूकंप से प्रभावित लोगों का रेस्क्यू किया गया।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने मॉक ड्रिल के पश्चात कहा कि ने इस मॉक ड्रिल का मकसद आपदा के समय में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना था। इसमें प्रतिक्रिया में लगने वाले समय, समन्वय में गैप समेत अन्य कमियों को जांचा गया, साथ ही फील्ड में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं की पहचान की गई। इससे प्राप्त सीख और अनुभव के आधार पर आगे सुधारात्मक कदम उठा कर आपदा प्रबंधन योजना को और कारगर बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है इसके चलते ही भूकंप से बचाव को लेकर यह पूर्वाभ्यास किया गया। अधिकारियों को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अपने दायित्वों की जानकारी, विभागों की आवश्यक पूर्व तैयारी और मुस्तैदी बहुत आवश्यक है। इसमें यह मॉक ड्रिल बहुत सहायक रही। अधिकारियों की आपदा प्रबंधन को लेकर क्षमता विकास में भी यह अभ्यास मददगार है।
आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर
इस पूरे घटनाक्रम में आपदा प्रबंधन योजना, रेस्क्यू ऑपरेशन, आपात संचार प्रणाली, विभागीय तालमेल, आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल, संसाधन मैपिंग, रास्ते बहाल करने को मशीनरी का प्रयोग, स्वास्थ्य व्यवस्था, घायलों को मौके पर मेडिकल सहायता देने, एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाने, प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाने, राशन एवं पेयजल वितरण व्यवस्था देखने, स्थानीय स्तर पर जन सहयोग समेत स्थिति को सामान्य बनाने से जुड़े आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर करने के साथ सभी उपायों को परखा गया। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि कांगड़ा जिला के सभी उपमंडलों में भूकंप को लेकर को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित की गई है।

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निराश्रित बच्चों के कौशल विकास, व्यवसायिक प्रशिक्षण पर विशेष फोक्स: डीसी
उच्च शिक्षा कोचिंग, वोकेशनल कोर्स का खर्चा वहन कर रही सरकार
सुखाश्रय योजना कमेटी की बैठक में 108 नए आवेदनों को किया मंजूर

धर्मशाला 06 जून। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि सुखाश्रय योजना के तहत 18 से 27 आयु वर्ग के निराश्रित बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग के साथ साथ समाज के सक्रिय सदस्य बनने में मदद करने के लिए वित्तीय और संस्थागत लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जमा दो की कक्षा उत्तीर्ण कर चुके निराश्रित बच्चों को कोचिंग के लिए की आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है तथा स्किल डिवल्पमेंट तथा वोकेशनल कोर्स के लिए सरकार द्वारा पढ़ाई तथा हॉस्टल का खर्चा वहन किया जाएगा।
शुक्रवार को डीसी कार्यालय के सभागार में सुखाश्रय योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि बैठक में उच्च शिक्षा, वोकेशनल कोर्स तथा कोचिंग के लिए प्राप्त 108 आवेदनों को मंजूर किया गया है। उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों की स्किल डिवल्मेंट के लिए काउंसलिंग करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे इस के लिए आईसीडीएस के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए ताकि कौशल विकास के माध्यम से निराश्रित बच्चों का कैरियर बेहतर बन सके।
उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों को लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वरोजगार के लिए प्रेरित हो सकें।
उन्होंने कहा कि सभी संस्थागत निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत प्रतिमाह सावधि जमा करने का प्रावधान किया गया है इसमें शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह, 15 से 18 वर्ष के लिए 2500 रूपये मासिक सामाजिक सुरक्षा भत्ता तय किया गया है।
उन्होंने कहा कि 27 वर्ष आयु से पहले हुए अनाथ बच्चों के भूमिहीन होने पर तीन विस्वा भूमि प्रदान करने का प्रावधान है इसके साथ ही आवास सुविधा के लिए तीन लाख के अनुदान का भी प्रावधान है।

सुखाश्रय कोष के माध्यम से भी निराश्रित बच्चों की कर सकते हैं मदद:

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला स्तर पर निराश्रित बच्चों की मदद के लिए जिला स्तर पर मुख्यमंत्री आश्रय कोष का प्रावधान किया गया है कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से अंशदान कर सकता है इसमें 80 जी के तहत टैक्स में भी छूट रहेगी। इस कोष के माध्यम से निराश्रित बच्चों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।