ऊना, 3 मई: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे 3 दिवसीय अस्पताल सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन योजना प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शनिवार को क्षेत्रिय अस्पताल ऊना में हुआ।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजीव वर्मा ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में प्रतिभागियों को अस्पताल सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की बढ़ती आवश्यकता के प्रति सजग किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और औद्योगिक विकास के वर्तमान दौर में प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं की आवृत्ति बढ़ रही है, ऐसे में प्रत्येक सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्था को प्रभावी आपदा प्रबंधन योजना तैयार करनी चाहिए।
डॉ. वर्मा ने बताया कि प्रत्येक संस्थान में प्रमुख आपातकालीन दूरभाष नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएं तथा वर्ष में कम से कम दो से तीन मॉक ड्रिल्स आयोजित की जाएं, जिससे आपात स्थितियों में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने औद्योगिक आपदाओं में चिकित्सकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और इस बात पर बल दिया कि चिकित्सकों को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए प्रभावित लोगों को चिकित्सीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।
इस दौरान प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को डॉ संजीव वर्मा ने प्रमाण पत्र प्रदान किए और निर्देश दिए कि सभी संस्थान 30 मई, 2025 तक अपनी अस्पताल आपदा प्रबंधन योजना तैयार कर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, ऊना के कार्यालय में प्रेषित करें। उन्होंने कहा कि यह पहल अस्पतालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आपातकालीन स्थितियों में कुशलतापूर्वक खोज एवं बचाव कार्य करने में सहायक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना डॉ. संजय मनकोटिया सहित जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से आए चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और निजी संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।