हरियाणा की माटी से शरद पवार : मेरी तस्वीर लेकर क्या करोगे ? -कमलेश भारतीय
HISAR,O6.07.23-यह तस्वीर की बात भी निराली खोज है राजनीति में ! पहले यह फोटो कांग्रेस आजादी के बाद से लगाकर चलती रही और महात्मा गांधी के नाम पर वोट बटोरती रही । अब देश की सबसे बड़ी पार्टी की कोशिश है कि महात्मा गांधी की विचारधारा से भी देश को मुक्ति दिला दी जाये ! पाठ्यक्रमों से , अनेक अन्य जगहों से महात्मा गांधी गायब होते जा रहे हैं । अब तो उनके नाम पर बने आश्रमों के रंग ढंग भी भगवा होते जा रहे हैं । बड़े बड़े आश्रम अब महात्मा गांधी की विचारधारा से दूर नाममात्र ही गांधी आश्रम रह गये हैं । गांधी की लाठी सिर्फ दिखावा रह गयी । किसी पर कोई प्रहार नहीं करते गांधी ! एक समय प्रसिद्ध लेखक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने गांधी की फोटो के दुरूपयोग व विचारधारा से दूर होने पर एक बहुत शानदार नाटक लिखा था -बकरी ! यानी महात्मा गांधी का प्रतीक बकरी और फिर कितनी पोल खोली थी जो इनकी विचारधारा को भूल कर सिर्फ और सिर्फ फोटो का दुरुपयोग कर रहे थे । कितने साल तो हम यह गाते रहे -
दे दी हमें आजादी
बिना खडग बिना ढाल
साबरमती के संत
तूने कर दिया कमाल!
दूसरी कोशिश हुई फोटो को लेकर जब अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन ने देश को हिला कर रख दिया । पूरे देश में यह आंदोलन जेपी के संपूर्ण आजादी की तरह फैलता चला गया । दिल्ली में अन्ना हजारे को दूसरे महात्मा गांधी के रूप में पेश किया गया और इनके आसपास सबसे ज्यादा दिखे अरविंद केजरीवाल , किरण बेदी और मनीष सिसोदिया । शेष स्वामी अग्निवेश आदि को बड़ी चतुराई से अन्ना आंदोलन से दूर कर दिया । इस आंदोलन के बीच ही अरविंद केजरीवाल ने राजनीति की राह पकड़ी जिसका अन्ना हजारे ने विरोध किया लेकिन केजरीवाल ने अपने फैसले से पीछे नहीं हटे और अन्ना हजारे की फोटो का उपयोग किया। इस पर अन्ना हजारे ने चेतावनी दी कि मेरी फोटो का इस्तेमाल न करो ! इस तरह गुरु अन्ना हजारे और शिष्य केजरीवाल का ब्रेकअप हो गया ! फोटो का , नाम का , काम का उपयोग होने के बाद नये महात्मा गांधी भी यूज एंड थ्रो की तरह बाहर कर दिये गये । आजकल अन्ना हजारे कहां हैं , कोई नहीं जानता लेकिन केजरीवाल तीन तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने में सफल रहे । हां ! फोटो लगाने से न रोकते तो शायद इनके फोटो केजरीवाल हर पोस्टर में लगाते ! अब तो जो बीत गयी सो बीत गयी !
इधर फिर से फोटो का रौला मचा है । चाचा शरद पवार की फोटो विद्रोही भतीजे अजीत पवार ने लगा ली और इनके पैंतीस विधायक ले उड़े ! फोटो का कमाल ! अब चाचा शरद पवार कह रहे हैं कि इनके पास मेरी फोटो के सिवाय है भी क्या ! इस फोटो से ही तो विधायक ले गये । अब भतीजे का कहना है कि चाचा ! आप अस्सी पार हो चुके । छोड़कर चले जाओ । मुझे मौका दो । मै मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं । फोटो लगाते लगाते मुख्यमंत्री बन जाऊं , यही इच्छा है मेरी !
खैर ! ये फोटो तो हरियाणा मे भी खूब चल रही है -इनेलो और जजपा में ! फोटो ताऊ देवीलाल की ! दोनों इनकी जयंती भी अलग अलग मनाते हैं और एक दूसरे पर ताऊ की विचारधारा से दूर होने का आरोप भी लगाते हैं ! यह फोटो तो पंजाब में भी चलेगी जब सुखबीर बादल कोई भी कार्यक्रम करेंगे तब पृष्ठभूमि में प्रकाश सिंह बादल की फोटो बैकग्राउंड मे दिखेगी । तमिलनाडु में दोनों गुट जयललिता की फोटो लगाते हैं कि नहीं ? अब महाराष्ट्र में भी उद्धव और शिंदे बाल ठाकरे की फोटो से राजनीति चलाएंगे !
तो भाई फोटो की महिमा अनंत !
हम तो इतना ही कहेगे कि फोटो तो लगाइये लेकिन विचारधारा भी अपनाइये !
दुष्यंत कुमार कहते हैं :
खंडहर बचे हुए हैं , इमारत नहीं रही
अच्छा हुआ कि सर पे कोई छत नहीं रही !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।
9416047075
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अभय चौटाला से बातचीत
कांग्रेस वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही है
-कमलेश भारतीय
इनेलो के विधायक व राष्ट्रीय महासचिव अभय चौटाला की परिवर्तन यात्रा इन दिनों नरवाना विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पहुंच चुकी है । आमतौर पर एक दिन में औसत बीस किलोमीटर की पदयात्रा करते हैं और इस बीच लोगों से रूबरू होते हैं । कहीं कहीं चलते चलते संवाद भी , विचार विमर्श भी और फीडबैक भी ! फोटोज , सेल्फी भी ।इसी बीच भाषण का नया तेवर और फ्लेवर तैयार हो जाता है । हर जनसभा में नयी एडिशन लेकिन अंत परिवर्तन करो के मंत्र के साथ ! वैसे बास, नारनौंद, खरड, नेपेवाल और अन्य गांवों में परिवर्तन यात्रा रैलियों में बदलती गयी जिससे इसके लोगों में असर के संकेत मिल रहे हैं । जनसभा को घरों के बाहर या ऊपर खड़े होकर भी महिलायें घूंघट निकाले सुनती दिखाई देती हैं । कुछ युवतियां लाइव कवरेज कर रही होती हैं । युवा हरे झंडे उठाये चल रहे होते हैं ।
कल भी प्रदीप बाजिया , विनोद कस्बां और भूपेंद्र पानू शाम के समय ले चले । लगभग डेढ़ घंटे बाद हम कोयल गांव पहुंचे । राजकीय विद्यालय के प्रांगण में जनसभा चल रही थी । इन दिनों अभय चौटाला की धर्मपत्नी कांता चौटाला भी मंच पर दिखाई देने लगी हैं । पहले बहूरानी सुनयना भी आ रही हैं । कांता चौटाला से पूछा कि कब से परिवर्तन यात्रा में शामिल हुई हैं ? उन्होंने बताया कि मेवात के पहले दिन गयी थीं और कुछ दिन साथ चलीं । अब फिर से आई हैं । बेटा कर्ण चौटाला भी मिला जो आमतौर पर अगली यात्रा की तैयारियों में पर्दे के पीछे लगा रहता है । इन दिनों देख रहा हूं कि पटाखे व आतिशबाजी भी अभय चौटाला के आगमन पर शामिल हो गये हैं और हरे लड्डुओं से तौलने का काम भी ! एक सवाल हर जनसभा में जरूर पूछते हैं कि जजपा का कोई वर्कर बच रहा है या नहीं ? खैर । जैसे ही जनसभा का संबोधन खत्म होता है मुझे अपनी गाड़ी में बुला लेते हैं अभय चौटाला । गाड़ी में पहले से ही उमेद लोहान भी मौजूद हैं । वे इशारे में कहते हैं कि अगले गांव तक सवाल कर लीजिये ! इस तरह सवालों का सिलसिला शुरू :
-कांग्रेस में एक नया गुट उभर कर आया है -रणदीप, सैलजा और किरण चौधरी । क्या कहेंगे ?
-असल में कांग्रेस में अपने अपने वर्चस्व की लड़ाई में यह गुट उभरा है । कांग्रेस नेता लोगों में या लोगों की लड़ाई लड़ने की बजाय आपस में ही उलझ रहे हैं ।
-नवनिर्वाचित सरपंचों के साथ सरकार के रिश्तों पर क्या राय है ?
-सरकार से सरपंच नाखुश हैं । पांच लाख की पाॅवर की बात भी लिखित नहीं कहीं भी ! फिर सरपंच क्या करें ! सरकार भी पोर्टल में सबको उलझा रही है । अभी देखिये खाद भी पोर्टल पर बतानी होगी ! यह कैसा मज़ाक है किसानों के साथ ?
-हरियाणवी फिल्म देखते हो ?
-नहीं !
-फिर फिल्म नीति पर क्या कहोगे ?
-सरकार की हर नीति सिर्फ दिखाने की नीति है ।
-अब सिर्फ एक शब्द की पहेली ?
-पूछो ।
-भ्रष्टाचार ?
-सारे रिकार्ड तोड़ दिये इस भाजपा जजपा सरकार ने ! जिस अधिकारी के भ्रष्टाचार की पोल खुलती है उसे सरकार प्रमोशन देती है । यह है कमाल !
-शिक्षा ?
-पांच हजार स्कूल बंद कर दिये । खरड़ में बताया लोगों ने कि इग्लिंश और साइंस के टीचर नहीं जबकि यह बीस हजार की आबादी का गांव है ।
-पेंशन ?
-पाच लाख लोगों की पेंशन काट दी ! एक साल से पेंशन नहीं आई जो बता रहे हैं !
-जनस॔वाद ?
-कैसा जनसंवाद ? नौ साल तक कहां रहे ?
इस तरह कुछ पहेलीनुमा सवाल कर मैं विदा लेता हूं