युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए बहुआयामी रणनीतियों की आवश्यकता: उपायुक्त
कहा.... निजी नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली का किया जाए मासिक मूल्यांकन

धर्मशाला, 30 सितम्बर: एनआईसी सभागार जिला कांगड़ा में आज राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एनकाॅर्ड) की बैठक का आयोजन किया गया। नशे की रोकथाम संबंधी इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त हेम राज बैरवा ने की। बैठक में नशे के प्रभाव को रोकने और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए बहुआयामी रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपायुक्त ने बैठक में कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों की क्षमता बढ़ाना समय की आवश्यकता है। इस दिशा में उन्होंने निर्देश दिए कि शीघ्र ही प्रयास भवन, धर्मशाला में नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र आरंभ किया जाए, ताकि नशे के शिकार लोगों को समय पर इलाज और परामर्श मिल सके।
उन्होंने नशे के मामलों में काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता जताई, ताकि सप्लाई चेन तक पहुँचकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सके। उपायुक्त ने संवाद प्लेटफाॅर्म की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि इसमें स्कूल प्रबंधन समितियों को भी शामिल किया जाए और संबंधित एसडीएम को सक्रिय भूमिका निभाने हेतु जोड़ा जाए।
बैठक में प्रहरी क्लबों की भूमिका पर विशेष जोर दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि जिले के सभी स्कूल अपने परिसरों और आसपास यदि किसी नशा संबंधित गतिविधि का संज्ञान लें तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस या संबंधित एसडीएम को दें। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों बारे में जागरूक करने के लिए नियमित वर्कशाॅप्स आयोजित की जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिले की सभी पंचायतों में नशा मुक्ति जागरूकता संबंधी होर्डिंग्स लगाए जाएं, ताकि ग्रामीण स्तर पर भी लोग नशे से होने वाले नुकसान से अवगत हो सकें। साथ ही, उपायुक्त ने कहा कि निजी नशा मुक्ति केंद्रों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए और उनकी कार्यप्रणाली की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक सुदृढ़ तंत्र विकसित किया जाए।
उपायुक्त ने नशा सप्लायर्स पर सख्ती बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे लोगों के अवैध कब्जों पर कार्यवाही की जाए। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि पीएचसी और सीएचसी स्तर पर डाॅक्टरों के लिए वर्कशाॅप आयोजित की जाएं, जिसमें उन्हें नशा छुड़वाने वाली दवाओं और उपचार संबंधी जानकारी दी जाए। इससे पीड़ित व्यक्तियों को समय पर सही उपचार उपलब्ध हो सकेगा।
उपायुक्त ने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए एक पूरी तरह समर्पित जागरूकता अभियान जिले में चलाया जाये। उन्होंने कहा कि सभी विभाग और गैर सरकारी संस्थाएं मिलकर जागरूकता सामग्री तैयार करें। उन्होंने इस क्षेत्र में काम कर रही गैर सरकारी संस्थाओं को इस बारे विस्तृत परियोजना बनाने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अदिति ने पुलिस विभाग द्वारा जिला में नशे की रोकथाम के लिये चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अदिति, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएनटीएफ) राजेन्द्र जसवाल, एसडीएम धर्मशाला मोहित रत्न, जिला कल्याण अधिकारी साहिल मांडला, डीसी एक्साईज प्रीतपाल सिंह, सहायक अधीक्षक जेल लेख राम ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) डाॅ. अनुराधा, आरपीजीएमसी से डाॅ. अनीश राणा, डीपीओ पंचायती राज विक्रम ठाकुर, उप निदेशक उच्च शिक्षा कमलेश कुमारी, नोडल अधिकारी उच्च शिक्षा सुधीर भाटिया, एसी एक्साईज राजेन्द्र सिंह, सचिव जिला रेडक्रॉस ओम प्रकाश शर्मा, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि और जिले के सभी एसडीएम, डीएसपी और बीएमओ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपस्थित रहे।