राहत कार्यों की समीक्षा करने ग्राऊंड जीरो पर पहुंचे उपायुक्त, गाड़ागुशैणी, बालीचौकी सहित प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों से किया सीधा संवाद
मंडी, 12 सितंबर। मंडी जिला में बरसात के दौरान आई आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्बहाली के कार्य को गति प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन दिन-रात कार्य कर रहा है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बालीचौकी व गाड़ा गुशैणी जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में ग्राऊंड जीरो पर पहुंचकर प्रभावितों से संवाद किया और राहत कार्यों की समीक्षा की।
उपायुक्त गत दो दिनों तक स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर रहे। उन्होंने जंजैहली में राहत कार्यों की समीक्षा की। इसके उपरांत गाडा गुशैणी पहुंचे। यहां पर उन्होंने राशन की उपलब्धता, सम्पर्क मार्गों की बहाली सहित संचार सेवाओं व अन्य आवश्यक सेवाओं को सुचारू करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने गाड़ागुशैणी क्षेत्र में विभिन्न राशन डीपो का निरीक्षण कर खाद्यान्नों की गुणवत्ता भी जांची। इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गाडागुशैणी में छात्रों से संवाद किया। स्कूल प्रबंधन व स्टाफ सदस्यों से यहां करवाई जा रही शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
गाडागुशैणी से उपायुक्त बाहू तक का रास्ता उन्होंने पैदल ही तय किया। इसके उपरांत जीभी होकर वे बालीचौकी पहुंचे और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक कर राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावितों को राशन सहित अन्य राहत सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में अगस्त माह का राशन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के डीपो के माध्यम से उपलब्ध करवा दिया गया है। सितंबर माह के कोटे का राशन भी अधिकांश सस्ते राशन के डीपो तक पहुंचा दिया गया है और सभी राशनकार्ड धारकों को इसका वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। क्षेत्र में रसोई गैस सिलेंडर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सड़क सम्पर्क बहाल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। रेशन, छत्तरी, शैटाधार सड़क मार्ग बहाल किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सेब बहुल क्षेत्रों से फसल बाहरी मंडियों को भेजने की प्रक्रिया जारी है। बागवानी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर परिवहन व्यवस्था को सुचारू करने में समन्वय स्थापित कर रहे हैं। आज भी बागवानी विभाग के दल ने बालीचौकी व माणी क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशों पर जिला व स्थानीय प्रशासन लगातार प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य निरंतर कर रहा है।
इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी (ना.) बालीचौकी देवीराम सहित संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
उधर, उपमंडलाधिकारी (ना.) थुनाग ने बगड़ाथाच पंचायत के खुनाची गांव में पहुंचकर प्रभावितों से संवाद किया और क्षेत्र में हुए नुकसान के बारे में चर्चा कर उन्हें प्रदेश सरकार व प्रशासन की ओर से किए जा रहे राहत कार्यों की जानकारी प्रदान की। उधर एक अन्य प्रशासनिक दल ने माणी पंचायत का दौरा किया और प्राथमिक पाठशाला शेगली, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला माणी, आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया। इसके अतिरिक्त सड़कों, विद्युत व पेयजल आपूर्ति सहित अन्य आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त की।
======================================
प्रदेश सरकार दूध उत्पादन को दे रही सर्वोच्च प्राथमिकता : अपूर्व देवगन
पशुपालन क्षेत्र के आधुनिकीकरण तथा विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा में बोले उपायुक्त
मंडी, 12 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश में पशुपालन क्षेत्र के आधुनिकीकरण तथा विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के उद्देश्य से आज जिला मंडी में बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने की। यह बैठक पशुपालन विभाग के सहयोग से संपन्न हुई। बैठक की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार दूध उत्पादन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और यह किसानों की आजीविका से जुड़ा विषय है। इसलिए सभी लाइन विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए नवीन तकनीकों को अपनाया जाए तथा फील्ड स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि दूध खरीद को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री का विशेष सहयोग मिल रहा है। मिल्कफेड की अपनी सीमाएं हैं, इसलिए अब दूध को अधिक से अधिक बाजार से जोड़ने पर काम करना होगा और इस दिशा में हरसंभव सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक में उप निदेशक पशुपालन मंडी डॉ. मुकेश महाजन ने विभाग की गतिविधियों का अवलोकन प्रस्तुत करते हुए पशुपालन क्षेत्र की दृष्टि एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ. दीप कुमार ठाकुर ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम और टीकाकरण अभियानों की विस्तृत जानकारी साझा की। डॉ. प्रतीक कश्यप ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जिनका उद्देश्य देशी नस्लों का संरक्षण, आनुवंशिक सुधार और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना है। इसी क्रम में डॉ. निशांत ठाकुर ने विभाग की वर्तमान योजनाओं और किसानों के उत्थान हेतु चल रही गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
बैठक में जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा, मिल्कफेड चक्कर, मत्स्य पालन एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी, वेटनरी डॉक्टर तथा दूध उत्पादक भी उपस्थित रहे। बैठक का समापन इस आह्वान के साथ हुआ कि मंडी जिले में पशुपालन क्षेत्र का आधुनिकीकरण कर किसानों की आजीविका को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जाएगी।
================================
आपदा प्रभावित पंचायतों में तेज होंगे बहाली और पुनर्निर्माण कार्य : एडीसी
मनरेगा और 15वें वित्त आयोग के फंड से क्षतिग्रस्त सड़कों व अन्य कार्यों को प्राथमिकता से करने के निर्देश
मंडी, 12 सितम्बर। अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी ) मंडी गुरसिमर सिंह की अध्यक्षता में आज बालीचौकी में विकास खंड बालीचौकी की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में हालिया बरसात से हुए नुकसान का आकलन, प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं की बहाली और पुनर्वास की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन जनप्रतिनिधियों के सहयोग से प्रभावित परिवारों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे जमीनी स्तर पर राहत और पुनर्वास गतिविधियों की निगरानी करें तथा प्रभावित परिवारों को त्वरित मदद उपलब्ध करवाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त संपर्क सड़कों और रास्तों का पुनर्निर्माण मनरेगा के अंतर्गत तुरंत शुरू किया जाए और इसकी कार्ययोजना ग्राम सभाओं की सहमति से तैयार की जाए। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को यह भी आदेश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग से प्राप्त फंड का उपयोग प्राथमिकता से करें।
उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत स्तर पर प्रभावित परिवारों की सूची तैयार करना और उसे समयबद्ध तरीके से प्रशासन के साथ साझा करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि राहत वितरण की प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से यह भी आग्रह किया कि वे सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल बहाली के कार्यों में विभागीय अधिकारियों का सहयोग करें और समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित कर प्रशासन तक पहुंचाएं, ताकि शीघ्र समाधान किया जा सके।
बैठक में जिला विकास अधिकारी ग्रामीण गोपी चंद पाठक, खंड विकास अधिकारी बालीचौकी बबनेश चड्ढा, विकास खंड के पंचायत प्रधान, कनिष्ठ अभियंता, पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवक उपस्थित रहे।
==============================
ठेकेदारों की सुविधा के लिए नगर निगम मंडी ने अपनाई ऑनलाइन व्यवस्थामंडी, 12 सितंबर। नगर निगम मंडी ने ठेकेदारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टेंडरिंग प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी एवं सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। निगम की ओर से जारी की गई नई व्यवस्था के तहत अब सभी ठेकेदारों को टेंडर दस्तावेज प्राप्त करने के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।आयुक्त, नगर निगम मंडी रोहित राठौर ने बताया कि अब सभी टेंडर दस्तावेज निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। ठेकेदार अपने सुविधा अनुसार सीधे वेबसाइट https://www.municipalcorporationmandi.in से दस्तावेज डाउनलोड कर सकेंगे। इस पहल से जहाँ समय की बचत होगी, वहीं प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।इसके अतिरिक्त, टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने हेतु जमा की जाने वाली अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) और टेंडर फीस को भी डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करने की सुविधा प्रारम्भ की गई है। इस कदम से ठेकेदारों को अतिरिक्त सुविधा मिलेगी और अनावश्यक औपचारिकताओं से भी मुक्ति मिलेगी।आयुक्त ने आगे कहा कि निगम लगातार अपनी कार्यप्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए नई तकनीकों को अपना रहा है। ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से ठेकेदारों को बड़ी राहत मिलेगी तथा निगम की विकासात्मक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।नगर निगम मंडी का यह प्रयास ठेकेदारों के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा, क्योंकि पारदर्शी और त्वरित टेंडर प्रक्रिया से विकास कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे किए जा सकेंगे।