हमीरपुर 14 अगस्त। प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों के सराहनीय परिणाम आने शुरू हो गए हैं। प्राकृतिक खेती से तैयार फसलों को अलग से उच्च दाम देने के प्रदेश सरकार के निर्णय से किसानों की आय में अच्छी-खासी वृद्धि होने लगी है। इससे जिला हमीरपुर के किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं।

पिछले रबी सीजन के दौरान जिला में प्राकृतिक खेती से तैयार 96.96 क्विंटल गेहूं की खरीद प्रदेश सरकार ने की, जिसका 136 किसानों को सीधा लाभ हुआ है। इन किसानों को उनकी उपज का दाम 60 रुपये प्रति किलोग्राम मिला और इसके साथ ही उन्हें 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से परिवहन उपदान भी मिला। यानि उनकी गेहूं 62 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकी।
आतमा परियोजना हमीरपुर के परियोजना निदेशक डॉ. नितिन शर्मा ने बताया कि 96.96 क्विंटल गेहूं की कीमत 5,81,760 रुपये और 19,392 रुपये के परिवहन उपदान की राशि अभी हाल ही में जिला के 136 किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित कर दी गई है।

डॉ. नितिन शर्मा ने बताया कि अब इस गेहूं का आटा और दलिया शीघ्र ही बाजार में उपलब्ध करवा दिया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्यान्न मिलेगा। यह आटा पांच-पांच किलोग्राम की पैकिंग में और दलिया आधा किलोग्राम की पैकिंग में दिया जाएगा।

परियोजना निदेशक ने बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा पांच हजार रुपये की परिवहन सब्सिडी तथा पशु मंडी की दो हजार रुपये तक की फीस की अदायगी भी परियोजना के तहत की जाती है। गौशाला के फर्श को पक्का करने तथा गोमूत्र एकत्रित करने की व्यवस्था के लिए आठ हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। प्राकृतिक खेती के लिए जरूरी सामग्री तैयार करने तथा ड्रम इत्यादि के लिए भी 2250 रुपये तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं के लिए जहां 60 रुपये प्रति किलोग्राम दाम तय किया है, वहीं मक्की के लिए 40 रुपये और हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलोग्राम दाम निर्धारित किए गए हैं, जोकि आम कीमतों से काफी ज्यादा हैं। इसके अलावा 2 रुपये के परिवहन उपदान से भी किसानों को काफी फायदा हो रहा है।