DHARAMSHALA, 01.05.25-हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला द्वारा आयोजित “निर्मुक्त युद्ध कला (आत्मरक्षा) प्रशिक्षण” कार्यक्रम का समापन समारोह आज धौलाधार परिसर-2 में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण छात्राओं, महिला शिक्षकों, एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने हेतु स्पर्श शीर्ष समिति एवं महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र (CWSD) द्वारा हिमाचल प्रदेश सशस्त्र पुलिस एवं प्रशिक्षण, शिमला के सहयोग से आयोजित किया गया था।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों (धर्मशाला, शाहपुर, व देहरा) से प्रशिक्षण में भाग लेने वाली प्रतिभागियों ने आत्मरक्षा के माध्यम से सीखी कला का आज समापन समारोह में प्रभावशाली प्रदर्शन भी किया।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हिमाचल पुलिस विभाग की इंस्पेक्टर डिम्पल, ने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय की इस पहल को महिला सुरक्षा के लिए एक प्रेरणादायक कदम बताया और पुलिस विभाग की तरफ से आने वाले समय में भी इस प्रकार प्रेरणादायी कार्यक्रम करते रहने की बात कही ।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एवं इस कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक प्रो. एस. पी. बंसल ने कहा, “आत्मरक्षा का प्रशिक्षण महिलाओं को हर परिस्थिति में सशक्त और आत्मविश्वासी बनाता है। यह कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।” उन्होंने हिप्रकेवि की प्रदेश में अग्रणी भूमिका को रेखांकित करते हुए इसे "महिलाओं की सुरक्षा प्रशिक्षण की पहल करने वाले संस्थानों में से एक" बताया और कहा कि “अब यह प्रशिक्षित छात्राओं की जिम्मेदारी है कि वे स्थानीय लड़कियों के लिए प्रशिक्षक बनें।”
उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यालयों को गोद लेकर पुलिस के सहयोग से छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही, ‘वूमन सेफ्टी शील्ड’ और ‘माय सेफ पिन’ जैसे यूट्यूब चैनल्स बनाकर सुरक्षा संबंधित जागरूकता को डिजिटल प्लेटफार्म पर बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महिलाओं की भूमिका अनिवार्य होगी और विश्वविद्यालय ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से उनके सशक्तिकरण में अहम योगदान देगा।”
स्पर्श शीर्ष समिति और सीडब्ल्यूएसडी की अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्य रश्मि रावत ने स्वयं सहायता समूहों और आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे समग्र विकास के लिए एनईपी 2020 के दृष्टिकोण से जोड़ा।
इस अवसर पर प्रो. प्रदीप कुमार (डीन अकादमिक), प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. सुनील ठाकुर (अधिष्ठाता छात्र कल्याण), प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, प्रशिक्षक और बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।