प. राजेन्द्र प्रसन्ना की मधुर बांसुरी एवं पदमश्री वेंकटेश कुमार के समधुर गायन से पांचवे गुरू एम एल कौसर फैस्टीवल का आगाज़
कला एवं संस्कृति के प्रचार एवं प्रसार को समर्पित संस्था प्राचीन कला केन्द्र देश की ऐसी संस्था है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं कलाओं को संवारने, संजोने एवं विकसित करने का जटिल कार्य पिछले 60 वर्षों से निरंतर करता आ रहा है।
Quiz & Other Cultural Activities #61492 - 19-Sep-2017 07:33 PM