पवन बंसल ने सेक्टर 27 कम्युनिटी सेंटर में आर डब्लूए ए की गोल्डन जुबली फंक्शन की अनुमति रद्द होने पर जताया ऐतराज
सेक्टर-27 की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के गोल्डन जुबली फंक्शन के लिए सेक्टर के कम्युनिटी सेंटर में आखिरी समय पर फंक्शन अनुमति रद्द करने पर शहर के पूर्व सांसद वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन बंसल ने सख्त ऐतराज जताया है। बंसल ने कहा कि आर डब्लूए ए
का प्रोग्राम कोई राजनीतिक प्रोग्राम नहीं था, ऐसे में आचार संहिता का हवाला दिया जाना पूरी तरह अनुचित है। इसके इलावा यदि एक दिन पहले उसी कम्युनिटी सेंटर में सीनियर सिटीज़न्स का फंक्शन हो सकता है रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का फंक्शन क्यों नहीं।
“भाजपा शासित प्रशासन रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को भी पॉलिटिकल अखाड़ा बनाने पर तुली है। अचार संहिता लगने के बाद भी मोदी के नाम की नेम प्लेट, विकास के व्हाट्सएप मैसेज व नमो ऐप के दुरूपयोग की शिकायतों के मामले रोज़ाना आ रहे हैं। इसे भाजपा आचार संहिता की उल्लंघना नहीं मानती, लेकिन गलत क्लॉज़ लगाकर
आर डब्लूए ए के फंक्शन को मंज़ूरी मिलने के बाद रद्द करना निंदनीय है।”
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आचार संहिता लगने के बाद भाजपा को आई स्मार्ट पार्किंग की याद, 5 साल का इंतज़ार होगा अभी और लंबा
भाजपा को टेंडर लगाते वक्त चुनाव संहिता का ख्याल आया, नेम प्लेट लगाते वक्त नहीं- बंसल
चंडीगढ़ , भाजपा शासित प्रशासन ने चंडीगढ़ की 87 पार्किंग को स्मार्ट बनाने के लिए फिर से एक बार टेंडर तो लगाया है, लेकिन इसकी अलॉटमेंट इलेक्शन कमिशन से मंजूरी के बाद या फिर आचार संहिता की समाप्ति के बाद होगी। जिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए चंडीगढ़ के पूर्व सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
पवन बंसल ने कहा कि ये सुविधा देने का वादा तो भाजपा ने 5 साल पहले किया था, फिर अभी तक ये हो क्यों नहीं पाया ? आखिर चंडीगढ़ वासियों को स्मार्ट पार्किंग के लिए पिछले 5 सालों से इंतजार करना ही क्यों पड़ रहा है?
“यदि शहर के विभिन्न मॉल स्मार्ट पार्किंग चला सकते हैं तो चंडीगढ़ प्रशासन इसमें असफल क्यों रहा है ? पहले प्रशासन की लापरवाही के चलते इस स्मार्ट पार्किंग के टैंडर में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। इस घोटाले में करोड़ों रुपये का नुकसान प्रशासन को नहीं, बल्कि शहर की जनता को हुआ”
पवन बंसल ने कहा कि हाल-फिलहाल चंडीगढ़ में पार्किंग का बहुत बुरा हाल है। यहाँ तक कि पार्किंग्स में से लोगों की गाड़ियां चोरी होने की खबरें भी आती रहती हैं क्योंकि एग्जिट प्वाइंट पर कोई निगम कर्मचारी मौजूद ही नहीं होता और शाम होते-होते ही पार्किंग के एंट्री पॉइंट पर भी निगम के कर्मचारी भी नदारद हो जाते हैं ।