बल्ला, 25.08.22- अज्ञानता एक ऐसा अंधेरा है जो विवेक को शून्य कर देता है जो अंततः व्यक्ति एवं समाज को भटकाव की ओर ले जाता है। ज्ञान की एक रोशनी अज्ञानता के घने अंधेरे को भी चीर देती है। इसलिए कलम को तलवार से ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है। कलम का तात्पर्य पुस्तकों से है जो ज्ञान संग्रह का माध्यम है, लेकिन इस ज्ञान की सार्थकता तभी है जब इसे व्यक्त किया जाए। ज्ञान के प्रसार के लिए एक अच्छा वक्ता होना जरूरी है। इसके लिए भाषा पर अच्छी पकड़ चाहिए। इसलिए अच्छा वक्ता बनना है तो रोज नए शब्द सीखें। अच्छी भाषा शैली और शब्दों के उचित चयन से सुसुप्त समाज को भी जागृत किया जा सकता है। भाषा में मनोभाव छिपे होते हैं। यह विचार हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने अकादमी के अध्ययनशीलता जनचेतना अभियान के अंतर्गत सालवन के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी एवं विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

डॉ. चौहान ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए ज्ञान और उसकी अभिव्यक्ति दोनों आवश्यक है। पुस्तकें ज्ञान का स्रोत हैं जिनमें नियमित अध्ययन से वृद्धि की जा सकती है। नियमित अध्ययन पारंपरिक तरीके से पुस्तकों के माध्यम से भी हो सकता है और डिजिटल रूप में ई-बुक्स के माध्यम से भी। उन्होंने कहा कि ज्ञान की सार्थकता उसका प्रसार करने में है। इसलिए, ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ ज्ञान की अभिव्यक्ति और उसकी सुंदर प्रस्तुति भी उतना ही आवश्यक है। अध्ययन और अभ्यास से ज्ञान की अभिव्यक्ति और प्रस्तुतीकरण को सुंदर एवं ग्राह्य बनाया जा सकता है। प्रस्तुतीकरण की अच्छी शैली से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने अध्ययन के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि पुस्तकों को अपना मित्र बनाएं। पुस्तकें सबसे अच्छी मित्रजी हैं। मनुष्य धोखा दे सकता है, लेकिन पुस्तकें नहीं। उन्होंने बताया कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग, टेस्ला के मालिक एलन मस्क व प्रसिद्ध व्यवसाई वारेन बफेट अपनी सफलता में पुस्तकों को श्रेय दिया है। पुस्तकें पढ़ते समय महत्वपूर्ण हिस्सों के नोट्स भी साथ-साथ बनाते रहना चाहिए, इससे महत्वपूर्ण तथ्य याद रहते हैं।

इस अवसर पर उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पाढा में बहुत जल्द एक अत्याधुनिक वातानुकूलित ई-लाइब्रेरी बनने जा रही है जिसके टेंडर एक हफ्ते के भीतर जारी हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अब तक क्षेत्र के काछवा, ब्याना, गोंदर आदि गांवों में पुस्तकालय खुल चुके हैं। विक्रम के दौरान 11वीं व 12वीं की छात्राओं काजल, शिवानी, हिमांशी, शीतल, प्रीति, तनीषा और अन्नू ने भी पुस्तकों के महत्व के बारे में अपने विचार रखे और ग्रंथ अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान से प्रमाण पत्र प्राप्त किए। डॉ. चौहान ने उन्हें पुस्तकें प्रदान करते हुए कहा कि तकनीक के उपयोग से वह और अपना जीवन संवार सकते हैं।

विद्यालय के प्रधानाचार्य राजकुमार चौहान ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को ऐसे आयोजनों का भरपूर लाभ उठाने का परामर्श दिया और हरियाणा ग्रंथ अकादमी को असंध ब्लाक के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में ऐसे आयोजनों की शुरुआत करने के लिए साधुवाद दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रेम कुमार ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर सालवन के राजकीय बॉयज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल सुरेश सैनी भी मौजूद रहे। उनके अलावा उपस्थित गणमान्य लोगों में भगत सिंह, आदर्श स्कूल के नत्थी, जयभगवान जांगड़ा, दीपक, पंकज, मयंक, अमित राणा, विनोद कुमार, जगदीश, देवेंद्र सिंह, जयमल सिंह, विनोद, अजय कुमार अगोंध, जयकंवार, सोमपाल, पवन कुमार, संदीप राणा, रविंद्र कुमार राणा, टिंकू, राजेंद्र राणा और कर्मवीर राणा आदि मौजूद रहे। स्कूल के शिक्षकों में दीपक, नीतू कुमारी, राजरानी, सुदेश कुमारी, श्याम सुंदर, प्रेम कुमार, योगेंद्र सिंह, राजवीर, जितेंद्र कुमार, बालेश शर्मा, अनुबाला, राजेंद्र सिंह, सरोज बाला, सरोज, टीकाराम, राजबाला, ममता, कृष्णा और राज भी कार्यक्रम में मौजूद थे।