करनाल,04.12.20- अधिवक्ताओं ने स्वतंत्रता आन्दोलन के समय से लेकर वर्तमान तक निरंतर देश के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संविधान निर्माण में अधिवक्ताओं के योगदान को सारा देश एक मत से स्वीकार करता है । हरियाणा ग्रन्थ अकादमी, पंचकूला व ग्रामोदय के संयुक्त तत्वावधान में अधिवक्ता दिवस पर आयोजित ऑनलाइन विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने यह टिप्पणी की ।

न्याय पथ पर अग्रसर सभी अधिवक्ताओं को अधिवक्ता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए डॉ चौहान ने प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का स्मरण किया जिनकी याद में अधिवक्ता दिवस मनाया जाता है । डॉ चौहान ने कहा कि न्याय महंगा ना हो, सबको आसानी से मिल पाए और समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसकी पहुंचे हो सके, यह वर्तमान सरकार का मुख्य लक्ष्य है ।

कार्यक्रम का संचालन पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरविंद सेठ ने किया। सभी देशवासियों व अपने सभी अधिवक्ता मित्रों को अधिवक्ता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए एडवोकेट सेठ ने न्याय में देरी के संबंध में कहा कि जनसंख्या का दबाव भी इसका एक प्रमुख कारण है ।

करनाल से जुड़े अधिवक्ता सुनील कुमार राणा ने कहा कि पृथ्वी के सभी प्राणियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण वस्तु न्याय है और वकील होने के नाते इसकी जिम्मेदारी हमारी बनती है। इस जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाना हम सभी अधिवक्ताओं का उत्तरदायित्व है ।

असंध बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता आनंद राणा ने कहा कि वकील अपनी जिम्मेदारी समझें और आम जनता को गुमराह ना करें । उचित फीस लें , स्नेह और इमानदारी से न्याय दिलाने के लिए कार्य करें ।

मुंदड़ी कैथल से जुड़े अधिवक्ता नरेंद्र ने कहा कि वकील समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है। जैसे रोग होने की दशा में चिकित्सक अत्यंत महत्वपूर्ण होता है ठीक वैसे ही अन्याय से पीड़ित होने पर वकील बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपने दर्जे को समझते हुए वकील को फीस के साथ-साथ सही सलाह व सुझाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।

गुड़गांव से जुड़े अधिवक्ता मनीष शांडिल्य ने सभी को अधिवक्ता दिवस की शुभकामनाएं दी और अपना कार्य ईमानदारी व निष्ठा से करने के लिए अपने सभी अधिवक्ता मित्रों का आह्वान किया।