धर्मशाला, 07 सितंबर। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि शाहपुर में शहीदों की यादों को तरोताजा रखने के लिए युद्व स्मारक का निर्माण किया जाएगा इस के लिए भूमि चिह्न्ति कर ली गई है।
रविवार को शाहपुर ब्लाक पूर्व सैनिक सैल की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्यातिथि केवल सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वीर भूमि होने का श्रेय प्राप्त करने में हिमाचल के वीर सपूतों का अभूतपूर्व योगदान रहा है। जब भी देश को आवश्यकता हुई है, यहाँ के वीर जवानों ने अभूतपूर्व सैन्य परम्पराओं का निर्वहन करते हुये अपने साहस और पराक्रम का परिचय दिया है, यहाँ तक कि अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं रहे हैं। कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 वीरों ने अपने प्राण देश के लिये न्योछावर किये हैं, जिनमें से 15 वीर सैनिक कांगड़ा जिले से थे। स्वतन्त्रता प्राप्ति से आज तक हिमाचल के लगभग 1728 वीरों ने अपने प्राण देश के लिये न्योछावर किये हैं।
उन्होंने कहा कि इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश के 04 जाँबाज सैनिकों को परम वीर चक्र, 02 को अशोक चक्र, 10 को महावीर चक्र तथा 25 को कीर्ति चक्र जैसे शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त 1162 सैनिक विभिन्न पदकों द्वारा सम्मानित हैं। इनमें से जिला कांगड़ा के 02 परम वीर चक्र (मेजर सोमनाथ शर्मा व कैप्टन विक्रम बतरा), 01 अशोक चक्र, 04 महावीर चक्र, 12 कीर्ति चक्र, 18 वीर चक्र, 30 शौर्य चक्र व 374 सैनिक विभिन्न पदकों द्वारा सम्मानित हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान हिमाचल सरकार ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खु के नेतृत्व में वीर नारियों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के कल्याण हेतू विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं चलाई हैं।
उन्होनंे कहा कि सितम्बर 2023 से युद्ध ऑपरेशन के समय शहीद अपंग हुए सैनिकों के आश्रितों को प्रदान की जा रही अनुग्रह अनुदान राशि की दरों में डेढ़ गुणा बढ़ौतरी की गई। शहीद सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली 20 लाख की राशि को बढ़ाकर 30 लाख, अन्य कारणों से सैनिकों की मृत्यु पर राशि को 5 लाख से 7.50 लाख तथा युद्ध में अपंग सैनिकों की राशि को 2.50 लाख से 3.75 लाख व 1.00 लाख से 1.50 लाख किया गया। सितम्बर 2023 से नॉन पैन्शनर पूर्व सैनिकों व उनकी विधवाओं को मिलने वाली बुढ़ापा आर्थिक सहायता की पात्रता हेतु 35,000 रूपए की वार्षिक आय सीमा की शर्त को हटाया गया। इसके साथ ही बुढ़ापा आर्थिक सहायता की मासिक सहायता राशि को 01 अप्रैल, 2025 से 3,000ध्-से बढ़ाकर 5,000 रूपए कर दिया गया है।
द्वितीय विश्व युद्ध के नॉन पैन्शनर पूर्व सैनिकों व उनकी विधवाओं को दी जा रही बुढ़ापा आर्थिक सहायता को 31 अक्तूबर 2023 से प्रथम विश्व युद्ध के नॉन पैन्शनर पूर्व सैनिकों को भी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदेश सरकार द्वारा दी गई।
*वीर नारियों और उत्कृष्ट सैन्य सेवाओं के लिए मिला सम्मान
उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने इस अवसर पर उत्कृष्ट सैन्य सेवाओं एवं वीर नारियों को सम्मानित भी किया गया जिसमें विशिष्ट सेवा मैडल विजेता कर्नल जय सिंह, वीर नारियों पिंकी देवी, सावित्री देवी, सोमा देवी तथा सिंदूर आपरेशन के शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार की धर्मपत्नी सुषमा देवी, साधना देवी, तथा शहीद राकेश के भाई को सम्मानित किया गया।
* सैन्य अनुभवों को किया सांझा
इस अवसर पर सुनिता बोहरा ने शहीद की मां कविता सुनाकर सबको भाव विभोर किया वहीं विशिष्ट सेवा मैडल से अलंकृत जय सिंह ने अपने सैन्य अनुभवों को सबके साथ सांझा किया वहीं सावित्री देवी ने देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति भी दी। चंगर पूर्व सैनिक सैल ने आपदा राहत कोष के लिए 50 हजार की राशि भी भेंट की।
इस अवसर पर शाहपुर सैनिक सैल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एसएस राणा, उपाध्यक्ष मेजर कुलदीप सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सुनंदा पठानिया सहित पूर्व सैनिक उपस्थित थे।