चण्डीगढ़ 20.05.25-: श्री प्राचीन शिव मन्दिर सभा, सैक्टर 23-डी द्वारा वार्षिक मूर्ति स्थापना महोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद् भागवत कथा कथा व्यास श्री श्याम बिहारी शास्त्री (वृन्दावन वाले) द्वारा मंदिर परिसर में हो रही है।
आज कथा व्यास ने अपनी अमृतवाणी से श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ करते हुए व्यास ने भगवान की अनेक लीलाओं में दिव्य महारास लीला का वर्णन किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की श्रेष्ठतम लीला रास लीला का बखान करते हुए कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। महाराज द्वारा कथा सुनाते हुए भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि रुक्मिणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थीं। उन्होंने रुक्मणी श्री कृष्ण विवाह प्रसंग को कथा और भजनों के माध्यम से बताया।

उनके द्वारा गाए भजन आज मेरे श्याम की शादी है, ऐसा लगता है सारे, ब्रजधाम की शादी है, आज मेरे श्याम की शादी हैं के साथ भगत नृत्य करने लगे। आज की कथा मे विशेष अतिथि गढ़वाल सभा के पूर्व प्रधान कुंदन लाल उनियाल, हिन्दू पर्व महासभा के प्रधान बीपी अरोड़ा, खाटू श्याम मण्डल की प्रधान अनु रत्ता, मंदिर प्रधान राजीव करकरा और महासचिव गिरीश कुमार शर्मा के साथ डॉक्टर राजीव कपिला सहित मंदिर पुजारी के साथ समस्त कार्यकारिणी सदस्य एवं महिला संर्कीतन मण्डली के सभी सदस्यों ने उपस्थिति दी।