CHANDIGARH, 11.09.22 भारतीय संगीत कला को समर्पित संस्था प्राचीन कला केन्द्र द्वारा पिछले २३ वर्षों से निरंतर आयोजित होने वाली मासिक बैठकों की 276वी कड़ी में आज मोहन वीणा के तारों से खनकती शाम में जाने माने मोहन वीणा वादक श्री अजय पी झा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्र के एम एल कौसर सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथियों ने पधार कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

आज के कलाकार अजय झा न केवल एक सधे हुए वीणा वादक बल्कि एक बेहतरीन कलाकार भी हैं। अजय ने पद्म विभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट के शिष्यत्व में मोहन वीणा की गहन शिक्षा प्राप्त की। अजय ने भारत के सभी प्रमुख शहरों में खूबसूरत प्रस्तुतियां देकर अपनी कला प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया है।

कार्यक्रम का आरंभ पंडित अजय ने राग जोगकौंस जोकि राग जोग और मालकौंस का मिश्रण है, पेश करके दर्शकों को अपनी वीणा से तारों से मंत्रमुग्ध कर दिया और पारम्परिक आलाप,जोड़,झाला प्रस्तुत करके दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। तीन ताल में निबद्ध विलम्बित और द्रुत बंदिशों के मधुर प्रदर्शन का दर्शकों ने खूब आनद लिया । कार्यक्रम का समापन अजय ने राग भोपाली पर आधारित एक सुंदर धुन से किया। तबले पर अजय झा के साथ चंडीगढ़ के जाने माने तबला वादक डॉ महेंद्र प्रसाद शर्मा ने बखूबी संगत की। कार्यक्रम के अंत में केंद्र के सचिव श्री सजल कौसर के साथ केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ. शोभा कौसर ने कलाकारों को पुश्प एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया।