शिमलाः25.08.25- विधान सभा में चल रहे मॉनसून सत्र की कार्यवाही देखने आए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मैहली के छात्र छात्राओं ने सदन की कार्यवाही को देखने से पहले हि०प्र० विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां से कौंसिल चैम्बर के बाहर मुलाकात की। इस अवसर पर छात्रों ने विधान सभा अध्यक्ष से आज होने वाली कार्यवाही तथा विधान सभा की भूमिका, गठन तथा स्पीकर पद के महत्व पर प्रकाश डालने का आग्रह किया जिसका विधान सभा अध्यक्ष ने सलिसिलेवार उत्तर देते हुए कहा कि विधानसभा एक राज्य का कानून बनाने वाला सदन है. जैसे हमारे स्कूल में अलग- अलग कक्षाएँ होती है, वैसे ही राज्य में अलग- अलग क्षेत्र होते हैं, और हर क्षेत्र से एक नेता चुना जाता है. जिसे विधायक कहते हैं। ये विधायक मिलकर विधानसमा बनाते हैं। विधानसभा का मुख्य काम राज्य के लोगों के लिए कानून बनाना है। जैसे स्कूल में नियम होते है. वैसे ही राज्य को चलाने के लिए कानून जरूरी होते हैं।

पठानियां ने कहा कि जिस राजनीतिक दल के सबसे ज्यादा विधायक जीतते हैं वह दल मिलकर सरकार बनाता है। सरकार का मुखिया मुख्यमंत्री कहलाता है। विधान सभा में विधायक सरकार से लोगों की समस्याओं के बारे में सवाल पूछते हैं और सरकार को उसका जवाब देना होता है। सरकार हर साल बताती है कि यह लोगों के लिए क्या-क्या काम करेगी और उसके लिए कितना पैसा खर्च होगा। इसे बजट कहते हैं और विधान सभा इसे पास करती है।
उन्होने कहा कि विधान सभा में एक स्पीकर होता है जो सदन की कार्यवाही को नियंत्रित करता है जैसे स्कूल में प्रिंसिपल असेंबली को चलाते हैं। इसके अतिरिक्त जो दल सरकार नहीं बनाते वे विपक्ष कहलाते हैं। विपक्ष का काम सरकार के कामों पर नजर रखना और लोगों की आवाज उठाना होता है। विधान सभा में किसी भी मुद्दे पर खूब वहस होती है जिसमें विधायक अपनी-अपनी राय रखते हैं। जब कोई कानून बनाना होता है तो विधायक उस पर वोट करते हैं। जिस तरफ ज्यादा वोट होते हैं वह कानून बन जाता है।

पठानियां ने कहा कि विधान सभा लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह लोगों को अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार में भाग लेने का मौका देता है। विधान सभा अध्यक्ष ने सभी छात्र छात्राओं को सदन के अन्दर होने वाली कार्यवाही को देखने के लिए आमंत्रित भी किया और सभी बच्चों को अपनी ओर से शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर उप- मुख्य सचेतक हि0प्र0 सरकार केवल सिंह पठानियां भी मौजूद थे।