सोलन-दिनांक 16.11.2025-अतिरिक्त उपायुक्त सोलन राहुल जैन ने कहा कि भ्रामक सूचनाओं से बचाव के लिए खबर को चलाने से पूर्व विभिन्न पक्षों से उसकी सत्यता को जांचने का प्रयास करें ताकि सटीक सूचना लोगों तक पहुंचे। अतिरिक्त उपायुक्त आज यहां राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित ज़िला स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

ज़िला स्तरीय कार्यक्रम में भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आज के लिए सुझाए गए विषय ‘बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण, ैंमिहनंतकपदह च्तमेे ब्तमकपइपसपजल ।उपकेज त्पेपदह डपेपदवितउंजपवदष् पर सारगर्भित चर्चा की गई।

राहुल जैन ने कहा कि बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए पत्रकारों को सटीकता और सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए, तथ्य-जांच और निष्पक्ष रिपोर्टिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को केवल तथ्यों को प्रस्तुत करना चाहिए और गलत सूचना से बचना चाहिए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भ्रामक सूचना के प्रसार को रोकने के लिए, समाचार संगठनों को गहन तथ्य-जांच की प्रक्रिया अपनानी चाहिए। समाचार रिपोर्टिंग में अधिक पारदर्शिता लाना और अपने स्तोत्रों को स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि आज के समय में भ्रामक सूचनाएं पूरे विश्व को प्रभावित करने वाली समस्या बन रही है। उन्होंने कहा कि जब तथ्य और कल्पना के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है, तो यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि क्या सच है और क्या झूठ। इसके निवारण के लिए लोगों तक सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए नीतिगत कार्य करना आवश्यक है ताकि एक संतुलन बना रहे।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र की आधारशिला है और उसकी विश्वसनीयता बनाए रखना समय की आवश्यकता है।

पत्रकार यशपाल कपूर ने कहा कि सूचना के आदान-प्रदान में विश्वसनीयता का महत्व बहुत अधिक है। लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिए पत्रकार द्वारा दी जाने वाली सूचना में सच्चाई का होना आवश्यक है। वर्तमान में जल्दबाजी के कारण खबर की तथ्यतः धीरे-धीरे कम होती जा रही है, जिससे बचाव के लिए पत्रकार को अपनी जिम्मेदारी को समझना आवश्यक है।

पत्रकार सुखदर्शन ठाकुर ने कहा कि यदि हम भ्रामक रहेंगे तो लोगों तक सूचना भी भ्रामक ही पहुंचेगी। उन्होंने पत्रकारों को अपने सूत्र मज़बूत करने और नम्बर वन आने की होड़ से बचने की सलाह दी।

पत्रकार पुनीत वर्मा ने कहा कि भ्रामक सूचनाओं पर रोक लगाने के लिए ब्रेकिंग न्यूज़ की दौड़ में खरब की सत्यता की महत्वता को समझना जरूरी है। उन्होंने निष्पक्ष व तथ्यों पर आधारित रिर्पोटिंग के लिए नियम बनने आवश्यक है।
पत्रकार र्कीति कौशल ने कहा कि समाज में चेतना लाने में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। सोशल मीडिया शक्ति भी है और कमज़ोरी भी, इसका सही इस्तेमाल लोगों के जीवन को बदलने में अहम है। उन्होंने पत्रकारों को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए भ्रामक प्रचार से बचने की सलाह दी।

पत्रकार मोहन चौहान ने कहा कि पत्रकारों को निष्पक्ष और संतुलित पत्रकारिता करनी चाहिए। भ्रामक सूचना पर लगाम लगाने के लिए तथ्यों की गहन जांच करना ज़रूरी है।

पत्रकार सौरभ शर्मा ने कहा कि डिजिटल युग में, सोशल मीडिया में अलग दिखने की दौड़ में भ्रामक सूचनाएं बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सूचना की सत्यता जाने बिना लोगों को खबर परोसने से बचना आवश्यक है।
पत्रकार तोमर ठाकुर ने कहा कि भ्रामक सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए नम्बर वन बनने नीति और नकारात्मक खबर से टी.आर.पी. बटोरने की प्रथा को तोड़ना आवश्यक है।

पत्रकार मनोज ठाकुर ने कहा कि समाचार की प्रमाणीकता सुनिश्चित करने के लिए विश्लेषण आवश्यक है, क्योंकि यह सूचना लोगों के लिए ज्ञान का केन्द्र भी होती है।

इस अवसर पर विभिन्न समाचार पत्रों, इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो प्रमुख तथा संवाद्दाताओं सहित सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी रविन्द्र सभ्रवाल एवं ज़िला लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित थे।