नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री राजेश धर्माणी ने आज लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह घुमारवीं में जन समस्याएं सुनीं।
GHUMARVI, 30.10.25-नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री राजेश धर्माणी ने आज लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह घुमारवीं में जन समस्याएं सुनीं। उन्होंने जन समस्याओं के जल्द समाधान के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये।
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घुमारवीं में 25 करोड़ रूपए की लागत से बनेगा खेल परिसर, साढ़े चार करोड़ रूपये की पहली किस्त जारी: राजेश धर्माणी
स्थापित होने वाले खेल परिसर का अधिकारियों के साथ तकनीकी शिक्षा मंत्री ने किया निरीक्षण
घुमारवीं (बिलासपुर), 30 अक्तूबर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में लगभग 25 करोड़ रूपए की लागत से एक भव्य खेल परिसर का निर्माण किया जाएगा, जो क्षेत्र के युवाओं के लिए एक नई खेल पहचान स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए लगभग साढ़े चार करोड़ रूपए की पहली किस्त जारी कर दी गई है और निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जाएगा। राजेश धर्माणी आज घुमारवीं में खेल परिसर के निर्माण स्थल का संबंधित अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर घुमारवीं के समीप बनने वाले इस खेल परिसर के लिए अब तक लगभग 12 बीघा भूमि खेल विभाग के नाम हस्तांतरित की जा चुकी है। इस खेल परिसर में इनडोर स्टेडियम, आउटडोर खेल मैदान, दर्शक दीर्घा तथा आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण केंद्र तैयार किए जाएंगे, जिससे खिलाड़ियों को उत्कृष्ट वातावरण में अभ्यास करने का अवसर प्राप्त होगा।
राजेश धर्माणी ने कहा कि खेल परिसर के निमार्ण से घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र सहित आसपास के अन्य इलाकों के युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्हें अपनी प्रतिभा को राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए भी एक बेहतरीन मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को न केवल शिक्षा और रोजगार बल्कि खेलों में भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार संपूर्ण हिमाचल में खेल परिसरों और इनडोर स्टेडियमों का निर्माण किया जा रहा है ताकि युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित किया जा सके। इससे न केवल युवा खेलों के प्रति रुझान बढ़ाएंगे बल्कि वह स्वयं को नशे से भी दूर रख पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में जिला और उपमंडल स्तर पर खेल अधोसंरचना को मजबूत किया जा रहा है ताकि ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक युवा को अपनी पसंद के खेल अवसर और सुविधाएं उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि घुमारवीं में बनने वाला यह खेल परिसर आने वाले वर्षों में बिलासपुर जिला ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित होगा।
इस मौके पर एसडीएम गौरव चौधरी, हिमुडा तथा लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता तथा युवा सेवा व खेल विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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60 लाख की लागत से निर्मित बरोटा-चनीण-गतोड़ सड़क का तकनीकी शिक्षा मंत्री ने किया उद्घाटन
कहा सड़क ग्रामीण संपर्क को सुदृढ़ बनाएगी, सामाजिक व आर्थिक विकास को मिलेगी गति
घुमारवीं (बिलासपुर), 30 अक्तूबर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने आज घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 60 लाख रूपये की लागत से निर्मित बरोटा-चनीण-गतोड़ सड़क का विधिवत उद्घाटन किया। इस सड़क मार्ग के बनने से आसपास के गांवों का संपर्क सुगम होगा तथा कृषि उत्पादों को बाजार तक ले जाने में सुविधा मिलेगी तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। सड़क के उद्घाटन अवसर पर स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल भी देखने को मिला।
इस अवसर पर बोलते हुए नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा इस सड़क के निर्मित हो जाने से लगभग 5 हजार से अधिक आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। क्षेत्र के लोगों द्वारा लंबे समय से इस सड़क के निर्माण की मांग की जा रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह सड़क न केवल ग्रामीण संपर्क को सुदृढ़ बनाएगी बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति देगी।
राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल सरकार का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है, ताकि हर गांव तक विकास की रोशनी पहुंच सके। उन्होंने कहा कि सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास की आधारशिला होती हैं। बेहतर सड़कें न केवल आवागमन को सुगम बनाती हैं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गांव सड़क सुविधा से वंचित न रहे। घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विकास कार्यों से ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह से अपील की कि वह विकास कार्यों में सरकार का सहयोग करें और अपने क्षेत्र की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि विकास की यह यात्रा निरंतर जारी रहेगी और सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए समर्पित भाव से कार्य करती रहेगी।
इस अवसर पर स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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रेशम कीट पालन और मछली पालन को मिलेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य: राजेश धर्माणी
हिमाचल सरकार आगामी बजट में कर सकती है प्रावधान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम
घुमारवीं (बिलासपुर), 30 अक्तूबर : नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष में रेशम कीट पालन और मछली पालन के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान कर सकती है। राजेश धर्माणी आज हंबोट पंचायत में आयोजित किसान जागरूकता शिविर में बतौर मुख्यातिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे।
राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। वर्तमान में राज्य सरकार प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है। मक्का के लिए 40 रुपए प्रति किलोग्राम, गेहूं के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम, कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपए प्रति किलोग्राम तथा पांगी क्षेत्र से प्राप्त जौ के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार इसी तर्ज पर रेशम कीट पालन और मत्स्य पालन को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। पिछले ढाई वर्षों में किसानों को सशक्त बनाने, उनकी आय में वृद्धि करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है और कृषि ही उनका प्रमुख व्यवसाय है। इसलिए राज्य सरकार की नीतियां इस प्रकार बनाई जा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक प्रवाह बढ़े और किसानों के हाथों तक अधिकतम लाभ पहुंचे।
राजेश धर्माणी ने कहा कि किसान जागरूकता शिविरों का आयोजन राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। जिसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों, जैविक खेती, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य के महत्व के प्रति प्रशिक्षित और जागरूक करना है। इन शिविरों में कृषि विशेषज्ञ किसानों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग, कीट एवं रोग नियंत्रण, बीज चयन तथा उन्नत कृषि पद्धतियों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार पशुपालन क्षेत्र में भी किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। जिला बिलासपुर में पशुपालकों के लिए डेयरी कोऑपरेटिव सोसायटियों का गठन किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में 15 नई समितियां गठित की गई हैं। मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर और मजदूर जीवन सुरक्षा योजना के अंतर्गत जिला के 20 लाभार्थियों को विकलांगता अथवा अंग कटने की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पशुपालक अब ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ के माध्यम से दो लाख रूपए तक का ऋण बिना किसी गारंटी के प्राप्त कर सकते हैं, जो पशुपालन के विस्तार और डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगा।
कार्यक्रम में एपीएमसी अध्यक्ष सतपाल वर्धन ने कहा कि एपीएमसी किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, ताकि उन्हें उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने बताया कि किसानों को अन्य राज्यों के कृषि मॉडल से अवगत कराने के लिए एक्सपोजर विजिट भी आयोजित किए जाएंगे, जिनका समस्त व्यय एपीएमसी वहन करेगी।
इस अवसर पर कृषि, पशुपालन, उद्यान एवं बैंकिंग संस्थानों के अधिकारियों ने किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे एचपी शिव परियोजना, बकरी पालन योजना, प्राकृतिक खेती योजना, मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर और मजदूर जीवन सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन संरक्षण योजना, मुख्यमंत्री कृषि संवर्धन योजना, मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शिविर में 200 से अधिक किसानों को उन्नत किस्म के बीज भी वितरित किए गए।
इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि प्रेम ठाकुर, जिला कृषि अधिकारी नरेश कुमार, ग्राम पंचायत प्रधान नंदलाल सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।