आपदा प्रभावित सराज क्षेत्र में 24 मेडिकल टीमें पैदल पहुंच कर दे रहीं स्वास्थ्य सेवाएं- उपायुक्त
2000 क्लोरीन गोलियां और 49 मेडिकल किट कीं वितरित
9 गर्भवती महिलाओं को क्षेत्रीय अस्पताल मंडी और मेडिकल कॉलेज नेरचौक पहुंचाया

मंडी, 6 जुलाई। सराज विधानसभा क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद जहां जिला प्रशासन, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ इत्यादि बचाव दल राहत व बचाव कार्यों में जुटे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग भी पूरी मुस्‍तैदी से प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहा है। विभाग ने 24 मोबाइल मेडिकल टीमें गठित की हैं, जिनमें से 10 टीमें जंजैहली, 10 थुनाग और 4 टीमें बगस्याड़ क्षेत्र के प्रभावित गांवों में जाकर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
दुर्गम क्षेत्रों में डेरा जमाकर कर रहे स्वास्थ्य जांच
बादल फटने की घटना के बाद जहां सड़कों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है, ऐसे दूरदराज और दुर्गम गांवों में मोबाइल मेडिकल टीमें डेरा जमाकर कार्य कर रही हैं। डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा निरंतर स्वास्थ्य जांच, आवश्यकतानुसार दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।
गर्भवती महिलाओं और गंभीर मरीजों को सुरक्षित उपचार के लिए भेजा गया
प्रभावित क्षेत्रों से अब तक विभिन्न माध्यमों से 9 गर्भवती महिलाओं को क्षेत्रीय अस्पताल मंडी और मेडिकल कॉलेज नेरचौक भेजा जा चुका है। एक गर्भवती महिला को जंजैहली से वाया करसोग आईजीएमसी शिमला भेजा गया है।
संवेदनशील वर्गों पर विशेष निगरानी
स्वास्थ्य विभाग ने विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों की नियमित जांच और निगरानी पर बल दिया है। इसके साथ ही आपदा के दौरान फैलने वाले संक्रमण से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक दवाएं वितरित की जा रही हैं। अब तक 2000 क्लोरीन टेबलेट और 49 प्राथमिक चिकित्सा किटें वितरित की गई हैं।
पर्याप्त दवाइयां और स्टाफ की व्यवस्था
उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने बताया कि बादल फटने की घटना से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के साथ ही उनकी सेहत का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशों पर मंडी जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच का कार्य जारी है। आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का भंडारण, मेडिकल स्टाफ की तैनाती और जरूरी संसाधनों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बाड़ा, परबाड़ा, बस्सी, सरोहा, अनाह, तांदी, केलोधार, धरोट स्वास्थ्य केंद्रों में दो महीने का दवाईयों का स्टॉक उपलब्ध है।

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*एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की मदद से पंडोह से पटीकरी तक की जा रही लापता लोगों की तलाश*

*मंडी, 06 जुलाई।* सराज के थुनाग उपमंडल में भारी बारिश व भूस्खलन की आपदा के उपरांत राहत कार्य जारी हैं। इंसिडेंट कमांडर थुनाग एवं अतिरिक्त निदेशक पंचायतीराज विभाग सुरेंदर मोहन ने आज थुनाग में बताया कि एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की 18 लोगों की एक सर्च टीम पंडोह डैम से पटीकरी तक ड्रोन के माध्यम से बाढ़ में लापता लोगों को ढूंढ़ रही है।

उन्होंने बताया कि पटिकरी डैम से बाखली खड्ड में जंजैहली व थुनाग की तरफ को 18-18 लोगों की दो टीमों ने सर्च अभियान चलाया है। उन्होंने बताया कि दूरदराज पंचायत पखरैर के विभिन्न गांवों के प्रभावित लोगों को आईटीबीपी की दो टीम पोर्टर व पटवारियों द्वारा राशन किट, तिरपाल, हाईजीन किट व दवाईयां पहुंचाई गईं।

इंसिडेंट कमांडर सुरेंदर मोहन ने बताया कि होमगार्ड के 23 जवानों की एक टीम ने पोर्टर के साथ ग्राम पंचायत चिऊणी में राशन किट, तिरपाल, हाईजीन किट व दवाईयां पहुंचाईं। इसके अलावा मुरहाग के सूरह गांव में अग्निश्मन विभाग के 6 लोगों की टीम ने राहत सामग्री पहुंचाई। उन्होंने बताया कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला थुनाग व लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाउस थुनाग में राहत शिविर में लगभग 300 लोगों को ठहराया गया है तथा उनकी खाने-पीने की भी पूरी व्यवस्था की गई है। अन्य लोगों के लिए न्यू बस स्टैंड व मिनी सचिवालय में संस्थाओं द्वारा लंगर की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि थुनाग से जंजैहली सड़क को अब तक लम्बाथाच तक खोला गया है। जंजैहली तक पहुंचने के लिए सभी सड़कों पर पुरजोर कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त पखरैर सड़क को खोलने के लिए भी एक एलएनटी मशीन लगाई गई है। उन्होंने बताया कि लोगों के लिए प्रत्येक गांव में आशा वर्कर व आंगनबाड़ी वर्कर के माध्यम से जरूरी दवाईयां पहुंचाई जा रही हैं।

उन्होंने स्थानीय लोगों से आह्वान किया कि पानी को उबालकर व क्लोरिनेशन के बाद ही पियें तथा स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस मौसम में दूषित पानी से पीलिया और दस्त रोग इत्यादि का खतरा रहता है। ऐसे में पीने के पानी को कम से कम 3 से 4 मिनट तक उबालें, इससे पीलिया और दस्त के कीटाणु खत्म हो जाते हैं। अपने पास ओआरएस रखें और दस्त लगने की स्थिति में मरीज को ओआरएस पीने की सलाह दें। अपने नजदीकी पानी के स्रोतों को साफ करें वह पंचायत और आईपीएच के कर्मचारी व अधिकारियों को पानी में ब्लीचिंग पाउडर डालने को कहें। किसी भी प्रकार की आपदा को तुरंत अपने स्वास्थ्य अधिकारी को बताएं।

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जंजैहली वाया रायगढ़ करसोग मार्ग बहाल, राहत कार्यों में आई तेजी
बगस्याड़-थुनाग-लंबाथाच मार्ग भी खुला,
हेलीकॉप्टर से भी राहत सामग्री भेजी गई
25 लाख रुपये की फौरी सहायता वितरित


मंडी, 6 जुलाई। अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह ने आज यहां बताया कि सराज विधानसभा क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी आई है। लोक निर्माण विभाग की सतत मेहनत से रविवार सुबह तक जंजैहली वाया रायगढ़ करसोग मार्ग छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। इसके साथ ही बगस्याड़ से थुनाग और लंबाथाच मार्ग भी खोल दिया गया है। इन प्रमुख सड़कों के पुनः चालू होने से प्रभावित क्षेत्रों तक राहत सामग्री की आपूर्ति में अब सुगमता आ गई है और राहत कार्यों को मजबूती मिली है। उपायुक्त आज अपूर्व देगवन भी खुद जंजैहली पहंुचे और राहत कार्यों का जायजा लिया।


उन्होंने बताया कि जंजैहली मार्ग खुलने के बाद एक निजी होटल में फंसे 63 पर्यटकों और चालक दल को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सभी को करसोग की ओर सुरक्षित रूप से भेजा गया है।


उन्होंने बताया कि आपदा से बुरी तरह प्रभावित जंजैहली क्षेत्र में मंडी जिला मुख्यालय से हवाई मार्ग के माध्यम से भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। रविवार को हेलीकॉप्टर से मंडी से बागाचुनौगी और जंजैहली के लिए कुल छह उड़ानें संचालित की गईं। इन उड़ानों के माध्यम से 512 राशन किट, 435 कंबल, चार बैग कपड़े, 166 गद्दे और दो बॉक्स दवाइयां भेजी गईं। यह क्षेत्र मोबाईल नेटवर्क से भी जुड़ गया है।


उन्होंने बताया कि रविवार सुबह जंजैहली क्षेत्र के लिए राहत सामग्री से लदी दो गाड़ियां रवाना की गई थीं। पहली गाड़ी में 120 तिरपाल, छह बॉक्स कपड़े, 62 स्वच्छता किट और 10 कंबल भेजे गए। दूसरी गाड़ी में जंजैहली के लिए राशन सामग्री की 100 किट रवाना की गईं। इसके अतिरिक्त पखरैर गांव के लिए भारतीय सेना के सहयोग से रैन गलू के रास्ते 15 राशन किट पहुंचाई गईं।


उन्होंने बताया कि रविवार तक विभिन्न सामाजिक सगंठनों द्वारा भेजी गई राशन सामग्री सहित कुल 2500 राशन किट प्रभावितों को वितरित की जा चुकी हैं। सड़कों के बहाल हो जाने से जंजैहली और थुनाग में भी प्रभावितों को फौरी राहत प्रदान की गई है। प्रशासन द्वारा अब तक 25 लाख रुपये की फौरी सहायता भी प्रभावितों को बांटी जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि विद्युत आपूर्ति की बहाली का कार्य भी सराज क्षेत्र में तेज गति से चला हुआ है। बाखली-कुकलाह, शिल्ली बागी और बागा चुनौगी में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है, जबकि तांदी में यह कार्य शनिवार को ही पूर्ण कर लिया गया था। बगस्याड़ क्षेत्र में भी रविवार देर सांय तक विद्युत आपूर्ति बहाल होने की संभावना है। हालांकि जंजैहली और थूनाग में विद्युत लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसके चलते यहां आपूर्ति बहाल होने में तीन से चार दिन का समय और लग सकता है।