CHANDIGARH,6 जुलाई, 2025: धरती के किसी भी कोने पर जीने वाला इन्सान जिन्दगी में भौतिक ज्ञान और उपलब्धियां धन-दौलत, इज्जत, शौहरत, मान, वडियाई चाहे असीमित मात्रा में प्राप्त कर ले लेकिन जब तक उस द्वारा ईश्वर प्रभु का ब्रहमज्ञान प्राप्त करके उसे अपने जीवन में और व्यवहार में नहीं लाया जाता तब तक उसे शाश्वत आनंद तथा अनादि काल से लगे हुए जन्म -मरण के दुख से मुक्ति प्राप्त नहीं हो सकती ये उद्गार आज यहां सैक्टर 15 में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में हुए इंगलिश मीडियम सन्त समागम में श्री ओ पी निरंकारी जी ज़ोनल इन्चार्ज ने हज़ारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
जीवन में ब्रहमज्ञान और कर्म दोनों की एक साथ चर्चा करते हुए श्री निरंकारी जी ने कहा कि जिस प्रकार सूर्य का उदय होना प्रकाश का काम करता है और बरसात की बूंदे धरती पर पड़ती हैं तो धरती में हरियाली आती है ठीक उसी प्रकार ब्रहमज्ञान को अपनाने से मानव जीवन आनन्दमयी बन जाता है।
उन्होने आगे नौजवानों को समझाते हुए कहा कि जिस प्रकार हमें निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से ब्रहमज्ञान की प्राप्ति हुई है इसे व्यवहार में लाया जाना बहुत जरूरी है और इसके लिए हमें निरन्तर सत्संग सेवा सिमरन से जुड़े रहना है इससे न केवल हम अध्यात्मिक क्षेत्र में उन्नति प्राप्त करेंगे साथ साथ भौतिक क्षेत्र में भी उंचाईयों को छूने में बहुत सहयोग प्राप्त कर पायेंगे।
इससे पूर्व यहां उपस्थित नौजवानों ने इंगलिश भाषा का सहारा लेते हुए गीत, कविता, स्पीच, स्किट आदि के माध्यम से सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा दी जा रही अनेक शिक्षाओं को व्यक्त किया।
इस अवसर पर सैक्टर 15 एरिये के मुखी श्री एस एस बांगा जी ने यहां उपस्थित सभी श्रद्धालुओं और वक्ताओं व ज़ोनल इंचार्ज का धन्यवाद किया ।