नगर परिषद घुमारवीं, श्री नैना देवी जी और नगर पंचायत तलाई के वार्डों का अंतिम परिसीमन आदेश जारी
बिलासपुर, 4 जुलाई, 2025-हिमाचल प्रदेश नगरपालिका निर्वाचन नियम, 2015 के तहत नगर परिषद घुमारवीं, नगर परिषद श्री नैना देवी जी तथा नगर पंचायत तलाई के वार्डों का अंतिम परिसीमन आदेश जारी कर दिया गया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बताया कि राज्य चुनाव आयुक्त, हिमाचल प्रदेश के निर्देशों के अनुपालन में, नियम 6(1) के अंतर्गत अधोहस्ताक्षरी द्वारा दिनांक 2 जून, 2025 को एक नोटिस (फॉर्म-1) जारी किया गया था, जिसके माध्यम से इन तीनों नगरीय निकायों के वार्डों के परिसीमन के संबंध में आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए थे।

उपायुक्त ने बताया कि उक्त नोटिस के अनुसार नागरिकों को सात दिन का समय प्रदान किया गया था ताकि वे परिसीमन प्रस्ताव पर अपनी आपत्तियां अथवा सुझाव प्रस्तुत कर सकें। निर्धारित अवधि के दौरान इस कार्यालय में एक सुझाव प्राप्त हुआ था, जिसे कार्यालय आदेश संख्या बीएलएस-एलएफए-9(8)/2025 दिनांक 16 जून, 2025 के माध्यम से निपटा दिया गया है। इसके अतिरिक्त, नगर परिषद श्री नैना देवी जी और नगर पंचायत तलाई से कोई अन्य आपत्ति या सुझाव प्राप्त नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि प्राप्त सुझावों पर विधिवत विचार करने के पश्चात तथा हिमाचल प्रदेश नगरपालिका निर्वाचन नियम, 2015 के नियम 8 में निहित प्रावधानों के अनुरूप इन तीनों नगरीय निकायों के वार्डों का अंतिम परिसीमन आदेश पारित किया गया है।

जारी आदेश के अनुसार नगर परिषद घुमारवीं में अब कुल 9 वार्ड होंगे, जिनके नाम हैं—बडडु (वार्ड-1), इन्दिरा (वार्ड-2), अम्बेदकर (वार्ड-3), कल्याणा (वार्ड-4), हारकुकार (वार्ड-5), जगदम्बा (वार्ड-6), बजोहा (वार्ड-7), टिक्करी (वार्ड-8) तथा दकड़ी (वार्ड-9)।

इसी प्रकार, नगर परिषद श्री नैना देवी जी में 7 वार्ड अधिसूचित किए गए हैं, जिनके नाम हैं—देवी वार्ड (वार्ड-1), तारा वार्ड (वार्ड-2), कालिका वार्ड (वार्ड-3), दुर्गा वार्ड (वार्ड-4), शीतला वार्ड (वार्ड-5), शक्ति वार्ड (वार्ड-6) तथा अम्बिका वार्ड (वार्ड-7)।

वहीं, नगर पंचायत तलाई में कुल 7 वार्ड अधिसूचित किए गए हैं, जिनके नाम हैं—घटी वाली सथ (वार्ड-1), ऊपर वाली सथ (वार्ड-2), निचली सथ (वार्ड-3), तलाई बाजार (वार्ड-4), बडयाह (वार्ड-5), गरनाझाड़ी (वार्ड-6) तथा सेऊ (वार्ड-7)।

उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि यह परिसीमन आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
===================================
मक्की की फसल में फॉल आर्मी कीट का प्रकोप – कृषि विभाग ने गठित की निगरानी टीम, किसानों को किया सतर्क

बिलासपुर, 4 जुलाई 2025-कृषि विभाग, बिलासपुर द्वारा मक्की की फसल में संभावित फॉल आर्मी वर्म (Fall Armyworm) के प्रकोप को देखते हुए किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। विभाग के उप निदेशक डॉ. प्रेम चन्द ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष अब तक जिले में लगभग 24 हजार हैक्टेयर भूमि पर मक्की की बिजाई हो चुकी है, और कुछ क्षेत्रों से कीट के प्रकोप की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं।

उन्होंने बताया कि बीते चार-पाँच वर्षों से यह कीट मक्की की फसल को व्यापक रूप से क्षति पहुँचा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, फसल की निरंतर निगरानी और प्रभावी प्रबंधन के लिए विभाग द्वारा विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई है। इस टीम में कृषि विज्ञान केन्द्र के कीट विज्ञान विषय विशेषज्ञ, जिला कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, आत्मा परियोजना के उप परियोजना निदेशक तथा ब्लॉक स्तर पर कार्यरत विषय वाद विशेषज्ञ को शामिल किया गया है।
इस यह अधिकारी नियमित रूप से फसल का निरीक्षण कर रहे हैं और किसानों को कीट की पहचान, इसके लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। डॉ. प्रेम चन्द ने बताया कि 29 मई से 12 जून 2025 तक चलाए गए “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत आयोजित किसान प्रशिक्षण शिविरों में भी किसानों को फॉलो आर्मी वर्म के लक्षण और प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया है इस किट की सुंडी
फॉल आर्मी कीट की सुंडी अवस्था विशेष रूप से मक्की की पतियों, पत्ती गोभ और तने को नुकसान पहुंचा कर फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देती है । उन्होंने बताया कि प्रारंभिक अवस्था में यह पत्तों पर सुई की नोक जैसे छोटे छिद्र बनाती है, जो बाद में अनियमित आकार के बड़े सुराखों में बदल जाते हैं। कई बार सुंडियां गोभ के अंदर छिपकर फसल को अंदर से नष्ट करती है और तने को खोखला कर देती है, जिससे पौधा मर सकता है।

डॉ. प्रेम चन्द ने बताया कि ऐसे क्षेत्र जहां मक्की की बिजाई को 20-25 दिन पूर्ण हो चुके हैं, वहां फॉल आर्मी वर्म के संक्रमण की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे समय-समय पर अपनी फसल का निरीक्षण करते रहें और कीट की उपस्थिति दिखने पर उचित कीटनाशक का छिड़काव करें।

बचाव के उपाय:

1. प्रकोप 10 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में:

नीम आधारित कीटनाशक 5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें तथा कीटग्रस्त पौधों को खेत से निकालकर गड्ढे में दबाकर नष्ट करें।
प्रकोप 10 प्रतिशत से अधिक होने की स्थिति में कोराजन नामक कीटनाशक (क्लोरएन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 एस.सी.) का 6 मिलीलीटर प्रति 15 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
उप निदेशक ने किसानों से अपील की है कि वे कृषि विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें, और कीट नियंत्रण हेतु विभाग द्वारा जारी सलाह का पालन करें, ताकि फसल को संभावित नुकसान से बचाया जा सके।