चण्डीगढ़ 29 जून, 2025 - जो बच्चे बचपन में ही सहनशीलता, प्यार, नम्रता आदि मानवीय गुणों को अपनाते हैं वही बच्चे ही बड़े हो कर ऊचाईयों को छूते हैं क्योंकि ऐसे बच्चे किसी की बात पर तुरन्त प्रतिक्रिया नहीं देते, उनके साथ यदि कोई गल्त व्ययवहार करे तो उनमें बदले की भावना भी नहीं होती, उनमें दूसरों की भावनाओं को समझने उनका सम्मान करने और उनसे कुछ सीखने की क्षमता होती है, ऐसे बच्चों में चुनौतियों का सामना करने की क्षमता दूसरों के मुकाबले अधिक होती है, और वे बड़े हो कर न केवल अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं बल्कि अपने समाज व देश का नाम भी रोशन करते हैं ये उद्गार आज यहां सैक्टर 30. में स्थित निरंकारी सत्संग भवन में हुए ज़ोन लैवल बाल समागम में हजारों की संख्या में उपस्थित बच्चों, नौजवानों, महिलाओं और पुरूषों को सम्बोधित करते हुए देहली से आए सन्त निरंकारी मण्डल के प्रचार विभाग के को-ओरडिनेटर श्री हेमराज शर्मा जी ने व्यक्त किए।

1960 के दशक में स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी में प्रोफसर वाल्टर मिशेल द्वारा बच्चों में सहनशीलता पर की गई रिसर्च की चर्चा करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि प्रोफैसर मिशेल ने पाया कि जिन बच्चों में बचपन में ही सहनशीलता थी वे बच्चे बड़े हो कर दूसरों के मुकाबले अच्छे अच्छे पदों पर तैनात थे या उनके बिजनैस बहुत अच्छे चल रहे थे, इसलिए बच्चों में जितना अधिक हो सके बचपन से ही सहनशीलता लाई जाए ताकि ये बड़े हो कर न केवल अपना जीवन सुखमयी तरीके से व्ययतीत कर सकें बल्कि परिवार, समाज और देश के लिए सेवक बन सकें ।

बच्चों में सहनशीलता लाने की विधि की चर्चा करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि बच्चों को सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा दिया जा रहा ब्रहमज्ञान प्रदान करने व अधिक से अधिक सत्संग करने से उनके अन्दर सहनशीलता का विकास होता है लेकिन इसके लिए उनके माता-पिता को भी गुरमत को अपनाने व सत्संग सेवा सिमरन में पीछे नहीं रहना इसलिए बच्चों को सत्संग में भेजना जरूरी है ताकि बच्चे बड़े हो कर एक अच्छे नागरिक बनने सके ।

इस बाल समागम में छोटे से छोटे और बड़े से बड़े बच्चों ने सत्संग में दी जाने वाली शिक्षाओं को जीवन में अपनाने बारे अनेक भाषाओं का सहारा लेते हुए गीत, कविता, स्पीच व स्किट आदि के रूप में व्यक्त करके सभी श्रोताओं के मनों को मोह लिया । इस अवसर पर यहां के ज़ोनल इन्चार्ज श्री ओ पी निरंकारी व यहां के संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने इस अवसर पर उपस्थित सभी बच्चों, उनके इन्चार्ज, उनके माता-पिता जिन्होंने बच्चों को यहां अपनी अपनी आईटम्ज पेश करने में सहयोग दिया सभी का ह्रदय से धन्यवाद किया और सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज से सभी को हर तरह के सुख प्रदान करने की प्रार्थना की ।