हमीरपुर 18 जून। एडीसी अभिषेक गर्ग ने जिला के सभी बीडीओ को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा के कार्यों में कम से कम 65 प्रतिशत कार्य कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियों के होने चाहिए। बुधवार को यहां डीआरडीए के हॉल में ग्रामीण विकास, पंचायतीराज और योजना विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी ने कहा कि इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान जिला में मनरेगा के माध्यम से लगभग 7.26 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें मैटिरियल के खर्च की एंट्री पूरी होने के बाद यह व्यय राशि दोगुणा से भी अधिक हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि जिला में मनरेगा से करवाए गए 98.73 प्रतिशत कार्यों की जियो-टैगिंग भी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जिला में जल संरक्षण कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 75 अमृत सरोवरों का निर्माण करने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें से 34 अमृत सरोवरों के लिए स्थान चिह्नित करके इन्हें पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। शेष अमृत सरोवरों की प्रक्रिया भी अतिशीघ्र पूरी होनी चाहिए। मनरेगा कनवर्जेंस से 49 आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से समन्वय स्थापित करें।

अभिषेक गर्ग ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में जिला में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2041 मकानों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया था। इनमें से 1910 को मंजूरी दी जा चुकी है तथा 359 का निर्माण भी कर दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लंबित मकानों के निर्माण कार्यों को भी तुरंत पूरा करवाने के निर्देश दिए।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए एडीसी ने कहा कि जिला के सभी छह ब्लॉकों में एक-एक प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संयंत्र लगाया गया है, जिनके लिए 96 लाख रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सभी बीडीओ इनका अध्ययन करें और अपने-अपने क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित करने पर जोर दें।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंकों की ऋण योजनाओं से जोड़ा जाना चाहिए। इस वर्ष 760 स्वयं सहायता समूहों को लगभग 11.20 करोड़ रुपये ऋण के प्रदान करने का लक्ष्य तय किया गया है। एडीसी ने सभी बीडीओ से कहा कि वे अपने-अपने ब्लॉक में कम से कम पांच-पांच समूहों को बड़े उद्यम के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य करें। इनके उत्पादों की ब्रांडिंग एवं ऑनलाइन मार्केंटिंग की संभावनाएं तलाशें। खाद्य प्रसंस्करण कार्यों के लिए जिला के विभिन्न समूहों को पीएमएफएमई योजना के तहत लगभग 5.42 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। जिला में नई हिमईरा शॉप खोलने को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई।

एडीसी ने 15वें वित्त आयोग और योजना विभाग के माध्यम से मंजूर किए गए विकास कार्यों को भी अतिशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिला की 248 पंचायतों को 15वें वित्त आयोग के तहत 75.49 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, जिनमें से लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 19 पंचायत घरों एवं सामुदायिक केंद्रों के लिए 3.72 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। बैठक में ई-परिवार, पशुओं के सर्वे, कॉमन सर्विस सेंटरों के निर्माण, पंचायतों के ऑडिट और कई अन्य कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा भी की गई।

इस अवसर पर डीआरडीए की परियोजना अधिकारी अस्मिता ठाकुर ने विभिन्न योजनाओं और कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।