ऊना, 12 जून. छह बेटियों के पिता और पेशे से राजमिस्त्री जसवंत सिंह के लिए ज़िंदगी लगातार संघर्ष से भरी थी। सीमित आमदनी, दिन-भर की दिहाड़ी और सिर पर जिम्मेदारियों का बोझ ऐसा था कि बच्चों की पढ़ाई और बेटियों के विवाह जैसे सपनों को साकार करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण के बाद सरकार की योजनाओं से उन्हें जो सहायता मिली, उसने उनके जीवन में नई उम्मीद और राहत का संचार किया।
बता दें, जसवंत सिंह ऊना उपमंडल के कुठारकलां के रहने वाले हैं।
शिक्षा और विवाह के लिए मिली आर्थिक सहायता
बोर्ड की योजनाओं के तहत जसवंत सिंह को दो बेटियों की पढ़ाई के लिए 24 हजार रुपये और उनकी शादी के लिए 1.02 लाख रुपये की सहायता राशि प्राप्त हुई। जसवंत का कहना है कि यह मदद केवल आर्थिक नहीं थी, बल्कि उनके मानसिक चिंता को समाप्त करने वाली एक बड़ी राहत थी। उन्होंने कहा कि मजदूरी की आमदनी से परिवार चलाना ही मुश्किल होता है, ऐसे में बेटियों के भविष्य की चिंता हमेशा मन में रहती थी। सरकार द्वारा समय पर मिली इस सहायता ने न केवल उनका आत्मविश्वास लौटाया, बल्कि बेटियों को भी सम्मान और सुरक्षा का भाव दिया।
बोले....सरकार ने मुश्किल वक्त में मेरा साथ दिया
जसवंत सिंह ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और हिमाचल सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की योजनाएं वास्तव में ज़रूरतमंदों तक पहुंच रही हैं और गरीब वर्ग के लिए आशा का मजबूत आधार बन रही हैं।
हर श्रमिक तक पहुंच रही है सहायता- नरदेव सिंह कंवर
हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरवेद सिंह कंवर का कहना है कि सरकार का उद्देश्य यही है कि प्रदेश का कोई भी श्रमिक अपनी सामाजिक और पारिवारिक ज़रूरतों के लिए अकेला महसूस न करे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में बोर्ड पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के तहत श्रमिकों को सहायता पहुंचा रहा है और सभी जिलों में क्रियान्वयन की सतत निगरानी की जा रही है। हमारी प्राथमिकता है कि योजनाएं ज़मीन पर असर दिखाएं और श्रमिकों के जीवन में आसानी हो।
योजनाओं से सैकड़ों श्रमिकों को मिल रहा लाभ
इस संबंध में जानकारी देते हुए ऊना के जिला श्रमिक कल्याण अधिकारी अमन शर्मा बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से श्रमिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह, पेंशन और आवास जैसे क्षेत्रों में वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। ऊना जिले में पंजीकृत सैकड़ों श्रमिक इन योजनाओं से लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि सभी लाभार्थियों को पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के तहत योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
इन योजनाओं में शादी के लिए वित्तीय सहायता-लाभार्थी के स्वयं के विवाह तथा दो बच्चों के विवाह के लिए 51- 51 हज़ार, मातृत्व और पितृत्व प्रसुविधा के तहत महिला लाभार्थी को प्रसव अवधि के समय अथवा बच्चे के जन्म पर 25 हज़ार, पंजीकृत कर्मकार की पत्नी को दो प्रसवों तक 6 हज़ार, पुरूष लाभार्थी को पितृत्व सुविधा के तहत बच्चे के जन्म पर 1 हज़ार और महिला लाभार्थी को 90 दिन से 26 सप्ताह तक मातृत्व अवकाश की राशि प्रदान की जाती है। चिकित्सा सहायता में लाभार्थी और उसके आश्रितों को चिकित्सा के चिकित्सीय उपचार के लिए 50 हज़ार से 5 लाख, शिक्षा के लिए प्रथम कक्षा से पीएचडी तक 8400 से 1.20 लाख रुपये, 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर लाभार्थी को 1 हज़ार रूपये पैंशन सुविधा, दुर्घटना एव बीमारी के चलते हुई विकलांगता की स्थिति में 500 रुपये दिव्यांग पेंशन, कामगार बोर्ड में पंजीकृत सदस्य की मृत्यु होने पर नाम निर्देशितों / उनके आश्रितों को 2 से 4 लाख, अंतिम संस्कार के लिए 20 हज़ार रुपये की आर्थिकी सहायता, बेटी जन्म उपहार योजना के तहत 51 हज़ार रुपये, मानसिक रूप से मंद बच्चों की देखभाल के लिए 20 हज़ार प्रतिवर्ष, विधवा पेंशन योजना के तहत 1500 रूपये प्रतिमाह, होस्टल सुविधा योजना के तहत 20 हज़ार रुपये प्रतिवर्ष, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 1.50 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।