राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के तहत जिला स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न
मानसिक रूप से दिव्यांगजनों के विधिक संरक्षण को लेकर उपायुक्त जतिन लाल ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
ऊना, 27 जून। राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय स्थानीय समिति की बैठक शुक्रवार को उपायुक्त जतिन लाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में मानसिक रूप से दिव्यांगजनों जैसे स्वपरायणता (ऑटिज़्म), प्रमस्तिष्क घात (सेरेब्रल पाल्सी), मानसिक मंदता तथा बहु-दिव्यंगता से ग्रस्त व्यक्तियों के विधिक संरक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि यह अधिनियम ऐसे विशेष व्यक्तियों को कानूनी संरक्षण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं या देखभाल करने वाला कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि अधिनियम के लागू होने से पहले 18 वर्ष की आयु के बाद ऐसे दिव्यांगजनों के लिए संरक्षक नियुक्त करने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था, परंतु अब स्थायी अथवा सीमित अवधि के लिए विधिक संरक्षक बनाए जाने की प्रक्रिया सुलभ हुई है।
उन्होंने जानकारी दी कि ऊना जिले में अब तक कुल 112 मामलों में स्थायी विधिक संरक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं। उपायुक्त ने संबंधित सभी विभागों को परस्पर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए, जिससे अधिनियम का प्रभावी कियान्वयन सुनिश्चित हो।
एससी-एसटी अधिनियम के तहत 5 मामलों में जारी की 2.75 लाख की राहत राशि
इसके साथ ही उपायुक्त ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति के लोगों को समाज में समानता का अधिकार दिलाने, जातिगत भेदभाव व अत्याचार निवारण को लेकर गठित जिला सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता भी की।
उपायुक्त ने बताया कि इस अधिनियम के तहत सजा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित को कानूनी संरक्षण और पुनर्वास राहत राशि के रूप में एक लाख से 8 लाख 25 हजार रूपये तक की धनराशि देने का प्रावधान है। जिसे प्रथम किशत एफआईआर होने पर, दूसरी किशत मामला न्यायालय में प्रस्तुत होने पर और शेष राशि का भुगतान फैसला आने पर किया जाता है। जतिन लाल ने बताया कि बीते तीन महीनों में 5 मामलों में पीड़ितों को 2 लाख 75 हज़ार रुपये की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है। शेष पर कार्रवाई जारी है। उपायुक्त ने एससी-एसटी एक्ट अधिनियम के तहत लंबित मामलों को पूरी पारदर्शिता के साथ शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया, कार्यकारी जिला कल्याण अधिकारी जितेन्द्र कुमार, नेशनल करियर सेंटर के सहायक निदेशक रंजन चंगकाकोटी, उप जिला न्यायवादी भैरव नेगी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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स्टेज कैरिज बस रूटों के लिए आवेदन आमंत्रित, 30 जून तक कर सकते हैं आवेदन
ऊना, 27 जून। परिवहन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रकाशित रुटों पर स्टेज कैरिज वाहनों के लिए हिमाचली युवाओं से विभिन्न जिलों के 350(टेम्पो ट्रैवलर) स्टेज कैरिज बस रूटों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अशोक कुमार ने जानकारी दी कि इच्छुक आवेदक 30 जून, 2025 तक विभाग की वेबसाइटhttps://online.himachaltransport.hp.gov.in/publiclogin पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला में चयनित 15 मार्गों की सूची और रूटों के आवंटन प्रक्रिया के लिए नियमों और शर्तों का विवरण विभाग की वेबसाइटhttps://himachal.nic.in/transport पर उपलब्ध है।
इसके अलावा प्रकाशित रूटों की शर्तों सहित अन्य किसी भी स्पष्टीकरण के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय ऊना के दूरभाष नंबर 01975-203020 या कार्यालय में किसी भी कार्यदिवस में सम्पर्क किया जा सकता है।
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*न्यायपालिका अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस कार्यप्रणाली बारे किया प्रशिक्षित*
ऊना, 20 जून। जिला ऊना में शुक्रवार को जिला न्यायपालिका और उपमंडल न्यायपालिकाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य न्यायिक कार्यप्रणाली को अधिक डिजिटल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाना था।
डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग ऊना से ई-जिला प्रबंधक साहिल शर्मा ने प्रशिक्षण सत्र का नेतृत्व करते हुए बताया कि न्यायपालिका में ई-ऑफिस प्रणाली का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे कार्यों की गति में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो रही है। प्रशिक्षण के दौरान लगभग 7 न्यायाधीशों सहित 28 अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस की कार्यप्रणाली, इसकी उपयोगिता और तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इसमें फाइल प्रबंधन, ई-नोटिंग, ई-डिस्पैच, पत्राचार की प्रक्रिया, दस्तावेजों की डिजिटल ट्रैकिंग, यूजर एक्सेस कंट्रोल और कार्य प्रवाह प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया।
साहिल शर्मा ने बताया कि यह प्रशिक्षण परंपरागत कागजी कार्यप्रणाली को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी और सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। प्रशिक्षण के दौरान लाइव डेमो के माध्यम से प्रतिभागियों को यह भी दिखाया गया कि दैनिक प्रशासनिक कार्यों में ई-ऑफिस का प्रभावी ढंग से कैसे उपयोग किया जा सकता है।