करसोग, 16 सितंबर, 2025-करसोग घाटी में पल-बढ़ रहे, ऐसे अनाथ व बेसहारा बच्चे और युवा, जिनके सिर से माता-पिता का साया बचपन में ही उठ चुका है और जीवन की कठिन राहों में संघर्ष कर रहे हैं। अब ऐसे युवाओं का अपना घर होने का सपना, राज्य सरकार की मदद से साकार होने जा रहा है। इसमें सहायक बनी है मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना।

*स्वीकृत हुई धनराशि

करसोग क्षेत्र के 19 पात्र युवाओं यानि चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को अपना घर बनाने के लिए तीन-तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत की गई है। इसकी पहली किस्त के रूप में एक-एक लाख रुपये की राशि इनके बैंक खातों में भेज भी दी गई है। इस मदद से अब यह सभी युवा अपने जीवन का पहला पक्का घर बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

*मुख्यमंत्री की संवेदनशील सोच व सहयोग से संवरेगा आशियाना

यह सभी युवा ऐसे हैं, जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। राज्य सरकार मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत इनके माता-पिता बन कर इनका पालन-पोषण कर रही है। इन्हें हर महीने 4 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। योजना के अंतर्गत अब इन्हें घर बनाने के लिए विशेष आर्थिक सहयोग मिल रहा है। यह पहल मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उस संवेदनशील सोच का परिणाम है कि सरकार ऐसे युवाओं को बेसहारा या अनाथ महसूस नहीं होने देना चाहती, बल्कि उन्हें समाज में सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर उपलब्ध करवाना चाहती है।

*इनका सपना हो रहा है साकार

करसोग के जिन चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को अपना घर बनाने के लिए धनराशि स्वीकृत हुई है, उनमें पीतांबर लाल, निवासी स्नेच, देश राज व अनु कुमारी, निवासी थली, उत्तम चंद, निवासी स्नेच, सुनील दत्त, निवासी लोहारली, मोनिका, निवासी खील, भूपेंद्र कुमार, पंजोआ (सियांज बगड़ा), दिनेश कुमार व यशवंत शर्मा, निवासी सोपा, बॉबी, निवासी जवान, चमन लाल, निवासी कमांड, राजेंद्र, निवासी चुराग, दिनेश कुमार, गांव समरोग, बृज लाल, गांव धार, संजय कुमार, निवासी मजहास, जगदीश, निवासी चुराग, पुष्प राज, गांव बेलर, मनीष कुमार, निवासी भंडारणु, हिम चंद, निवासी संजोटी शामिल हैं।

*यह कहना है लाभार्थियों का

योजना के लाभार्थी संजय कुमार और दिनेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत उन्हें घर बनाने के लिए तीन-तीन लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। मनीष कुमार गृह निर्माण संबंधी किसी अन्य योजना के भी लाभार्थी हैं, ऐसे में उन्हें डेढ़ लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। इन सभी ने बताया कि राज्य सरकार की आर्थिक मदद से अब उनका अपना घर बनाने का सपना साकार होने जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि पहली किस्त के रूप में एक-एक लाख रुपए मिल चुके हैं और निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। राज्य सरकार की मदद से अपना घर होने का सपना पूरा होने जा रहा है, जिसके लिए हम सभी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हैं।

*संवेदनाओं से जुड़ी पहल

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की यह महत्वाकांक्षी योजना इस बात का उदाहरण है कि विकास का असली चेहरा तब बदलता है, जब शासन मानवीय संवेदनाओं को समझकर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लिए ठोस कदम उठाता है। इस योजना का उद्देश्य सिर्फ आशियाना बनाना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देना भी है। योजना ने करसोग के इन युवाओं के चेहरे पर मुस्कान लाई है। योजना ने साबित किया है कि जब राज्य सरकार की नीतियां, संवेदनाओं से जुड़ती हैं, तो अनाथ और बेसहारा बच्चों के जीवन में भी खुशहाली और सुरक्षित भविष्य की किरण जगाई जा सकती है।

*घर बनने से जिंदगी में सुरक्षा और स्थायित्व आएगा

सीडीपीओ करसोग विपाशा भाटिया ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना एक संवेदनशील और महत्वाकांक्षी पहल है। करसोग के जिन 19 युवाओं को पहली किस्त प्राप्त हुई है, उनके घर बनने से उनकी जिंदगी में सुरक्षा और स्थायित्व आएगा और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा