धर्मशाला, 28 अगस्त: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कांगड़ा संतोष पटियाल ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एवं आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी मस्त राम भारद्वाज की उपस्थिति में आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कान्फ्रेंस हॉल में 14 दिवसीय ‘‘अग्रिम खोज व बचाव’’ विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कांगड़ा, पुलिस विभाग कांगड़ा तथा राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 35 पुलिस कर्मी भाग ले रहे हैं।
इस मौके पर संतोष पटियाल ने अपने सम्बोधन में अग्रिम खोज व बचाव के प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आपदाकाल में लोगों को बचाने, घायलों के इलाज के साथ साथ आपदा के बेहतर प्रबंधन के लिए इस तरह के प्रशिक्षण बहुत अहम हैं। संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हरसंभव आपदा खोज बचाव और प्राथमिक इलाज की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदाकाल में सभी विभागों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने अधिकारी और कर्मचारियों को आपदा के समय उनके कर्तव्य और जिम्मेदारी के बारे में भी बताया।
उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा भूकम्प की दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक अपदाएं कब आएंगी इसका सही समय की जानकारी नहीं होती है, लेकिन पूर्व तैयारी से हानि को कम किया जा सकता है। उन्होंने किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए अपनी सभी प्रकार की तैयारियां पूरी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित पुलिस कर्मियों से कार्यक्रम में सक्रियता से भाग लेने का आग्रह किया, ताकि आगे चलकर वे अपने विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक कर सकें।
उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए जिला में आपातकालीन ऑपरेशन सेंटर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र पर टॉल फ्री नम्बर 1077 पर फोन कर आपदा प्रबंधन से जुड़ी किसी भी घटना की जानकारी अथवा सहायता के लिए सम्पर्क किया जा सकता है।
कार्यशाला में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नवनीत यादव ने आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश में आपदाओं के घटित होने की अधिक संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि आपदा का कोई भी समय तथा स्थान निर्धारित नहीं होता है, इसलिए जिला प्रशासन को अपने सभी विभागों के साथ ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए पूर्णतया तैयार रहना होगा, ताकि आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्री सिंह, सहायक आयुक्त किरण भडाना, एनडीआरएफ के सहायक निरीक्षक राहुल प्रताप सिंह, भानु, रॉबिन सहित पुलिस विभाग के कर्मचारी मौजूद थे।