HISSAR, 05.12.25-श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मन को शांति मिलती है- बजरंग गर्गहिसार- अग्रोहा धाम में श्रीमद् भागवत कथा भव्य रूप से अग्रोहा धाम वैश्य समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग की नेतृत्व में चल रही है। जिसमें भारी संख्या में धर्म प्रेमियों ने भाग लिया।

अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने उपस्थित धर्म प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा की भागवत का मूल मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय है जो भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है। इसका स्मरण मात्र से भागवत का संपूर्ण सार प्राप्त हो जाता है। बजरंग गर्ग ने कहा की भागवत गीता में श्री कृष्ण जी ने उपदेश दिया वह एक धर्म या संप्रदाय के लिए नहीं है बल्कि पूरे मानव समाज के लिए है। भागवत पुराण की शिक्षा विभिन्न तरीकों से दी जाती है। धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्रों में जैसे वृंदावन और शुक्रताल में पारंपरिक शिक्षा दी जाती है। श्रीमद् भागवत महापुराण का पाठ प्रत्येक परिवारों को करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मन को शांति मिलती है। भागवत सार के चार शास्त्र है पहले अपना काम स्वयं करें, दूसरा कम बोले, तीसरा बिना मांगे सलाह ना दें, और चौथा सहनशक्ति अपनाएं। इन सभी को स्वयं में आत्मसात करने से घर में शांति स्थल होगा और परिवार के लोग एकता व आदर भाव से एकजुट होकर रहेगा। कथा में बजरंग गर्ग ने बाहर से आए हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह व पटका पहनाकर सम्मानित किया। त्रिलोकी महाराज जी ने बताया कि रुक्मिणी (या रुक्मणी) भगवान कृष्ण की पत्नी और रानी थी । द्वारका के राजकुमार कृष्ण ने उनके अनुरोध पर एक अवांछित विवाह को रोकने के लिए उनका हरण किया एवं अपने साथ ले गए तदन्तर उन्हें दुष्ट शिशुपाल (भागवत पुराण में वर्णित) से बचाया । रुक्मिणी को माता लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है ।

इस अवसर पर कथा संयोजक सुभाष गर्ग,सुभाष बंसल दिल्ली, रतन अग्रवाल उत्तर प्रदेश, समर गर्ग पंजाब, प्रेम गुप्ता राजस्थान, किशन गोयल पंचकूला, श्रीमती कांता गोयल, पवन बंसल, अनंत अग्रवाल, ऋषि राज गर्ग, बजरंग असरावां, ईश्वर गोयल, रवि सिंगला, अमन गर्ग,