चण्डीगढ़,04.12.25- : समाजसेवी अभिमन्यु झिंगन ने जीएमसीएच-16 की ओपीडी में मरीजों की मुश्किलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर तत्काल इस तरफ ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने अपना अनुभव ब्यान करते हुए बताया है कि वे अपनी पत्नी को गवर्नमेंट मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सेक्टर 16 लेकर गए थे, क्योंकि उन्हें पिछले 3–4 दिनों से गर्दन में तेज दर्द था, जो बाएँ हाथ तक जा रहा था। दर्द इतना बढ़ गया कि असहनीय हो गया, इसलिए उन्होंने एबीएचए आईडी और ओपीडी कार्ड बनवाया और पहले मंज़िल पर कमरा नंबर 203 के पास पहुँचे।
वहाँ सुरक्षा गार्ड ने उन्हें लाइन में न लगने को कहा और कहा कि कुर्सियों पर बैठकर उन्हें कार्ड दे दें। समाजसेवी ने उनकी बात मानी और लगभग 40 मिनट तक इंतज़ार किया। इस दौरान उनकी पत्नी का दर्द और बढ़ता गया, इसलिए उन्हें इमरजेंसी में जाना पड़ा। वहाँ उन्हें अस्थायी राहत के लिए वॉवरॉन पेनकिलर का इंजेक्शन दिया गया।
इसके बाद वे दोबारा ओपीडी में लौटे। उसी गार्ड ने फिर कहा कि आप बैठकर इंतज़ार करें, नाम बुलाने पर बुलाया जाएगा। वे लगभग 1 घंटा 10 मिनट और बैठे रहे। फिर उसने कार्ड वापस दिया और कहा कि लाइन में लग जाओ। वे लाइन में खड़े हो गए, और इस बार डॉक्टर तक पहुँचने में लगभग साढ़े चार घंटे और लग गए।
सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि जो लोग बाद में आए और सीधे लाइन में लग गए, वे 30–40 मिनट में ही डॉक्टर को दिखा कर चले गए। उन्होंने गार्ड के निर्देशों का पालन किया और सबसे ज़्यादा देर तक इंतज़ार करना पड़ा।
समाजसेवी ने सवाल किया है कि अगर आखिर में उन्हें लाइन में ही लगना था, तो उन्हें कार्ड लेकर अलग से क्यों बैठाया गया? वहाँ कोई सही टोकन प्रणाली नहीं है। मरीजों को यहां अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ती है, जिसका स्वास्थ्य विभाग को जल्द समाधान करना चाहिए।