घुमारवीं (बिलासपुर), 08 नवम्बर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि आपदा प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज प्रदान करना प्रदेश सरकार का एक ऐतिहासिक और मानवीय दृष्टिकोण से लिया गया अत्यंत सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार का निर्णय पहले कभी नहीं लिया गया, जो मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि आगामी 10 नवम्बर को मंडी में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू आपदा प्रभावित परिवारों को पहली किस्त के रूप में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घरों के परिवारजनों को 4-4 लाख रुपये की राहत राशि वितरित करेंगे। इसके अतिरिक्त आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त मकानों सहित अन्य प्रकार से प्रभावित परिवारों को भी राहत पैकेज के तहत राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंडी में आयोजित हो रहे कार्यक्रम में जिला बिलासपुर के भी लगभग 600 आपदा प्रभावित लोगों को इस राहत पैकेज का सीधा लाभ मिलने जा रहा है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीमित आर्थिक संसाधनों के वाबजूद जनहित में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आपदा प्रभावितों को दी जाने वाली राहत राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है। सरकार ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कच्चे और पक्के मकानों के लिए 7 लाख रूपये की राहत राशि प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए राहत राशि को बढ़ाकर एक लाख रूपये निर्धारित किया है।
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान सामान की क्षति होने पर भी प्रभावित परिवारों को 70 हजार रूपये जबकि गौशाला के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में 50 हजार रूपये की राहत राशि प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त खेती योग्य भूमि या बागवानी भूमि के नुकसान पर प्रति बीघा 10 हजार रूपये और फसलों को हुए नुकसान के लिए भी प्रति बीघा चार हजार रूपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पशुधन की क्षति की स्थिति जिसमें बकरी, भेड़, सूअर या मेमना आदि के नुकसान पर 9 हजार रूपये प्रति पशु जबकि दुधारू पशु की क्षति होने पर प्रति पशु 55 हजार रूपये की दर से राहत राशि का भी प्रावधान किया गया है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि पिछले दिनों भारी बरसात के कारण जिला बिलासपुर में 101 कच्चे व पक्के मकान पूरी तरह से नष्ट हुए, जबकि 313 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 623 गौशालाएं, 6 दुकानें तथा दो दुधारू तथा 7 अन्य पशुधन की भी हानि हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपदा से प्रभावित कोई भी परिवार राहत से वंचित न रहे और प्रत्येक पीड़ित परिवार तक समुचित आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल राहत प्रदान करने की दिशा में बल्कि मानवता और संवेदना का उत्कृष्ट उदाहरण है।