सोलन-दिनांक 21.12.2025

सोलन ज़िला में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के संबंध में अधिसूचना जारी


उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज विभाग द्वारा सोलन ज़िला में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के संबंध में अधिसूचना जारी कर आक्षेप एवं सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आक्षेप एवं सुझाव अधिसूचना जारी होने की तिथि से 07 दिनों के भीतर उपायुक्त सोलन को प्रस्तुत करने होंगे। उन्होंने ज़िला के सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इस अधिसूचना की जानकारी सम्बन्धित ग्राम पंचायतों में दें ताकि समय पर आक्षेप एवं सुझाव प्राप्त हो सके।

नोटः- अधिसूचना की प्रति संलग्न है।

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समाज के प्रत्येक वर्ग तक न्याय सुलभ बनाना विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य - अशोक कुमार वत्सल
नशा उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण तथा आपदा राहत एवं प्रबंधन विषय पर धर्मपुर में विशाल विधिक शिविर आयोजित


अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं उपमण्डल विधिक सेवा प्राधिकरण कसौली के अध्यक्ष अशोक कुमार वत्सल ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग तक न्याय सुलभ बनाना और विधिक सहायता पहुंचाना है ताकि कोई भी व्यक्ति कानून के अभाव में अपने अधिकारों से वंचित न रहे। अशोक कुमार आज उपमण्डल विधिक सेवा समिति धर्मपुर द्वारा राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में आयोजित विशाल विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित कर रहे थे।
अशोक कुमार वत्सल ने कहा कि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है। न्यायपालिका का मुख्य कार्य आम जन के जीवन को सरल बनाना है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका समाज में व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन के लिए सतत् प्रयासरत रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मेगा शिविर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की हैं। इनमें नालसा (डीएडब्ल्यूएन - ड्रग अवेयरनेस एंड वेलनेस नेविगेशन - फॉर ए ड्रग फ्री इंडिया) योजना-2025, न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करना, कानूनी जागरूकता बढ़ाना और मादक द्रव्यों के सेवन के पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए योजनाएं आरम्भ की गई हैं।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने कहा कि स्वस्थ एवं गतिशील समाज के लिए युवाओं को नशे से दूर रखना आवश्यक हैं। इस दिशा में सभी का सहयोग अपेक्षित है।
शिविर में उपस्थित लोगों को विधिक प्रावधानों एवं सामाजिक दायित्व के बारे में जागरूक किया गया। युवाओं को नशे से दूर रहने, पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने तथा आपदा की स्थिति में प्रशासन और समाज के मध्य समन्वय बनाकर कार्य करने का आह्वान किया गया।
शिविर में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
शिविर में उपस्थित लोगों से आग्रह किया गया कि वह किसी भी प्रकार की विधिक सहायता के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण कर सकते हैं। लोगों से समाज हित के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह भी किया गया।
कार्यक्रम में उप पुलिस अधीक्षक परवाणू अनिल शर्मा, महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सुनीता गोयल, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित शर्मा, सचिव पंकज मंकोटिया, वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एस. औलख सहित अन्य गणमान्य अधिवक्ताओं, अधिकारियों एवं सामाजिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।

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विधिक साक्षरता आमजन को कानूनी रूप से बनाती है सशक्त - चुनौती संगरौली

न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी कण्डाघाट एवं उपमण्डल विधिक सेवाएं प्राधिकरण समिति

कण्डाघाट की अध्यक्ष चुनौती संगरौली ने कहा कि विधिक साक्षरता जहां आम जन को कानूनी रूप से सशक्त बनाती है वहीं उन्हें जीवन में विधि के अनुसार सही मार्ग पर चलने में सहायता भी करती है। चुनौती संगरौली आज यहां उपमंडलीय विधिक सेवाएं समिति कण्डाघाट द्वारा बाहरा विश्वविद्यालय में आयोजित एक दिवसीय विशाल विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि आम लोगों को न्याय सुलभ बनाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की हैं। इनमें नालसा (डीएडब्ल्यूएन - ड्रग अवेयरनेस एंड वेलनेस नेविगेशन - फॉर ए ड्रग फ्री इंडिया) योजना-2025, न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने, कानूनी जागरूकता बढ़ाने और मादक द्रव्यों के सेवन के पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए आरम्भ की गई योजनाएं महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं एक स्वस्थ, सुरक्षित और नशामुक्त भारत के निर्माण में सहायक बन रही हैं।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि नशे के व्यापार में संलिप्त लोगों की सूचना नेशनल नारकोटिक्स हेल्पलाइन-1933 और नशे के आदि व्यक्तियों को पुनर्वास संबंधित नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र में भेजने के लिए हेल्पलाइन 14446 पर सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि नशे के व्यापार में संलिप्त लोगों को सजा मिलनी आवश्यक है। नशे के आदि व्यक्तियों का पुनर्वास भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उपमंडलाधिकारी कण्डाघाट गोपाल शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज के समय की सबसे बढ़ी आवश्यकता है और पर्यावरण को सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त समाज, पर्यावरण संरक्षण व आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए समाज के प्रत्येक नागरिक को सामूहिक एवं व्यक्तिगत रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से आग्रह किया कि अपने परिवार के सदस्य, माता-पिता व बुजुर्गों को अपना दोस्त बनाएं और उनसे अपनी सभी तरह के सुख-दुख सांझा करें।
अधिवक्ता पी.सी. सूद, बाहरा विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक नितीश कुमार और पुलिस विभाग से निरीक्षक हंसराज ने नशा निवारण विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने नशे के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। प्रियंका शर्मा ने इस अवसर पर पर्यावरण सुरक्षा तथा भू रक्षण बारे जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशे की कुरीतियों और पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा जन कल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रम की जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
शिविर में खंड विकास अधिकारी कण्डाघाट राजेश ठाकुर, पुलिस थाना प्रभारी बीर सिंह नेगी, बाहरा विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक सुशील चौधरी छात्र-छात्राएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह.