चण्डीगढ़ :22.11.25- वर्ष 1976 में स्थापित एनवायरनमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया (ईएसआई) ने आज अपने स्वर्ण जयंती पुरस्कार समारोह का आयोजन सीएसआईओ ऑडिटोरियम, सेक्टर 30 में किया। कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल प्रो. अशिम कुमार घोष मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।वे अपनी धर्मपत्नी सुश्री मित्रा घोष तथा राज्यपाल के सचिव दुश्मंता के. बेहेरा,आईएएस के साथ समारोह में पधारे।सीएसआईआर–सीएसआईओ के निदेशक प्रो. शांतनु भट्टाचार्य ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्षता की।समारोह ने ईएसआई के 50 वर्षों की पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति शिक्षा और युवा सहभागिता की उल्लेखनीय उपलब्धियों को रेखांकित किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रमुख शिक्षकों, पर्यावरणविदों, विद्यार्थियों और स्वयंसेवकों को पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।समारोह का एक प्रमुख आकर्षण सीएसआईआर–सीएसआईओ और ईएसआई के बीच सीएसआईआर की जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर था। यह राष्ट्रीय स्तर का छात्र–वैज्ञानिक संपर्क कार्यक्रम है, जिसके तहत थीम आधारित कार्यशालाएँ, प्रयोगशाला भ्रमण, वास्तविक समस्याओं पर आधारित परियोजनाएँ और पर्यावरण जागरूकता अभियान संयुक्त रूप से आयोजित किए जाएंगे। इस सहयोग का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक सोच और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का समन्वय स्थापित करना है।अपने उद्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि वैज्ञानिक प्रगति और राष्ट्रीय समृद्धि तभी संभव है जब वह पर्यावरणीय स्थिरता के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि छात्रों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों की भागीदारी ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पर्यावरणीय जागरूकता की उस भावना को जीवंत किया है, जिसे इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल बढ़ावा देता है।

राज्यपाल ने ईएसआई के पांच दशकों की निष्ठापूर्ण सेवा की सराहना की, जिसमें इको-क्लब, जैव विविधता अभियान, वेटलैंड दिवस कार्यक्रम, स्कूलों में किचन गार्डनिंग और नेशनल चिल्ड्रन्स साइंस कांग्रेस के राज्य नोडल एजेंसी के रूप में इसकी भूमिका शामिल है। उन्होंने कहा कि सीएसआईओ के साथ सहयोग से वैज्ञानिक ज्ञान और पर्यावरणीय संरक्षण का बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है।उन्होंने सभी को स्मरण कराया कि वैज्ञानिक प्रगति सदैव स्थिरता, जिम्मेदारी और प्रकृति के प्रति सम्मान से जुड़ी होनी चाहिए।छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे विज्ञान और पर्यावरण दोनों के भविष्य के संरक्षक हैं। आज वे जिस भी प्रयोग का अनुभव करते हैं या जिस भी विचार पर चिंतन करते हैं, उसमें भविष्य के भारत को दिशा देने की क्षमता है। उन्होंने छात्रों को नए विचारों और नवाचारी सोच के लिए सदैव खुला रहने का संदेश दिया।समारोह इस संकल्प के साथ समाप्त हुआ कि विज्ञान-आधारित, पर्यावरण-सम्मत विकास को और अधिक मजबूती प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर–सीएसआईओ की प्रिसिजन इंस्ट्रूमेन्टेशन, फोटोनिक्स, पर्यावरण मॉनिटरिंग प्रणाली और स्वदेशी तकनीकों में विशेषज्ञता तथा पर्यावरण सोसाइटी ऑफ इंडिया की जमीनी पहुँच—दोनों मिलकर भारत में सतत विकास का उत्कृष्ट मॉडल प्रस्तुत करती हैं।
डॉ. आर. सी. मिश्रा, आईपीएस (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, ईएसआई; एर. हेम राज सतीजा, उपाध्यक्ष; तथा एन. के. झिंगन, सचिव, ईएसआई ने राज्यपाल, सीएसआईआर–सीएसआईओ, शिक्षकों और संबद्ध संस्थानों के प्रति आभार व्यक्त किया।राज्यपाल ने इको क्विज़, पेंटिंग और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने स्वर्ण जयंती समारोह के प्रथम चरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सोसाइटी के सदस्यों को भी सम्मानित किया।स्वर्ण जयंती समारोह के द्वितीय चरण में सेमिनारों सहित किचन गार्डन अवार्ड्स, ट्राईसिटी के सर्वश्रेष्ठ पार्क पुरस्कार तथा अन्य पर्यावरण-संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि युवा प्रेरित हों, वैज्ञानिक सशक्त हों और भारत स्वच्छ, हरित एवं आत्मनिर्भर भविष्य की ओर अग्रसर हो।