*मुख्यमंत्री करसोग क्षेत्र के प्रवास पर, क्षेत्र की जनता को देंगे विकास कार्यों की सौगात*
*मंडी, 09 अक्टूबर।* मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू मंडी जिला के करसोग क्षेत्र के एक दिवसीय प्रवास पर आ रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री करसोग क्षेत्र के लोगों को विभिन्न विकासात्मक कार्यों की सौगात देंगे।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मुख्यमंत्री 11 अक्टूबर, 2025 को प्रातः करीब 11.00 बजे करसोग के कुन्हू हेलीपैड पहुंचेंगे। यहां से वे संयुक्त कार्यालय भवन करसोग के लिए प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री यहां विभिन्न विभागों के तहत विकासात्मक कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे और जन समस्याओं का निराकरण भी करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके उपरांत दोपहर बाद मुख्यमंत्री वापिस शिमला लौट जाएंगे।
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*रैंप योजना से एमएसएमई क्षेत्र में नवाचार और विकास को मिलेगी नई गति*
मंडी, अक्टूबर 2025-हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग की ओर से मंडी ज़िला में रेजिंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) योजना के तहत जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र की प्रगति, नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम प्रदर्शन को उन्नत एवं तीव्र करने का कार्यक्रम (RAMP)’ योजना की भूमिका पर चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में मंडी के महाप्रबंधक, औद्योगिक विभाग, श्री जे. आर. अभिलाशी (GM, मंडी), श्री गोपी चन्द पाठक (परियोजना अधिकारी, DRDA, मंडी) एवं श्री लोकेश भाटिया (मुख्य प्रबंधक, NSIC, HP) उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि विश्व बैंक द्वारा संचालित यह योजना MSME मंत्रालय की महत्वपूर्ण सुधार आधारित पहल है। RAMP योजना का उद्देश्य MSME क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता, तकनीकी सशक्तिकरण और बाज़ार पहुँचना बढ़ाना है।
उद्योग विभाग की ओर से उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा कि यह योजना हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह सीमित ऋण प्रवाह, बाज़ार पहुँच, और कम औपचारिकरण जैसी चुनौतियों का समाधान करते हुए नवाचार, डिजिटलीकरण, और सतत उद्योग विकास को प्रोत्साहित करती है।
कार्यशाला के दौरान “कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC)” की भूमिका पर भी चर्चा की गई, जो सूक्ष्म उद्यमों की गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धा एवं विकास को सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। स्थानीय उद्योगों की चुनौतियों एवं अवसरों पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श हुआ।
इस कार्यशाला में 60 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें MSME से जुड़े कारीगर समूहों के प्रतिनिधि, पर्यटन क्षेत्र के प्रतिभागी, एफपीओ/एफपीसी सदस्य एवं नवोदित उद्यमी शामिल थे।
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