लंदन, 02.10.25-: हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां 5 अक्तूबर से 12 अक्तूबर, 2025 तक बारबाडोज की राजधानी ब्रिजटाऊन में आयोजित होने वाले 68वें राष्ट्रमण्डल संसदीय सम्मेलन में भाग लेने 29 सितम्बर, 2025 की अर्धरात्री को रवाना हो चुके हैं। पठानियां आजकल लंदन में मौजूद हैं। विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार तथा विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा भी सम्मेलन में भाग लेने ब्रिजटाऊन गए हैं तथा पिछले दो दिनों से लंदन में मौजूद हैं।

विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां पिछले कल यूनाइटेड किंगडम, लंदन में एल्डविच स्थित भारतीय दूतावास इंडिया हाऊस पहुँचे उनके साथ विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार तथा विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा भी मौजूद थे। इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने लंदन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम के0 दोरईस्वामी से मुलाकात की तथा कई राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय विषयों पर चर्चा की। बैठक के दौरान पठानियां ने विशेषकर सतत पर्यटन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के परिवेश में सतत पर्यटन का विशेष महत्व है तथा इसे विकसित करना आज समय की मांग है।
पठानियां ने कहा कि सतत पर्यटन एक ऐसा पर्यटन दृष्टिकोण है जिसका लक्ष्य पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालना है जिससे वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होने कहा कि पर्यटन को किसी भी क्षेत्र में इस तरह और इस पैमाने पर विकसित व अनुरक्षित करना चाहिए ताकि वह पृथ्वी की जीवन रक्षक प्रणाली की सुरक्षा करते हुए अनंत काल तक व्यवहार्य बना रहे और आने वाली पीढ़ियों का कल्याण इसमें सुनिश्चित हो।
पठानियां ने कहा कि यूरोपियन देशों का पर्यटन आज पूरे विश्व में प्रसिद्व, समृद्व, विकासोन्मुखी तथा अतुल्नीय है जिसको आज सतत पर्यटन के रूप में हमारे देश व प्रदेश को भी अपनाने तथा अनुकरण करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि भारत तथा ब्रिटेन का वर्षों – वर्षातंर से गहरा नाता रहा है तथा आज की पीढी भी उसे संजीदा रखना चाहती है। पठानियां ने कहा कि यूरोपियन पर्यटन की तर्ज पर शिमला, काँगड़ा, कुल्लू तथा चम्बा जैसे रमणीक व नैसर्गिक जिलों को सतत पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है जिससे प्रदेश की आर्थिकी सुदृढ़ होगी तथा पूरे विश्व के पर्यटक इस मनमोहक व देव संस्कृति के द्योतक प्रदेश की ओर आकर्षित होंगे तथा हम आने वाली पीढ़ी के भविष्य के रक्षक के रूप में जाने जाएँगे।
उन्होने कहा कि ब्रिटिश काल में ही भारत के शिमला, डलहौजी जैसे पर्यटक स्थलों पर कई खूबसूरत इमारतों का निर्माण हुआ है जिन्हें आज भी पर्यटक बडे चाव से देखने आते हैं तथा आकर्षण का केन्द्र बने हैं।
इस अवसर पर पर्यटन के अलावा और भी कई कूटनीतिक सम्बन्धों तथा भविष्य की योजनओं पर चर्चा की गई। पठानियां 3 अक्तूबर को सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन से बारबाडोज की राजधानी ब्रिजटाऊन के लिए रवाना होंगे।