ऊना शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने की कवायद पर प्रशासन को मिल रहा व्यापक जन-समर्थन

ऊना 2 दिसम्बर. जिलाधीश ऊना जतिन लाल द्वारा शहर में यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने एवं आम नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए चलाए जा रहे अभियान को ऊना शहर के नागरिकों तथा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों का व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। जिलाधीश के निर्देशानुसार प्रशासन ने हाल ही में शहर की सड़कों के किनारे लगी अवैध रेहड़ी-फेड़ी हटाने, दुकानदारों द्वारा अनियमित रूप से घेरकर उपयोग की जा रही सड़क को खाली करवाने तथा सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को हटाने की कार्रवाई प्रारम्भ की है। इस पहल का उद्देश्य शहर में यातायात को सुचारू बनाना, जाम की समस्या को कम करना तथा पैदल यात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करना है। जिलाधीश की इस कार्रवाई को शहर के नागरिकों, व्यापारी वर्ग के जिम्मेदार प्रतिनिधियों और सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों ने इस कदम का जोरदार स्वागत करते हुए इसे शहर की व्यवस्था सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया है। उन्होंने ने प्रशासन को आश्वस्त किया है कि वे इस अभियान में पूर्ण सहयोग देंगे तथा जन-जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।
*लोग बोले...हर दिन जाम से मिली निजात, अच्छे काम में हम सब साथ
गांव अरनियाला के वरिष्ठ नागरिक संगठन के प्रधान राजेश सैनी और इंडियन एक्ससर्विस लीग ऊना के अध्यक्ष कैप्टन शक्ति चन्द ने प्रशासन इस कदम की सराहना की है। इनका कहना है कि अवैध कब्जों और अव्यवस्थित पार्किंग के कारण शहर की मुख्य सड़कों पर प्रतिदिन जाम की स्थिति बनती थी, जिससे आम जनता, स्कूल जाने वाले बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। उन्होंने प्रशासन के इस कदम के कारण प्रभावित किसी जरूरतमंद व्यक्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का प्रावधान करने का सुझाव दिया है।
इसके अलावा आम नागरिकों ने भी प्रशासन के इस कदम की सराहना की है। लोगों का कहना है कि प्रशासन का यह कदम लंबे समय से आवश्यक था और इससे शहर में अनुशासन, स्वच्छता व व्यवस्था कायम रहेगी। कई लोगों ने इस प्रकार की नियमित कार्रवाई जारी रखने की भी मांग की। लोगों ने कहा कि सड़कों से अवैध कब्जा हटने के बाद यातायात पहले की तुलना में काफी सहज हो गया है। जहां पहले घंटों जाम लगता था, अब वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से हो रही है। पैदल चलने वालों ने राहत जताते हुए कहा कि फुटपाथ और सड़क के किनारे साफ होने से अब सुरक्षित तरीके से चलना आसान हुआ है। पहले उन्हें वाहनों के बीच से निकलना पड़ता था, जिससे दुदुर्घटना का खतरा बना रहता था। कई दुकानदारों और स्थानीय निवासियों ने माना कि अवैध रेहड़ी-फेरी हटने से बाजार अधिक व्यवस्थित व साफ़-सुथरा दिखाई देने लगा है, जिससे खरीदारी का माहौल बेहतर हुआ है। लोगों ने सराहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अवैध अतिक्रमण हटने से अब सड़कें और फुटपाथ अपने मूल उपयोग के लिए उपलब्ध हो सके हैं, जिससे शहर की सुंदरता भी बढ़ी है।

*डीसी की अपील...सुव्यवस्था में करें सहयोग
जिलाधीश जतिन लाल ने कहा है कि जिले में सार्वजनिक सुविधाओं को सुचारू बनाने के लिए भीड़ भाड़ नियंत्रित करने और यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए ज़िला के अन्य मुख्य बाजारों में भी यह मुहिम चलाई जाएगी। इस संबंध में स्थानीय व्यापार मंडलों से प्रस्ताव मांगे गये हैं। इसके अतिरिक्त सड़क किनारे अतिक्रमण हटाने के लिए एसडीएम, पीडब्ल्यूडी और नगर निकायों को भी संयुक्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे शहर को सुंदर, सुरक्षित और सुव्यवस्थित रखने में प्रशासन का सहयोग करें और सड़क, फुटपाथ एवं पार्किंग नियमों का पालन करके जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें।

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*सभी पंचायतों में नशा निवारण समितियां गठित, संवेदनशील पंचायतों में खुद डीसी–एसपी करेंगे प्रत्यक्ष निगरानी*

ऊना, 2 दिसंबर. हिमाचल प्रदेश सरकार का एंटी-चिट्टा अभियान ऊना जिले में मिशन मोड में चलाया जाएगा। जनभागीदारी को केंद्र में रखते हुए इसे एक व्यापक जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा, ताकि युवाओं को चिट्टे की गिरफ्त से प्रभावी ढंग से बचाया जा सके।

यह जानकारी उपायुक्त ऊना, जतिन लाल ने विधानसभा भवन धर्मशाला से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एन-कॉर्ड) बैठक में दी। उपायुक्त ने ऊना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान एसपी अमित यादव भी उपायुक्त कार्यालय के एनआईसी कक्ष में उनके साथ उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बैठक में नशा उन्मूलन अभियान को समुदाय-आधारित जन आंदोलन बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नशे के खात्मे के लिए प्रशासनिक सख्ती के साथ सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।

*डीसी और एसपी खुद संवेदनशील पंचायतों में करेंगे प्रत्यक्ष निगरानी*

उपायुक् ने बताया कि मुख्यमंत्री के नशा-मुक्त हिमाचल के संकल्प को साकार करने के लिए ऊना जिले की सभी 245 पंचायतों में नशा निवारण समितियां गठित की गई हैं। बता दें, डीसी और एसपी स्वयं संवेदनशील पंचायतों का दौरा करेंगे, जमीनी स्थिति की निगरानी करेंगे और अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए प्रत्यक्ष फीडबैक लेंगे।

उन्होंने बताया कि एन-कॉर्ड के तहत जिला स्तरीय समन्वय बैठक प्रतिमाह आयोजित की जा रही है और नशे पर कड़ी निगरानी रखने के लिए बहु-स्तरीय तंत्र विकसित किया गया है। पंचायत स्तर पर गठित समितियां नशे की स्थिति का आकलन, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान, जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन और पुलिस–प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी निभाएंगी।

*ये होंगे समिति में शामिल, नशा उन्मूलन के लिए ठोस उपायबकी होगी जिम्मेदारी*

समितियों में स्थानीय सरकारी स्कूल प्रधानाचार्य को अध्यक्ष, तथा क्षेत्र के पुलिस हेड कांस्टेबल को सदस्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा पंचायत सचिव, महिला मंड-युवक मंडल प्रतिनिधि,आशा वर्कर, सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ नागरिक और ग्राम रोजगार सहायक भी इसमें शामिल होंगे। पंचायत प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य एवं वार्ड सदस्य समिति में एक्स-ऑफिशियो सदस्य होंगे।

उपायुक्त ने बताया कि समिति अपने पंचायत क्षेत्र में नशे की स्थिति का मूल्यांकन और नियमित समीक्षा करेगी। यह नशा बेचने वालों, उपभोक्ताओं और संदेहास्पद गतिविधियों की पहचान, निगरानी और संबंधित एजेंसियों को सूचना देने की जिम्मेदारी निभाएगी। समिति स्कूलों, समुदायों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों तथा प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने में सहयोग करेगी। इसके अलावा, प्रभावित परिवारों की पहचान कर उनकी सहायता के लिए योजना तैयार करने और नशा उन्मूलन हेतु सामुदायिक हस्तक्षेप व एक्शन प्लान सुझाने में भी समिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एसडीएम अपने उपमंडलों में गठित समितियों की गतिविधियों की हर महीने समीक्षा करेंगे, ताकि कार्य की प्रभावशीलता सुनिश्चित हो।

वहीं, एसपी अमित यादव ने कहा कि ऊना जिले में चिट्टा से जुड़े मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। उन्होंने बताया कि कानून के सख्त प्रवर्तन के साथ-साथ जनभागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे नशा उन्मूलन अभियान और अधिक मजबूत हो सके।