चण्डीगढ़ 02.10.25-: चण्डीगढ़ व्यापार मंडल (सीबीएम) ने नगर निगम के हाल ही में लिए गए उस निर्णय का पुरजोर विरोध किया है, जिसके तहत त्योहारों के दौरान ज्यादातर गैर-जीएसटी पंजीकृत बाहरी विक्रेताओं को शहर की नियमित दुकानों के सामने अस्थायी स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई है। व्यापारियों का मानना है कि यह कदम व्यापार विरोधी है और महंगे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत स्थायी जीएसटी डीलरों के हितों को नुकसान पहुंचाएगा। इससे न केवल अनुचित प्रतिस्पर्धा और ईमानदार दुकानदारों को राजस्व हानि होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। साथ ही यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा और व्यवस्था की खामियों का फायदा उठाने का रास्ता खोलेगा।
सीबीएम के अध्यक्ष संजीव चड्ढा ने यहाँ जारी बयान में कहा कि नगर निगम का हालिया निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और व्यापार विरोधी है, जिसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
मोहित सूद, अध्यक्ष, ग्रेन मार्केट एवं अध्यक्ष, जीएसटी समन्वय उप-समिति ने कहा कि गैर-जीएसटी पंजीकृत विक्रेताओं को प्रोत्साहन देना, जो महंगे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में स्थायी जीएसटी डीलरों के हिस्से को खा जाएं, ईमानदार व्यापारिक समुदाय के लिए एक तरह की सजा है।
दिवाकर साहूंजा, उपाध्यक्ष व सह आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि चंडीगढ़ में सबसे कठोर बिल्डिंग उप-नियम लागू हैं, जो वाणिज्य के विकास के लिए बाधक हैं। ऐसे निर्णय, जो भ्रष्टाचार का स्रोत बनते हैं और ईमानदार दुकानदारों के वैध व्यापार हिस्से को खा जाते हैं, अनुचित हैं और शहर व क्षेत्र के विकास एवं कल्याण में व्यापारिक समुदाय के योगदान को रोक देंगे।
चरणजीव सिंह, अध्यक्ष, सीबीएम का कहना है कि हाल ही में चंडीगढ़ व्यापार मंडल के बैनर तले व्यापारियों द्वारा किया गया उदार एवं बड़ा योगदान एक तरह से दंडित किया गया है। दुकानों के आगे का हिस्सा छोड़ने पर आपत्ति करने वाले दल ही लंबे समय में नुकसान झेलेंगे।