धर्मशाला, 13 जून। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति की बैठक आज धर्मशाला के कैबिनेट सभागार सभापति अनिल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई इसमें लोक लेखा समिति ने भारत के महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन वर्ष 2018-19, 2019-20 व 2020-21 तीन वर्षों तक ऑडिट पैरा की समीक्षा की गई।
समिति के सदस्य एवं उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक डॉ. हंस राज, विधायक संजय रत्न, जीत राम कटवाल, इंद्र सिंह, डॉ. जनक, विधायक इंद्र सिंह, राज व मलेंद्र राजन इसमें विशेष रूप से उपस्थित रहे।
समिति के सभापति अनिल शर्मा ने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रदेश सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए जारी राशि का आवश्यकता के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र में सदुपयोग हो। जिला के अधिकारी अपने विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं एवं आवंटित राशि इत्यादि का पूर्ण विवरण रखें और राज्य निधि का पारदर्शी व जबावदेह ढंग से व्यय सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा आवंटित की गई राशि का सही उपयोग कर इसे जन विकास में व्यय करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि आवंटित बजट के अनुरूप तय समय सीमा में कार्य पूर्ण करने को प्राथमिकता दें और अकारण इस राशि को बिना व्यय किए बैंक खातों में न रहने दें।
उन्होंने अधिकारियों से यह भी आग्रह किया कि वे ऑडिट पैरा से संबंधित तथ्यों की पूर्ण जानकारी तय समयावधि में प्रेषित करना सुनिश्चित करें ताकि उनका तद्अनुसार समाधान किया जा सके। उन्होंने सभी विभागों व प्रशासनिक अधिकारियों को विकास कार्यों के त्वरित क्रियान्वयन के दृष्टिगत आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा और उम्मीद जताई कि आज की इस बैठक के सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
बैठक में स्वास्थ्य, नगर निकायों, राजस्व, अग्निशमन सहित अन्य विभागों से संबंधित ऑडिट पैरा पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान समिति के सभी सदस्यों ने विभिन्न मदों पर अपने विचार रखे और बहुमूल्य सुझाव भी दिए।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने समिति के सभापति व सभी सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने समिति को आश्वस्त किया कि आज की इस बैठक में समिति की ओर से प्रदत्त दिशा-निर्देशों व सुझावों की जिला में अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी और सभी विभागों द्वारा तय समयावधि में प्रतिवेदन प्रेषित कर दिए जाएंगे।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी शिल्पी बेक्टा, अनुभाग एवं समिति अधिकारी नैना कोटवी, वरिष्ठ प्रतिवेदक कल्पना वर्मा व श्रीमती अंजुला वर्मा, महालेखा परीक्षक कार्यालय से वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी अनूप कुमार, सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।