ज़िला स्तरीय अनुश्रवण एवं समीक्षा समिति की बैठक आयोजित
सोलन-दिनांक 10.07.2025-उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि समेकित बाल विकास परियोजना के तहत लक्षित वर्गों के कल्याण एवं पोषण के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं और इन योजनाओं के माध्यम से समय पर सहायता प्रदान करना हम सभी का कर्तव्य है। मनमोहन शर्मा आज यहां समेकित बाल विकास परियोजना (आई.सी.डी.एस.) के तहत ज़िला स्तरीय अनुश्रवण एवं समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि समेकित बाल विकास परियोजना सोलन ज़िला के विभिन्न विकास खण्डों में प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित समय से कार्यरत की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आई.सी.डी.एस. के तहत 1281 आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 613173 लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 06 वर्ष तक आयुवर्ग के बच्चों, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को समय पर पोषाहार प्रदान करने में आई.सी.डी.एस. की महत्वपूर्ण भूमिका है। सोलन ज़िला में वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक आयुवर्ग के 17984, 03 वर्ष से 06 वर्ष तक आयुवर्ग के 4168 बच्चों और 6229 गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि पोषाहार के लिए लक्षित वर्गों को चिन्हित करने के लिए सभी स्तरों पर आपसी समन्वय से कार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि बालिका सशक्तिकरण के लिए बालिकाओं की सुरक्षा, उनके सम्मानजनक जीवन-यापन एवं उन्हें आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज बेटियां जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। खेलकूद, राजनीति, सेना सहित विभिन्न क्षेत्रों में बालिकाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक गतिविधियों एवं सतत विकास प्रक्रिया में लड़कियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित बनाने तथा उन्हें सक्षम बनाने के लिए अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
बैठक में अवगत करवाया गया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत वर्तमान में पात्र लाभार्थियों को 51 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। सोलन ज़िला में इस वर्ष अभी तक 16 पात्र लाभार्थियों को 07 लाख 90 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई है। विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत 04 लाभार्थियों को 08 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
बैठक में जानकारी दी गई कि इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत 18 वर्ष तक की आयुवर्ग के 1132 बच्चों को सहायता के रूप में 81 लाख 35 हजार 130 रुपए तथा 18 से 27 वर्ष तक के 34 लाभार्थियों को 2 लाख 53 हजार 946 रुपए की सहायता प्रदान की गई है। शगुन योजना के तहत 18 लाभार्थियों को 5 लाख 58 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई है।
बैठक में अवगत करवाया गया कि वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से पात्र महिलाओं को सहायता प्रदान की जा रही है। सोलन ज़िला में बच्चों के लिंगानुपात में सुधार हुआ है। वर्ष 2023-24 में जहां यह 923 था वहीं वर्ष 2024-25 में यह 964 हो गया है।
बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में जानकारी दी गई कि महिला सशक्तिकरण तथा महिलाओं की सुरक्षा के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक बनाने के लिए इस वर्ष अभी तक ग्राम पंचायत एवं खण्ड स्तर पर 87 शिविर आयोजित किए गए हैं।
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पदम देव ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम निदेशक मण्डल के सदस्य जतिन साहनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार चंदेल, ज़िला पंचायत अधिकारी जोगिंदर प्रकाश राणा, ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन तलवार, ज़िला कल्याण अधिकारी गावा सिंह नेगी, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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सोलन-दिनांक 10.07.2025
ज़िला में 30 सितम्बर तक ‘मध्यस्ता राष्ट्र के लिए अभियान’
सोलन ज़िला के सभी न्यायालयों में 30 सितम्बर, 2025 तक ‘मध्यस्थता राष्ट्र के लिए अभियान’ कार्यान्वित किया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन की सचिव आकांक्षा डोगरा ने दी।
आकांक्षा डोगरा ने कहा कि 90 दिन तक कार्यान्वित किया जा रहा। यह अभियान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, मध्यस्थता और सुलह परियोजना समिति के मार्गदर्शन में कार्यान्वित किया जा रहा है। यह अभियान प्रथम जुलाई, 2025 से चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य विवाह सम्बन्धित पारिवारिक विवाद, मोटर वाहन चालान मामले, घरेलू हिंसा मामले, चैक बाउंस मामले, वाणिज्यिक विवाद, सेवा मामले, समझौता योग्य आपराधिक मामले, उपभोक्ता विवाद, श्रम वसूली के मामले, विभाजन व बेदखली के मुकद्दमे, भूमि अधिग्रहण मामले और अन्य उपयुक्त नागरिक मामलों का निपटारा करना है। उन्होंने कहा कि अभियान जनता को विवादों के वैकल्पिक समाधान की दिशा में प्रेरित करने और काफी समय से लंबित मामलों का निपटारा सुनिश्चित बनाना की दिशा में कार्य कर रहा है।
आकांक्षा डोगरा ने कहा कि मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पक्षकारों के मध्य एक प्रशिक्षित मध्यस्थ की सहायता से आपसी सहमति से विवाद को सुलझाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया गोपनीय, लचीली और कम खर्चीली होती है।
उन्होंने ज़िलावासियों से आग्रह किया कि ‘मध्यस्था राष्ट्र के लिए अभियान’ का लाभ उठाएं और लम्बित विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया को अपनाएं।