ऊना जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई, खनन पट्टे की शर्तों के उल्लंघन पर सतलुज स्टोन क्रशर की बिजली आपूर्ति बंद
नई क्रशिंग गतिविधि पूर्णतः प्रतिबंधित..हालांकि प्लांट परिसर में पहले से स्टोर सामग्री की लोडिंग–ट्रांसपोर्टेशन की अनुमति बरकरार..ताकि स्टॉक का निपटान हो सके
डीसी बोले..खनन नियमों के उल्लंघन पर जारी रहेगी जिला प्रशासन की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
ऊना, 5 दिसंबर. खनन पट्टे की शर्तों और हिमाचल प्रदेश खनिज नियमों के उल्लंघन पर ऊना जिला प्रशासन ने ललड़ी स्थित सतलुज स्टोन क्रशर एवं स्क्रीनिंग प्लांट की बिजली आपूर्ति तत्काल प्रभाव से बंद कर दी है। प्रशासन ने वहां नई क्रशिंग गतिविधि पर पूर्णतः रोक लगाई है, हालांकि पहले से संग्रहित सामग्री की लोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन की अनुमति जारी रहेगी, ताकि स्टॉक का निपटान संभव हो सके।
जिला खनन अधिकारी नीरजकांत ने बताया कि पुलिस ने ओवरलोडिंग के अंदेशे से चार टिप्परों को जांच के लिए रोका था। ड्राइवरों द्वारा प्रस्तुत अनुमति पत्र और धर्मकांटे पर तौल के दौरान दस्तावेज़ों में दर्ज मात्रा और वास्तविक लोड के वजन में बड़ा अंतर पाया गया, जिससे ओवरलोडिंग और खनिज सामग्री के अवैध परिवहन की पुष्टि हुई। यह खनन नियमों और पट्टे की शर्तों का गंभीर उल्लंघन है, जिससे सरकारी राजस्व को हानि पहुंचती है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने डीसी को कार्रवाई की सिफारिश की थी। उस पर उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने खनन विभाग को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। निर्देशों के अनुपालन में माइनिंग विभाग ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए विद्युत विभाग के माध्यम से क्रशर यूनिट की बिजली बंद कर दी है। नई क्रशिंग गतिविधि पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। हालांकि, प्लांट परिसर में पहले से संग्रहित मटीरियल की लोडिंग और परिवहन की अनुमति बरकरार रहेगी, ताकि स्टॉक का निपटान सुनिश्चित किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने इससे पहले भी नियम उल्लंघन के मामले में छेत्राँ क्षेत्र में संचालित एस.एस. स्टोन क्रशर की लीज निलंबित करने और बिजली आपूर्ति बंद करने की कड़ी कार्रवाई की है।
उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि अवैध खनन, नियम उल्लंघन और ओवरलोडिंग के मामलों पर जिला प्रशासन की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति जारी रहेगी। नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी इकाई के खिलाफ सख्त प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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*ऊना शहर को सुव्यवस्थित बनाने की कवायद और तेज*
*शहर में बढ़ा 'नो पार्किंग–नो वेंडिंग ज़ोन' का दायरा*
*डीसी बोले... जन सुरक्षा और सुविधा है प्राथमिकता*
ऊना, 5 दिसंबर. ऊना शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने, पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सड़क किनारे हो रही अव्यवस्थित पार्किंग तथा अनधिकृत वेंडिंग पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन निरंतर प्रयासरत है । इसी क्रम में जिलादंडाधिकारी जतिन लाल ने शुक्रवार को शहर के प्रमुख मार्गों पर यातायात व्यवस्था सुधार को लेकर मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 की धारा 115 एवं 117 के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू किए गए हैं।
*...अब डीसी चौक से ओम भुजिया भंडार तक का पूरा स्ट्रेच 'नो पार्किंग–नो वेंडिंग ज़ोन'*
जारी आदेश के मुताबिक डीसी चौक से ओम भुजिया भंडार तक नो पार्किंग–नो वेंडिंग ज़ोन का विस्तार किया गया है। पहले जारी एक आदेश के अंतर्गत डीसी चौक से डिग्री कॉलेज ऊना तक के मार्ग को 'नो पार्किंग–नो वेंडिंग' ज़ोन घोषित किया गया था। अब इसमें विस्तार करते हुए इस प्रतिबंधित क्षेत्र को डीसी चौक से ओम भुजिया भंडार तक बढ़ा दिया गया है।
इस विस्तारित क्षेत्र में सभी तरह की अवैध पार्किंग और वेंडिंग गतिविधियां पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगी। मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 के अंतर्गत लागू नियम, प्रावधान और दंडात्मक कार्रवाई अब इस पूरे मार्ग पर समान रूप से लागू होंगे।
संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों को आदेशों का सख़्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
*लाल बत्ती चौक से क्षेत्रीय अस्पताल ऊना तक मार्ग भी ' नो पार्किंग–नो वेंडिंग ज़ोन' घोषित*
डीसी ने कहा कि यह ध्यान में आया है कि लाल बत्ती चौक से क्षेत्रीय अस्पताल ऊना तक के मार्ग पर अनियमित पार्किंग एवं अनधिकृत वेंडिंग के कारण यातायात में बाधा उत्पन्न होने के साथ ही पैदल यात्रियों को असुविधा और सुरक्षा संबंधी खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस संपूर्ण मार्ग को दोनों ओर तत्काल प्रभाव से नो पार्किंग–नो वेंडिंग ज़ोन घोषित कर दिया गया है।
इस मार्ग पर केवल दो पूर्व-चिह्नित स्टॉपेज, एक पुराना बस स्टैंड के एग्ज़िट गेट के सामने तथा दूसरा सुविधा पैलेस के सामने, को यथावत रखा गया है। उपमंडल दंडाधिकारी ऊना को इन बस स्टॉपेज की उचित मार्किंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय पुलिस एवं परिवहन विभाग को आदेश के कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। आदेश का उल्लंघन करने पर मोटर व्हीकल्स एक्ट, 1988 तथा अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
*सुगम यातायात, सुरक्षित मार्ग और नागरिकों के लिए बेहतर सुविधा है मकसद*
डीसी जतिन लाल ने कहा कि ऊना शहर में बढ़ते यातायात दबाव, सड़क किनारे अनधिकृत पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या से निजात के लिए प्रशासन ठोस कदम उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन आदेशों का मक़सद केवल ट्रैफिक फ्लो को दुरुस्त करना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करना, पैदल यात्रियों के लिए सुगम मार्ग सुनिश्चित करना और बाजार में स्वस्थ, अनुशासित एवं सभी के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है।
उन्होंने सभी नागरिकों, व्यापारियों और वाहन चालकों से अपील की है कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें और ऊना शहर को बेहतर, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने में सहयोगी बनें।
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डाॅ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना से बच्चों के उच्च शिक्षा के सपने हो रहे साकार
ऋण योजना की वार्षिक आय सीमा 4 लाख से बढ़ाकर 12 लाख, अधिक बच्चों को मिलेगा लाभ
ऊना, 5 दिसंबर. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का स्पष्ट विज़न है कि हिमाचल के किसी भी बच्चे को आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रहना पड़े। इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने डाॅ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है।
साल 2023 में आरंभ की गई यह योजना उन युवाओं के लिए भरोसे की पक्की गारंटी है जो शिक्षा के क्षेत्र में मेहनत और लगन से ऊंचाई छूना चाहते हैं, पर आर्थिक सीमाओं के कारण बाधित रहे हैं। योजना के तहत हिमाचल सरकार 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण मात्र 1 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवा रही है। यह ऋण उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस, भोजन, आवास और अन्य शैक्षणिक आवश्यकताओं पर खर्च किया जा सकता है।
पात्रता के लिए आय सीमा का विस्तार
ऊना के उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक अनिल कुमार के अनुसार, योजना के शुरू होने के समय लाभार्थी परिवार की वार्षिक आय सीमा 4 लाख रुपये निर्धारित थी। अब इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे अधिक विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
अनिल कुमार कहते हैं कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि हिमाचल के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करें और ज्ञान, कौशल तथा अनुसंधान के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनें। इसमें डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना बहुत कारगर पहल है।
यह है पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक का हिमाचल प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है और पिछली कक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक होना चाहिए। योजना के तहत मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, विधि, आईटीआई, पॉलीटेक्नीक और विश्वविद्यालयों में पीएचडी जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं। आयु सीमा 28 वर्ष तक निर्धारित है।
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है। दस्तावेज जमा होने के 2 कार्य दिवसों में सत्यापन व मंजूरी हो जाती है। यदि छात्र ने कॉर्पस फंड विकल्प चुना है तो ऋण की पहली किस्त 24 घंटे के भीतर छात्र के संस्थान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
वहीं, डीसी जतिन लाल का कहना है कि जिला प्रशासन शिक्षा विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सोच के अनुरूप इस योजना के प्रभावी संचालन और समय पर लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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लगातार जारी है प्रशासन की बाजारों में व्यवस्था सुधार की कवायद, डीसी ने मैहतपुर बाजार का किया दौरा
'नो पार्किंग–नो वेंडिंग जोन' निर्धारण के संबंध में संभावित स्थलों का लिया जायजा
ऊना, 5 दिसंबर. ऊना जिले के मुख्य बाजारों में अतिक्रमण और अव्यवस्थित पार्किंग पर नियंत्रण और सुव्यवस्था स्थापित करने की जिला प्रशासन की कवायद लगातार जारी है। इन्हीं प्रयासों के तहत उपायुक्त जतिन लाल ने शुक्रवार को मैहतपुर बाजार का दौरा किया। उन्होंने मैहतपुर के मुख्य बाजार से लेकर पीएचसी बसदेहदा तक क्षेत्र का विस्तृत निरीक्षण किया और मेहतपुर बैरियर से इंडस्ट्रियल एरिया तक प्रस्तावित नो पार्किंग–नो वेंडिंग जोन के लिए संभावित स्थलों का भी जायजा लिया।
उल्लेखनीय है कि यह व्यवस्था पहले ही ऊना शहर और बंगाणा मुख्य बाजार में लागू की जा चुकी है। इसे जिले के अन्य मुख्य बाजारों में भी लागू किया जाएगा, ताकि लोगों को सुविधा मिले और बेढंगी पार्किंग, अतिक्रमण और अव्यवस्था से निजात मिल सके।
पंजीकृत रेहड़ी–फड़ी विक्रेताओं को ही मिलेगी अनुमति, निर्धारित स्थानों पर कर सकेंगे व्यवसाय
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि मैहतपुर बाजार में केवल पंजीकृत रेहड़ी–फड़ी विक्रेताओं को ही निर्धारित स्थानों पर व्यवसाय करने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि मैहतपुर सब्ज़ी मंडी को सामुदायिक भवन के पास स्थानांतरित किया गया और पुरानी मंडी स्थल को पार्किंग ज़ोन में बदल दिया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन पैदल यात्रियों की सुविधा, अतिक्रमण हटाने और ट्रैफिक सुगम बनाने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रहा है। उन्होंने आम जनता और विक्रेताओं से प्रशासन का सहयोग करने की अपील की, ताकि जिले में एक स्वच्छ, व्यवस्थित और सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
निरीक्षण के दौरान नगर परिषद मैहतपुर–बसदेहदा के जूनियर इंजीनियर प्रभास शर्मा, वर्क सुपरवाइज़र दिनेश कुमार, पुलिस अधिकारी और स्थानीय व्यापार मंडल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
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