HISAR,08.04.24-हमें प्रसिद्ध अभिनेत्री कंगना रानौत के मंडी से लोकसभा चुनाव लड़ने पर कोई ऐतराज नहीं है । यह उनका मौलिक अधिकार है और संविधान ने यह अधिकार सबको दिया है ।

कंगना रानौत इस अधिकार से अलग नहीं लेकिन हाल ही में दी गयी एक इंटरव्यू में जो कंगना रानौत ने कहा और जो नया नया ज्ञान का पिटारा खोला, वह चौंकाने वाला है और उनके ज्ञान पर सिवाय तरस के कुछ नहीं आता पर कहे बिना, लिखे बिना रहा भी तो नहीं जाता ! क्या कोई इस बात से सहमत हो सकता है कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस हमारे देश के सबसे पहले प्रधानमंत्री थे ? कोई नहीं । यह ठीक है कि आज तक सारे दोष प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर ही मढ़े जाते रहे हैं, तो फिर नेता जी कैसे देश के प्रथम प्रधानमंत्री हो गये ? क्या कंगना रानौत देश का नया इतिहास लिख कर ही मानेंगीं ? इससे पहले भी कमाल की बात कही थी कि देश को असली आज़ादी सन् 2014 में मिली । उससे पहले सन्‌ 1947 में तो अंग्रेज़ों ने महात्मा गाँधी को भीख में आज़ादी दी थी । ज़रा गौर कीजिये कि कंगना रानौत अपने आकाओं को खुश करने के लिए किस प्रकार कभी पंडित जवाहरलाल नेहरू तो कभी महात्मा गॉंधी को बड़ी मासूमियत से निशाना बना रही हैं, जबकि खुद मज़ाक का पात्र बनती जा रही हैं । पिछली बार भोपाल से साध्वी प्रज्ञा को लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया था और उन्होंने भी महात्मा गॉंधी पर अपनी टिप्पणी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही व्यथित कर दिया था । अब आप ही बताइये कि ऐसे नये नये ज्ञान देने वाले लोग जब देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में पहुंच जायेंगे तब बहस का स्तर कैसा होगा? क्या कभी प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमामालिनी ने कोई सवाल उठाया? वे मथुरा से सांसद हैं और अब वहां से भाजपा ने मुक्केबाज बिजेंद्र को टिकट देने का फैसला किया है । ‌यहां भी कमाल हो गया। कांग्रेस बिजेंद्र को मथुरा से ही टिकट दे रही थी कि अचानक एक सुबह उनके मन‌‌ ने कहा कि तुम गलत जगह हो और वे भाजपा मुख्यालय गये और फिर मथुरा के प्रत्याशी तो हो गये लेकिन कांग्रेस के नहीं, भाजपा के ! यह भी खूब रही ! सच मन‌ की बात कितना रंग दिखाती है और जो जो मन की बात सुनता है, वह वह धन्य हो जाता है। जैसे गौरव बल्लभ ने सुनी, जैसे औरोंं‌‌ ने सुनीं । बस, मन की सुनो और धन्य हो जाओ ।
या दिल की सुनो दुनिया वालो
या मुझको अभी कुछ कहने दो‌‌ !
मैं गम को खुशी कैसे कह दूं
जो कहते हैं उनको कहने दो‌‌!
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।
941604705